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    शेयर बाजार से जुड़ा है देश का हर पांचवां घर, FPI के बराबर पहुंची रिटेल इन्वेस्टर्स की हिस्सेदारी

    By Agency Edited By: Suneel Kumar
    Updated: Tue, 04 Feb 2025 05:42 PM (IST)

    पिछले पांच महीनों के दौरान एक करोड़ निवेशक शेयर बाजार से जुड़े हैं। 2024 में 2.32 करोड़ नए निवेशक बाजार में आए जो किसी एक साल में अब तक का सबसे अधिक आंकड़ा है। एनएसई की एक रिपोर्ट में शेयर बाजार में निवेश के जरिये भारतीय परिवारों की कमाई भी बताई गई है। पिछले पांच साल में शेयर बाजार में पारिवारिक संपत्ति 40 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा बढ़ी है।

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    भारी उतार-चढ़ाव के बावजूद भारतीय निवेशकों का शेयर बाजार में विश्वास बरकरार है।

    एएनआई, मुंबई। नेशनल स्टाक एक्सचेंज की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय कंपनियों के कुल बाजार पूंजीकरण में पिछले दशक में छह गुना की वृद्धि हुई है। देश का प्रत्येक पांचवां घर शेयर बाजारों से जुड़ा हुआ है। रिपोर्ट में बताया गया है कि शेयर बाजार निवेश से जुड़े खातों की संख्या 21 करोड़ को पार कर गई है। इसमें 18 करोड़ से अधिक डीमैट खाते हैं।

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    पिछले पांच महीनों के दौरान एक करोड़ निवेशक शेयर बाजार से जुड़े हैं। अकेले वर्ष, 2024 में 2.32 करोड़ नए निवेशक बाजार में आए, जो किसी एक वर्ष में अब तक का सबसे अधिक आंकड़ा है। रिपोर्ट में शेयर बाजार में निवेश के जरिये भारतीय परिवारों की संपत्ति सृजन पर भी प्रकाश डाला गया है।

    पिछले पांच साल के दौरान शेयर बाजार में पारिवारिक संपत्ति बढ़कर 40 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा बढ़ी है। बीते तीन सालों के दौरान इनकी संपत्ति में 28 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की वृद्धि हुई है। अकेले वर्ष 2024 में, घरेलू निवेशकों की संपत्ति में 13.2 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है।

    संपत्ति का अनुमान एनएसई-सूचीबद्ध कंपनियों में प्रत्यक्ष स्टॉक निवेश और म्यूचुअल फंड दोनों के माध्यम से व्यक्तिगत होल्डिंग में वार्षिक परिवर्तन पर आधारित है। रिपोर्ट में यह माना गया है कि व्यक्तियों के पास म्यूचुअल फंड निवेश का उतना ही हिस्सा है जितना कि वे इक्विटी एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) में रखते हैं।

    व्यक्तिगत निवेशकों की हिस्सेदारी एफपीआई के बराबर

    बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद भारतीय निवेशकों का शेयर बाजार में विश्वास बरकरार है। एनएसई ने कहा कि सितंबर, 2024 तक व्यक्तिगत निवेशकों की प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर भारतीय शेयर बाजार में हिस्सेदारी 17.6 प्रतिशत है, जो पिछले वर्षों की तुलना में बहुत ज्यादा है। यह विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआइ) की हिस्सेदारी के लगभग बराबर है, जो वित्त वर्ष 2020-21 में व्यक्तिगत होल्डिंग की तुलना में 7.1 प्रतिशत अधिक था।

    रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि एफपीआई जहां फंड निकाल रहे हैं, वहीं मजबूत घरेलू प्रवाह ने बाजार को स्थिर रखा है। भारतीय परिवारों की इक्विटी में भागीदारी और बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि अधिक निवेशक बाजार में प्रवेश कर रहे हैं और धन सृजन जारी है। अगले कुछ साल में भारतीय परिवारों की भागीदारी नई ऊंचाई पर पहुंचने की उम्मीद है।

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