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    ट्रंप टैरिफ के खिलाफ मास्टर स्ट्रोक साबित हुआ भारत का यह कदम, टेक्सटाइल उद्योग के धंधे में नहीं आएगी आंच

    Updated: Wed, 03 Sep 2025 02:35 PM (IST)

    भारत सरकार ने कॉटन के इंपोर्ट पर 0 ड्यूटी कर दी है। वहीं अमेरिका ने रेसिपोकल टैरिफ (Trump Tariff) लगाते हुए कहा था कि अगर भारतीय निर्यातक अमेरिकी कॉटन से प्रोडक्ट बनाते हैं तो उन पर टैरिफ नहीं लगेगा। भारत का यह कदम ट्रंप टैरिफ के खिलाफ मास्टर स्ट्रोक साबित हुआ है। अब टेक्सटाइल इंडस्ट्री को ज्यादा घाटा नहीं होगा।

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    ट्रंप टैरिफ के खिलाफ मास्टर स्ट्रोक साबित हुआ भारत का यह कदम, टेक्सटाइल उद्योग के धंधे में नहीं आएगी आंच

    नई दिल्ली। अमेरिका के 50 फीसदी टैरिफ से सबसे ज्यादा नुकसान भारत के टेक्सटाइल इंडस्ट्री को हो रहा था। लेकिन भारत ने ऐसी चाल चल थी कि अब कपड़ा उद्योग पर टैरिफ का प्रभाव कम पड़ेगा। दरअसल, भारत सरकार ने विदेश से आयात होने वाले कॉटन पर इंपोर्ट ड्यूटी फ्री (Cotton Import Duty) कर दी थी। यानी अगर कोई व्यापारी विदेश से कॉटन मंगाता है तो उसे टैरिफ यानी ड्यूटी नहीं चुकानी होगी। दरअसल, अमेरिकी पारस्परिक टैरिफ रूल यानी रेसिपोकल टैरिफ नियम के हिसाब से अगर भारतीय कारोबारी अमेरिका से कॉटन मंगाकर प्रोडक्ट बनाते हैं और फिर उन्हें अमेरिका को निर्यात करते हैं तो उन प्रोडक्ट पर टैरिफ नहीं लगेगा। 

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    अमेरिका के नए टैरिफ नियमों के अनुसार उन्हीं कपड़ों पर अमेरिका टैरिफ लगाएगा, जिन्हें अमेरिका के कॉटन से नहीं बनाया गया है। मान लीजिए अगर आप एक कपड़ा व्यापारी हैं और अमेरिका से कॉटन मंगाते हैं। फिर उससे कपड़ा बनाकर यूएस को ही निर्यात करते हैं तो उस पर टैरिफ नहीं लगेगा।

    भारत से निर्यात किए गए कपड़ों को बनाने में अगर 20 फीसदी अमेरिकी कच्चा माल इस्तेमाल हुआ है तो उस पर अतिरिक्त टैरिफ नहीं लगेगा। वहीं, 80 फीसदी पर टैरिफ लगेगा।

    क्या बोले एक्सपर्ट

    इस मुद्दे को लेकर क्लोदिंग मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन के चीफ मेंटर राहुल मेहता का इस पर कहना है कि इससे भारतीय निर्यातकों को फायदा होगा। लेकिन अभी इसे किस तरह से लागू किया जाएगा। इस पर स्टडी चल रही है।

    यानी किस तरह से पता किया जाएगा कि किस प्रोडक्ट में अमेरिकी कच्चा माल का इस्तेमाल हुआ है। इसे लेकर अध्ययन जारी है। इससे थोड़ा फायदा तो होगा। लेकिन इससे भारतीय उत्पादों की कीमत कंपटीशन के दायरे में होंगी।

    यह छूट ऐसे समय में आई है जब भारतीय टेक्सटाइल उत्पादों को ट्रंप के 50 फीसदी टैरिफ की वजह से वियतनाम, बांग्लादेश और मैक्सिको से बड़ा कंपटीशन मिल रहा है। क्योंकि इन देशों पर कम टैरिफ है। भारतीय टेक्सटाइल उत्पादों के लिए यह बहुत ही क्रिटिकल टाइम है। क्योंकि उनके ऑर्डर में भी कमी देखने को मिल रही है। ऐसे में भारत सरकार द्वारा कॉटन इंपोर्ट ड्यूटी फ्री करना एक मास्टर स्ट्रोक साबित हुआ है।

    भारत के लिए बड़ा बाजार है अमेरिका ?

    अमेरिका को भारत ने  वित्त वर्ष 2023 में 10.44 बिलियन डॉलर का टेक्सटाइल निर्यात किया था। FY 2024 में इसमें थोड़ी कमी आई और यह 10.02 बिलियन डॉलर का रहा। लेकिन 2025 में यह बढ़कर 10.91 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। वहीं, भारत के कुल टेक्सटाइल एक्सपोर्ट की बात करें तो यह 2023 में 35.55 बिलियन डॉलर, 2024 में 34.40 बिलियन डॉलर और वित्त वर्ष 2025 में 36.55 बिलियन डॉलर का था।

    वित्त वर्ष 2025 में भारत के टेक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए अमेरिका ही भारत का सबसे बड़ा बाजार था। भारत ने जितना निर्यात किया, उसमें से सबसे ज्यादा अमेरिकी को करीब 29.9 फीसदी किया।

    भारत तीसरा सबसे बड़ा सप्लायर

    अमेरिका के लिए चीन टेक्सटाइल का सबसे बड़ा सप्लायर है। दूसरे नंबर पर वियतनाम और तीसरे पर भारत। चौथे पर बांग्लादेश है। वियतनाम और बांग्लादेश पर भारत की अपेक्षा कम टैरिफ है। इसलिए भारत को इन देशों से कंपटीशन मिल रहा है।

    यह भी पढ़ें- Trump Tariffs: 'कई दशकों से एकतरफा रहे अमेरिका-भारत के रिश्ते', ट्रंप ने टैरिफ का किया बचाव

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