जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। फास्टैग के जरिए इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह को लेकर जमीन पर संचालन संबंधी कुछ समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन आंकड़े बता रहे हैं कि फास्टैग का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है। वर्ष 2021 के मुकाबले 2022 में हाइवे पर फास्टैग के जरिये टोल संग्रह में 46 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। राष्ट्रीय और राज्य, दोनों तरह के राजमार्गों में टोल प्लाजा पर फास्टैग के माध्यम से 2022 में 50,855 करोड़ रुपये का टोल वसूला गया, जबकि इसके एक साल पहले यानी 2021 में यह राशि 34,778 करोड़ रुपये थी।
फास्टैग कार्यक्रम बढ़ाने पर जोर दे रही केंद्र सरकार
फास्टैग के इस्तेमाल से लोगों को हो रही सुविधा को देखते हुए केंद्र सरकार ने फास्टैग कार्यक्रम का दायरा बढ़ाने के प्रयास भी तेज कर दिए हैं। इसके तहत राज्यों के टोल प्लाजा में फास्टैग के इस्तेमाल को लेकर 29 अलग-अलग राज्य इकाइयों और प्राधिकरणों के साथ एमओयू किए गए हैं। इनमें उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक जैसे राज्य शामिल हैं।
अब तक कुल 6.4 करोड़ फास्टैग जारी
देश में अभी कुल 6.4 करोड़ फास्टैग जारी किए गए हैं। फास्टैग की सुविधा से लैस फी प्लाजा की संख्या भी बढ़ती जा रही है। 2022 में इनकी संख्या 1181 की वृद्धि हुई है, जिनमें स्टेट हाइवे के फी प्लाजा भी शामिल हैं। 2021 में इनकी संख्या 922 थी। राष्ट्रीय राजमार्गों के फी (टोल) प्लाजा में गत दिसंबर में औसत दैनिक संग्रह 134.44 करोड़ रुपये रहा।
एक दिन में 144.19 करोड़ रुपए टोल संग्रह का रिकॉर्ड
बता दें कि एक दिन में सबसे अधिक संग्रह का रिकार्ड 24 दिसंबर को बना, जब कुल 144.19 करोड़ का टोल संग्रह किया गया। इसी तरह फास्टैग ट्रांजैक्शन में भी पिछले साल 48 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 2021 में जहां 219 करोड़ ट्रांजैक्शन किए गए थे वहीं 2022 में यह संख्या 324 करोड़ रही।