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    अगले साल के अंत में शुरू होगी देश की पहली बड़ी निजी सोने की खदान, पूर्ण पैमाने पर करेगी उत्पादन: DGML MD

    By AgencyEdited By: Priyanka Kumari
    Updated: Sun, 08 Oct 2023 02:19 PM (IST)

    देश में गोल्ड को निवेश के लिए काफी अच्छा ऑप्शन माना जाता है। देश में कई सोने की खदान मौजूद है। अगले वर्ष तक देश में पहली बड़ी निजी सोने की खदान शुरू हो जाएगी। यह खदान डेक्कन गोल्ड माइंस लिमिटेड की होगी। कंपनी ने जानकारी दी है कि अगले साल से वह पूर्ण रूप से उत्पादन शुरू कर देंगे।

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    अगले साल के अंत में शुरू होगी देश की पहली बड़ी निजी सोने की खदान

    एजेंसी, नई दिल्ली। अगले साल तक देश में सबसे बड़ी निजी सोने का उत्पादन शुरू हो जाएगा। यह खदान डेक्कन गोल्ड माइंस लिमिटेड की है। सोने के खदान के शुरू को लेकर डेक्कन गोल्ड माइंस लिमिटेड के प्रबंध निदेशक हनुमा प्रसाद ने कहा कि आंध्र प्रदेश में देश की पहली बड़ी निजी सोने की खदान का पूर्ण पैमाने पर उत्पादन अगले साल के अंत तक शुरू हो जाएगा।

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    यह जानकारी हनुमा प्रसाद ने एक साक्षात्कार में दी है। उन्होंने बताया कि यह जोन्नागिरी स्वर्ण परियोजना शुरू हो चुकी है। इसमें पायलट स्केल ऑपरेशन पहले ही शुरू हो चुका है। ऑपरेशन के पूरा होने के बाद इस खदान के जरिये प्रति वर्ष लगभग 750 किलोग्राम सोने का उत्पादन किया जा सकता है।

    आपको बता दें कि डेक्कन गोल्ड माइंस लिमिटेड एक मात्र बीएसई पर सूचीबद्ध पहली और एकमात्र सोने की खोज करने वाली कंपनी है। डेक्कन गोल्ड माइन्स लिमिटेड (डीजीएमएल) की जियोमिसोर सर्विसेज इंडिया लिमिटेड में 40 फीसदी की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है। यह जोनागिरी में निजी क्षेत्र की पहली सोने की खदान विकसित कर रही है।

    इस खदान में अब तक कुल लगभग 200 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। यह खदना वर्तमान में प्रति माह लगभग एक किलोग्राम सोने का उत्पादन कर रही है। इस खदान की जिम्मेदारी 2013 में दी गई थी। इस खदान की खोज में 8 से 10 साल तक का समय लग गया।

    हनुमा प्रसाद ने आगे बताया कि भारतीय खदान (जोन्नागिरी परियोजना) में निर्माण कार्य चल रहा है। अगले साल अक्टूबर-नवंबर के आसपास यह उत्पादन में आ जाएगा। अल्टीन टोर गोल्ड परियोजना प्रति वर्ष लगभग 400 किलोग्राम सोने का उत्पादन करेगी।

    यह सोने की खदान आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में तुग्गली मंडलम के भीतर जोन्नागिरी, एर्रागुडी और पगदिराय गांवों के पास स्थित है।

    डीजीएमएल के बारे में

    डीजीएमएल की स्थापना 2003 में अन्वेषण और खनन क्षेत्र में गहरी जड़ें रखने वाले प्रमोटरों द्वारा की गई थी। डीजीएमएल लंबे समय से भारत और विदेशों में सोने की खोज गतिविधियों में शामिल रहा है। भारत में, विशेष रूप से कर्नाटक में डीजीएमएल की खोज से धारवाड़ क्रेटन के आर्कियन ग्रीनस्टोन बेल्ट में खुले गड्ढे योग्य सोने के भंडार की खोज हुई। ये निक्षेप हुत्ती और धारवाड़-शिमोगा बेल्ट में हैं।

    2021 से, विस्तार और विविधीकरण के हिस्से के रूप में, डीजीएमएल ने विलय और अधिग्रहण गतिविधियां शुरू की हैं।