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    ब्लैक मनी को व्हाइट करने का नया फंडा, सीईआइबी ने भेजी रिपोर्ट

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    Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)

    टैक्स चोरों ने अब अपनी काली कमाई खपाने के लिए नया रास्ता खोज लिया है। आर्थिक खुफिया एजेंसियों ने कंपनियों के प्राइवेट प्लेसमेंट प्रोगाम (पीपीपी) में 2,2

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    नई दिल्ली। टैक्स चोरों ने अब अपनी काली कमाई खपाने के लिए नया रास्ता खोज लिया है। आर्थिक खुफिया एजेंसियों ने कंपनियों के प्राइवेट प्लेसमेंट प्रोगाम (पीपीपी) में 2,280 करोड़ रुपये का काला धन खपाने के मामले पकड़े हैं। वित्त मंत्रालय के अधीन काम करने वाली सेंट्रल इकोनॉमिक इंटेलिजेंस ब्यूरो (सीईआइबी) ने सरकार की विभिन्न एजेंसियों को काली कमाई ठिकाने लगाने के इस नए तरीके से अवगत कराया है।

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    कंपनियों के प्राइवेट प्लेसमेंट प्रोग्राम कालेधन को सफेद बनाने का नया जरिया बन रहे हैं। इसके तहत कंपनियां 50 से कम निवेशकों को प्रतिभूतियां जारी करके रकम जुटाती हैं। इससे ज्यादा निवेशकों को प्रतिभूतियां जारी करने के लिए कंपनियों को आइपीओ लाना पड़ता है। खुफिया एजेंसी की इस जानकारी पर कार्रवाई करते हुए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने तीन मामलों की अप्रेजल रिपोर्ट सीईआइबी को भेजी है। इन मामलों में करीब 2,280 करोड़ रुपये का अवैध धन पीपीपी में लगाया गया है। इनमें विदेशी विनिमय कानूनों के उल्लंघन की जांच के लिए रिपोर्टो को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के साथ भी साझा किया गया है।

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    संदिग्ध लेनदेनों की पहचान करने वाली वित्तीय खुफिया इकाई यानी एफआइयू ने भी ऐसे 881 मामलों की पहचान की है जिनमें कालेधन को पीपीपी में खपाने का संदेह है। इन संदिग्ध मामलों की रिपोर्ट (एसटीआर) आगे की जांच के लिए वित्त मंत्रलय को सौंपी गई हैं। सूत्रों के मुताबिक काला धन खपाने के लिए पीपीपी के दुरुपयोग को रोकने के लिए सीबीडीटी और ईडी दोनों ही अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय कर रहे हैं। खुफिया एजेंसियों को संदेह है कि काली कमाई पीपीपी में खपाने की इन कारगुजारियों में मनी लांडिंग से जुड़े संगठित गिरोहों का हाथ है। वित्त मंत्रलय ने विभिन्न एजेंसियों को इन मामलों की जांच तेज करने को कहा है।