ESIC स्कीम के क्या हैं फायदे, कौन लगा सकता है पैसा; किसे होगा अधिक मुनाफा
ESIC Scheme ईएसआईसी स्कीम सरकार की एक ऐसी योजना है जिसमें स्कीम होल्डर के साथ ही उसका पूरी परिवार भी शामिल होते हैं। ये एक तरह का हेल्थ इंश्योरेंस होता है। इस स्कीम में कौन से फायदे दिए जाते हैं?

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। इम्पलॉय स्टेट इंश्योरेंस स्कीम ऑफ इंडिया (ESIC) एक बहुआयामी सामाजिक सुरक्षा योजना है। इसे कर्मचारियों को सामाजिक-फाइनेंशियल सिक्योरिटी देने के लिए डिजाइन किया गया है। इस योजना को एम्पलॉय स्टेट इंश्योरेंस कॉर्पोरेट के ऑपरेट करता है। यह कर्मचारियों को बीमारी, मैटरनिटी, विकलांगता और मृत्यु से बचाता है। इस स्कीम में कर्मचारी के साथ ही उनके परिवार भी शामिल होते हैं।
ईएसआईसी में कौन आवेदन कर सकता है?
1 जनवरी 2017 से वही कर्मचारी इस स्कीम में शामिल हो सकते हैं जिनकी सैलरी 21,000 रुपए (प्रति माह) है। कर्मचारियों को ईएसआईसी स्कीम में एनरॉल करने की जिम्मेदारी कंपनी की होती है। इसमें कर्मचारी के वेतन से कुछ फिक्स राशि जमा की जाती है। इस स्कीम में बिना किसी भेदभाव के सभी को लाभ दिया जाता है।
इस स्कीम के बेनिफिट
- मेडिकल बेनिफिट : जैसे ही कर्मचारी इस स्कीम में शामिल होता है, वो और उसका पूरा परिवार इस स्कीम का लाभ उठा सकता है। मेडिकल ट्रीटमेंट पर किसी भी प्रकार की कोई लिमिट नहीं है। 120 रुपए के सालाना प्रीमियम के भुगतान पर, रिटायर्ड और विकलांग व्यक्ति और उनके जीवनसाथी को भी इस स्कीम का लाभ मिलता है।
- सिकनेस बेनिफिट : अगर कोई कर्मचारी 91 दिनों तक बीमार रहता है तब उसे अपने वेतन का 70 फीसदी नकद मुआवजे के तौर पर मिलता है।
- मैटरनिटी बेनिफिट : इस स्कीम में मैटरनिटी 26 हफ्ते के लिए दी जाती है। इसमें मेडिकल सलाह पर एक महीने का एक्सटेंशन भी दिया जाता है।
- डिसएबलमेंट बेनिफिट : अगर कर्मचारी को काम के दौरान किसी भी प्रकार की दुर्घटना हो जाती है तब उसे वेतन का 90 फीसदी मिलता है, जब तक वो ठीक नहीं होता है। वहीं अगर दुर्घटना में कर्मचारी विकलांग हो जाता है तब उसे वेतन का 90 फीसदी दिया जाता है। इसके लिए कर्मचारी को मेडिकल बोर्ड (Medical Board)से विकलांगता का सर्टिफिकेट बनवाना होता है।
- डिपेंडेंट बेनिफिट : अगर कर्मचारी की काम के दौरान मृत्यु हो जाती है। तब उनके परिवार को कर्मचारी की सैलरी का 90 फीसदी मिलता है। इसी के साथ कर्मचारी के अंतिम संस्कार पर 15,000 रुपए भी परिवार को मिलता है।
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