ट्रंप ने जितना टैरिफ वसूला है, सब लौटाना होगा? खिलाफ गया फैसला, तो मुसीबत में फंस जाएंगे अमेरिकी राष्ट्रपति
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के ग्लोबल टैरिफ (Trump Tariffs) पर कानूनी लड़ाई और तेज हो गई है। फेडरल अपील अदालत ने फैसला सुनाया कि ये टैरिफ इमरजेंसी कानून के तहत अवैध रूप से लगाए गए। ट्रंप प्रशासन इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकता है। अगर फैसला ट्रंप के खिलाफ जाता है तो सरकार को सैंकड़ों अरब डॉलर लौटाना पड़ सकता है। फिलहाल टैरिफ जारी रहेंगे।

नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के ग्लोबल टैरिफ (Trump Tariffs) पर कानूनी लड़ाई तब और तेज हो गई है। दरअसल अमेरिका की एक फेडरल अपील अदालत ने फैसला सुनाया कि ये टैरिफ इमरजेंसी कानून के तहत अवैध रूप से लगाए गए, जिससे वैश्विक कारोबार में अफरा-तफरी बढ़ गई।
ट्रंप प्रशासन इस फैसले के खिलाफ जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकता है। उनके पास ट्रेड कोर्ट के सामने मामले पर पुनर्विचार करने की अपील करने का भी ऑप्शन है। मगर यदि इस मामले का अंतिम फैसला ट्रंप के खिलाफ जाता है तो ये उनके ट्रेड एग्रीमेंट्स को उलट देगा। इससे भी बड़ा झटका ट्रंप के लिए ये होगा कि जितना भी टैरिफ सरकार को मिला है, वो सब लौटाना पड़ सकता है, जो कि सैंकड़ों अरब डॉलर हो सकता है।
फिलहाल जारी रहेंगे टैरिफ
वाशिंगटन में शुक्रवार रात न्यायाधीशों के एक पैनल ने 7-4 से ये फैसला सुनाया, जिसे ट्रंप सरकार के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। हालांकि ये टैरिफ अभी बरकरार रहेंगे, क्योंकि जजों में से बहुमत ने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार न्यायालय (Court of International Trade) के मई के उस फैसले को तो बरकरार रखा जिसमें कहा गया था कि टैरिफ अवैध हैं, लेकिन न्यायाधीशों ने मामले की सुनवाई जारी रहने तक टैरिफ को बरकरार रखा है, जैसा कि ट्रंप ने अनुरोध किया था।
डेमोक्रेटिक नेतृत्व वाले राज्यों और छोटे बिजनेसों के एक ग्रुप द्वारा दायर इस मामले में कई ट्रिलियन डॉलर का ग्लोबल ट्रेड उलझा हुआ है।
टैरिफ जैसा शब्द कानून में ही नहीं
शुक्रवार को अमेरिकी संघीय सर्किट अपील न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि ट्रंप का IEEPA (International Emergency Economic Powers Act) के तहत टैरिफ जारी करना गलत था। यह एक फेडरल कानून है जिसके बारे में पैनल का मानना है कि इसका इस तरह इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए था। दरअसल, अदालत ने यह भी कहा कि कानून में टैरिफ या उसके किसी भी समानार्थी शब्द का जिक्र ही नहीं है।
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महंगाई बढ़ेगी और नौकरियां खत्म होंगी
अमेरिकी जानकारों के अनुसा ये टैरिफ अमेरिकियों पर एक बोझ बन जाएंगे। इनसे देश भर में कामकाजी परिवारों और व्यवसायों के लिए लागत बढ़ेगी। नतीजे में महंगाई बढ़ेगी और नौकरियां खत्म होंगी। कोर्ट के आदेश में ट्रंप के पारस्परिक टैरिफ (Reciprocal Tariffs) भी शामिल हैं, जो 7 अगस्त को उन दर्जनों देशों पर लागू हुए थे, जो 1 अगस्त तक अमेरिकी सरकार के साथ व्यापार समझौता करने में विफल रहे।
तब से कई तरह की कटौती और विस्तार की घोषणा की गई, जिससे कुछ देशों के लिए अंतिम टैरिफ अनिश्चित बने हुए हैं।
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