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40 से 50 विदेशी निवेश का प्रस्ताव सरकार के पास लंबित, सबसे ज्यादा चीन से आया FDI

देश में 40 से 50 एफडीआई प्रस्ताव सरकार के पास लंबित हैं। ये प्रस्ताव उन देशों की ओर से हैं जो भारत के साथ भूमि सीमा साझा करती हैं। भारत सरकार की 2020 में लाई गई इस नीति की वजह से इन देशों को मंजूरी लेना अनिवार्य है।

By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarPublished: Wed, 31 May 2023 03:47 PM (IST)Updated: Wed, 31 May 2023 03:47 PM (IST)
40 से 50 विदेशी निवेश का प्रस्ताव सरकार के पास लंबित, सबसे ज्यादा चीन से आया FDI
40 to 50 foreign investment proposal pending with the government.

नई दिल्ली,बिजनेस डेस्क: देश में फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (एफडीआई) की मंजूरी को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक प्रेस नोट 3 के प्रावधानों के तहत भारत के साथ भूमि सीमा साझा करने वाले देशों के लगभग 40 से 50 एफडीआई प्रस्ताव सरकार के पास मंजूरी के लिए लंबित हैं।

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इन देशों को मंजूरी लेना जरूरी

आपको बता दें कि प्रेस नोट 3 के तहत, सरकार ने भारत के साथ भूमि सीमा साझा करने वाले देशों से विदेशी निवेश के लिए इसकी पूर्व स्वीकृति लेना अनिवार्य कर दिया है। जिन देशों के उपर ये लागू होता है वो चीन, बांग्लादेश, पाकिस्तान, भूटान, नेपाल, म्यांमार और अफगानिस्तान है।

इन देशों के एफडीआई प्रस्तावों को भारत में किसी भी क्षेत्र में निवेश के लिए सरकार की मंजूरी लेना जरूरी है।

इस मंत्रालय के पास लंबित है प्रस्ताव

सूत्रों के मुताबिक वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के पास लगभग 40 से 50 प्रस्ताव सुरक्षा और राजनीतिक मंजूरी नहीं मिलने की वजह से लंबित हैं और फिलहाल प्रेस नोट 3 के तहत इन मानदंडों को आसान बनाने के लिए कोई विचार नहीं किया जा रहा है।

सूत्रों ने कहा कि इन देशों में एफडीआई पूरी तरह से प्रतिबंधित नहीं है। लंबित होने का कारण सरकारी मंजूरी लेने का लंबा रास्ता है जिसमें निश्चित तौर पर समय लगता है।

इतने महीनों में मिल सकती है मंजूरी

आपको बता दें कि सरकार तीन महीने में इन प्रस्तावों को मंजूरी देने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन इसमें लगभग सात महीने लग जाते हैं।

पिछले वित्त वर्ष 16 फीसदी कम FDI

भारत में कुल एफडीआई इनफ्लो, जिसमें इक्विटी इनफ्लो, पुनर्निवेशित आय और अन्य पूंजी शामिल है, पिछले वित्त वर्ष में 16 प्रतिशत घटकर वित्त वर्ष 2021-22 में 84.83 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में 70.97 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया था।

2020 में आया था प्रेस नोट 3

भारत सरकार ने प्रेस नोट 3 को अप्रैल 2020 में पेश किया गया था क्योंकि सरकार कोविड-19 महामारी के बाद घरेलू कंपनियों के अवसरवादी अधिग्रहण पर अंकुश लगाना चाहती थी। इन प्रस्तावों की जांच के लिए सरकार द्वारा एक अंतर-मंत्रालयी समिति का गठन किया गया है।

किन देशों से कितना FDI

भारत को सबसे ज्यादा चीन से अप्रैल 2000 से मार्च 2023 तक 2.5 बिलियन डॉलर का एफडीआई मिला है। वहीं बंग्लादेश से 0.076 मिलियन डॉलर, नेपाल से 3.31 मिलियन डॉलकर, म्यांमार से 9 मिलियन डालर और अफगानिस्तान से 2.57 मिलियन डॉलर का एफडीआई मिला है।

 


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