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    वित्त मंत्रालय 3 फीसद स्पेक्ट्रम शुल्क के पक्ष में

    By Edited By:
    Updated: Wed, 22 Jan 2014 09:49 AM (IST)

    वित्त मंत्रालय ने आगामी स्पेक्ट्रम नीलामी में बोली जीतने वाली कंपनियों पर उनकी सालाना आय का तीन फीसद स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (एसयूसी) लगाने का सुझाव दि ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने आगामी स्पेक्ट्रम नीलामी में बोली जीतने वाली कंपनियों पर उनकी सालाना आय का तीन फीसद स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (एसयूसी) लगाने का सुझाव दिया है। वहीं, ब्रॉडबैंड स्पेक्ट्रम का शुल्क मौजूदा एक फीसद पर बरकरार रखने की वकालत की है।

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    एसयूसी को लेकर टेलीकॉम ऑपरेटरों में मतभेद के बीच वित्त मंत्रालय ने अपना यह रुख स्पष्ट किया है। वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग का कहना है कि बीडब्ल्यूए स्पेक्ट्रम रखने वाली मौजूदा कंपनियों में से अगर कोई कंपनी तीन फरवरी से होने वाली नीलामी में स्पेक्ट्रम हासिल करती है तो उससे तीन फीसद एसयूसी वसूला जाए।

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    बीडब्ल्यूए स्पेक्ट्रम रखने वाली जिन कंपनियों को नीलामी में कोई स्पेक्ट्रम हासिल न हो उन पर एक फीसद का शुल्क बरकरार रखा जाए। फिलहाल यह शुल्क तीन-आठ फीसद है। टेलीकॉम नियामक ट्राई ने इसे घटाकर तीन-पांच फीसद करने की सिफारिश की है। एसयूसी को लेकर प्रमुख जीएसएम कंपनियों और मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो इंफोकॉम के बीच गंभीर मतभेद की स्थिति बनी है।

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    जीएसएम कंपनियों के संगठन सेल्युलर ऑपरेटर एसोसिएशन ऑफ इंडिया सरकार से ट्राई का सुझाव लागू करने की मांग कर रहा है। वहीं, रिलायंस जियो और वीडियोकॉन टेलीकॉम मौजूदा व्यवस्था में बदलाव का विरोध कर रही हैं। इन कंपनियों के पास बीडब्ल्यूए स्पेक्ट्रम मौजूद हैं। नीलामी में हिस्सा लेने के लिए आवेदन करने वाली कंपनियों में रिलायंस जियो, वोडाफोन, एयरटेल, एयरसेल, टाटा टेलीसर्विसेज, आइडिया सेल्यूलर, टेलीविंग्स (यूनीनॉर) और रिलायंस कम्युनिकेशंस शामिल हैं।

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