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    दीपिंदर गोयल का नया स्टार्टअप, बनाएगा भारत का पहला स्वदेशी जेट इंजन! जानें क्या है Zomato फाउंडर का प्लान?

    Updated: Fri, 01 Aug 2025 04:47 PM (IST)

    Zomato Founder Deepinder Goyal ने नया एयरोस्पेस स्टार्टअप शुरू किया है। जिसका नाम है- LAT Aerospace। इसके लिए उन्होंने इंजीनियर्स की हायरिंग शुरू कर दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी शेयर किया और लिखा कि एक नई रिसर्च टीम खड़ी की है। जिसका मकसद है- भारत में हल्के कुशल और उड़ान के लिए तैयार गैस टर्बाइन इंजन बनाना।

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    दीपिंदर गोयल ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए इंजीनियर्स की हायरिंग भी शुरू कर दी है।

    नई दिल्ली|  Deepinder Goyal new company : ज़ोमैटो फाउंडर दीपिंदर गोयल (Deepinder Goyal) भारत का पहला स्वदेशी जेट इंजन बनाना चाहते हैं। उन्होंने जोमैटो की पूर्व COO सुरोभि दास के साथ मिलकर एयरोस्पेस स्टार्टअप शुरू किया है। जिसका नाम है- LAT Aerospace (एलएटी एयरोस्पोस)। इसके लिए उन्होंने इंजीनियर्स की हायरिंग भी शुरू कर दी है। इसे लेकर उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी शेयर किया।

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    उन्होंन लिखा कि "बेंगलुरु में एक नई रिसर्च टीम खड़ी की है। जिसका मकसद है- हल्के, कुशल और उड़ान के लिए तैयार गैस टर्बाइन इंजन बनाना, वो भी पूरी तरह भारत में। इंजीनियर्स को सोचने, बनाने, तोड़ने और फिर से बेहतर बनाने की पूरी आजादी मिलेगी। अगर यह मिशन सफल होता है, तो भारत की एविएशन टेक्नोलॉजी में एक नया युग शुरू हो सकता है।"

    उन्होंने आगे लिखा कि LAT के साथ काम करने के लिए इंजीनिर्स engines@lat.com पर संपर्क कर सकते हैं। लेकिन अब सवाल यह है कि आखिर दीपिंदर गोयल का यह कदम अहम क्यों है? और  गैस टर्बाइन इंजन होता क्या है, जिसे लेकर जोमैटो फाउंडर उत्साहित हैं? चलिए बारीकी से समझते हैं। 

    अहम क्यों है दीपिंदर का यह कदम?

    दीपिंदर गोयल का एयरोस्पेस सेक्टर में उतरना एक बड़ी और साहसिक सोच की तरफ इशारा करता है। उनका नया स्टार्टअप एलएटी एयरोस्पेस कम लागत वाले छोटे हवाई जहाज (Short Take-Off and Landing Aircraft- STOL) बनाने की योजना बना रहा है, जो एक बार में करीब 24 यात्रियों को लेकर उड़ान भर सकें। अगर यह प्लान सफल हुआ तो इससे रीजनल एयर ट्रैवल को बूस्ट मिल सकता है। 

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    क्या होता है गैस टर्बाइन इंजन? 

    गैस टर्बाइन इंजन एक तरह का प्रोपल्सन (propulsion) इंजन होता है, जो हवा को कंप्रेस करके उसमें ईंधन मिलाता है, फिर उसे जलाकर हाई स्पीड से गैसें बाहर निकालता है। जिससे थ्रस्ट बनता है। यह इंजन निरंतर प्रवाह (continuous flow) के सिद्धांत पर काम करता है। गैस टर्बाइन इंजन में आमतौर पर तीन हिस्से होते हैं:

    • कंप्रेसर
    • कंबशन चेंबर
    • टर्बाइन

    क्या हैं गैस टर्बाइन इंजनों के फायदे?

    • दूसरे इंजनों की तुलना में हल्के होते हैं।
    • ज्यादा पावर आउटपुट देते हैं।
    • तेज़ रफ्तार विमान उड़ाने में सक्षम होते हैं।
    • ऑपरेशन के दौरान ज़्यादा स्थिरता और स्मूदनेस।
    • प्रदर्शन में ज्यादा भरोसेमंद।
    • कम मेंटेनेंस की जरूरत, क्योंकि इनके ऑपरेटिंग इंटरवल लंबे होते हैं।

    कहां इस्तेमाल होते हैं?

    • गैस टर्बाइन इंजन का सबसे ज्यादा इस्तेमाल प्लेन यानी हवाई जहाजों में होता है।
    • आज लगभग सभी सिविल और मिलिट्री एयरक्राफ्ट इन्हीं इंजन से उड़ते हैं।
    • इन्होंने बाकी पुराने इंजन सिस्टम्स को पूरी तरह से रिप्लेस कर दिया है।

    यह कैसे काम करता है?

    गैस टर्बाइन इंजन में आमतौर पर केरोसीन जैसे तरल ईंधन को कंप्रेस की गई हवा के साथ जलाया जाता है। इस प्रक्रिया में हीट एनर्जी बनती है, जिससे इंजन के अंदर गैसों की ऊर्जा बढ़ती है। इन गैसों की तेज़ गति से मूवमेंट की वजह से इंजन के पार्ट्स पर फोर्स लगता है, जिससे आगे की दिशा में धक्का (thrust) बनता है।

    इस थ्रस्ट का एक हिस्सा वापस जाकर हवा को कंप्रेस करने में इस्तेमाल होता है। ये प्रक्रिया axial-flow या centrifugal compressor से हो सकती है। जेट इंजन में यह ऊर्जा तेज़ गति वाली गैस की धारा के रूप में बाहर निकलती है। इसी वजह से इन्हें 'जेट इंजन' कहा जाता है।