25 लाख रुपये का लोन बना गेमचेंजर, कॉलेज छोड़ते ही खोली ये दुकान; आज 36500 करोड़ के मालिक
अनुराग जैन ने 25 लाख रुपये के कर्ज से एंड्योरेंस टेक्नोलॉजीज की शुरुआत की थी। मुंबई में पढ़ाई के बाद उन्होंने औरंगाबाद में अपनी यूनिट स्थापित की। बजाज ...और पढ़ें

कभी 25 लाख रुपये का कर्ज लेकर एक छोटी दुकान शुरू करने वाला युवक आज सबसे बड़े ऑटो कंपोनेंट उद्यमियों में गिना जाता है।
नई दिल्ली। कभी 25 लाख रुपये का कर्ज लेकर एक छोटी सी यूनिट (Shop) शुरू करने वाला युवक आज भारत के सबसे बड़े ऑटो कंपोनेंट उद्यमियों में गिना जाता है। हम आपको एंड्योरेंस टेक्नोलॉजीज के फाउंडर अनुराग जैन (Who is the founder of Endurance Technologies) के बारे में बता रहे हैं। जिन्होंने धैर्य, दूरदर्शिता और सही फैसलों के दम पर एक मिडिल-क्लास शुरुआत को 36,500 करोड़ रुपये तक पहुंचा दिया। तो चलिए जानते हैं यह लाखों रुपये से शुरू हुआ सफर कैसे आज अरबों रुपये में तब्दील हो चुका है। चलिए इनकी स्टोरी जानते हैं
कॉलेज के बाद नहीं चुना ये काम
मुंबई के कैथेड्रल स्कूल और सिडेनहैम कॉलेज से पढ़ाई करने के बाद अनुराग जैन के सामने भी आम युवाओं की तरह सवाल था कि अब पढ़ाई के बाद आगे क्या किया जाए? परिवार का संबंध बजाज परिवार से था, लेकिन खुद का कोई मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस नहीं था। यही कमी उन्हें खल रही थी।
25 लाख का कर्ज कैसे बना गेमचेंजर
साल 1985 में उन्होंने बड़ा फैसला लिया और 25 लाख रुपये का कर्ज लेकर औरंगाबाद में अपनी खुद की यूनिट शुरू की। उन दिनों, उद्योगों को औरंगाबाद में कारोबार स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन दिए जाते थे (अन्य बातों के अलावा, बिक्री कर पर 10 साल की छूट सरकार की ओर से ब्याज मुक्त ऋण के रूप में दी जाती थी)।
कैसे छोटी शुरुआत और बड़े सपने ने बनाया अरबपति
उन्होंने शुरुआत में दो हाई-प्रेशर डाई कास्टिंग मशीनों के साथ बजाज ऑटो के लिए पार्ट्स बनाने में लग गए। वह दौर अनुराग जैन के लिए ''सीखने के साल और कठिन साल'' थे। लेकिन इन्हीं शुरुआती साल ने एंड्योरेंस टेक्नोलॉजीज की मजबूत नींव रखी।
ये टेक्नोलॉजी पर दांव बना टर्निंग पॉइंट
साल 1993 तक अनुराग जैन समझ चुके थे कि सिर्फ एक ग्राहक पर निर्भर रहना खतरनाक हो सकता है। उन्होंने अपनी खुद की प्रोप्राइटरी टेक्नोलॉजी विकसित करने पर फोकस किया। फ्रंट फोर्क, शॉक एब्जॉर्बर, क्लच असेंबली और डिस्क ब्रेक जैसे प्रोडक्ट्स पर काम शुरू हुआ। आज कंपनी के पास 400 से ज्यादा R&D इंजीनियर और 91 पेटेंट हैं।
भारत से कैसे हुई यूरोप तक पहुंच
साल 2006 में एंड्योरेंस ने जर्मनी और फिर इटली में अधिग्रहण किए। इससे कंपनी को यूरोप के बड़े ऑटो ब्रांड्स का भरोसा मिला। आज एंड्योरेंस की 30% कमाई विदेशों से आती है, जो भारतीय ऑटो सेक्टर की सुस्ती के दौर में भी कंपनी को स्थिर बनाए रखती है।
अनुराग जैन की कितनी है नेटवर्थ
साल 2016 में लिस्ट होने के बाद एंड्योरेंस टेक्नोलॉजीज ने निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिए। कंपनी की वैल्यूएशन 43 गुना अर्निंग तक पहुंच चुकी है और NSE के डेटा के मुताबिक लेटेस्ट मार्केट कैप 35,866 करोड़ रुपये है। फोर्ब्स इंडिया रिच लिस्ट 2025 के मुताबिक अनुराग जैन और उनके परिवार की कुल संपत्ति 4.07 अरब डॉलर (करीब 36554 करोड़ रुपये) आंकी गई है। जैन की उम्र 63 साल है और देश के 75वें सबसे अमीर शख्स हैं।

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