भारत में बने प्रोडक्ट दुनियाभर में बेचेगा डीकैथलॉन, 2030 तक भारत से 3 अरब डॉलर की लोकल सोर्सिंग का टारगेट
Decathlon India डीकैथलॉन ने ऐलान किया है कि वह 2030 तक भारत से 3 अरब डॉलर यानी करीब 25000 करोड़ रुपए की लोकल सोर्सिंग करेगा। ये फैसला कंपनी के मेक इन इंडिया के विजन और भारत में 25 साल पूरे होने के मौके पर लिया गया। आज देश के 55 शहरों में डीकैथलॉन के 132 स्टोर्स हैं। कंपनी ने 2030 तक इसे 90+ शहरों में पहुंचाने का टारगेट रखा है।

नई दिल्ली| Decathlon India : फ्रांस के मशहूर स्पोर्ट्स ब्रांड डीकैथलॉन (Decathlon) ने ऐलान किया है कि वह 2030 तक भारत से 3 अरब डॉलर यानी करीब 25,000 करोड़ रुपए की लोकल सोर्सिंग करेगा। ये फैसला कंपनी के 'मेक इन इंडिया' के विजन और भारत में 25 साल पूरे होने के मौके पर लिया गया।
आज देश के 55 शहरों में डीकैथलॉन (Decathlon stores in India) के 132 स्टोर्स हैं। कंपनी ने साल 2030 तक इसे 90 से ज्यादा शहरों में पहुंचाने का टारगेट रखा है। कंपनी के CEO शंकर चटर्जी ने कहा कि भारत में पिछले 25 साल का प्रोडक्शन ही उनकी सबसे बड़ी ताकत रहा है।
आज डीकैथलॉन देशभर में ऑफलाइन स्टोर्स से लेकर मॉल और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर आसानी से उपलब्ध है, जिसका पूरा श्रेय लोकल प्रोडक्शन को जाता है। 2025 में डीकैथलॉन की भारत में बिकने वाली 70% चीजें यहीं बनी थीं, और 2030 तक यह आंकड़ा 90% तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
फुटवियर और फिटनेस इक्विपमेंट पर फोकस
कंपनी भारत में फुटवियर, फिटनेस इक्विपमेंट और टेक्निकल टेक्सटाइल्स जैसी कैटेगिरी पर ज्यादा फोकस कर रही है, ताकि देश और विदेश दोनों की मांगें पूरी की जा सकें। भारत की हिस्सेदारी अभी डीकैथलॉन की ग्लोबल सोर्सिंग में 8% है, जिसे कंपनी 15% तक ले जाना चाहती है।
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डीकैथलॉन का प्लान भारत में 3 लाख से ज्यादा रोजगार पैदा करने का भी है। कंपनी के पास 113 मैन्युफैक्चरिंग साइट्स, 83 सप्लायर और 7 प्रोडक्शन ऑफिस हैं, जो इस सपने को साकार करने में मदद करेंगे।
पांच साल में भारत में क्या-क्या बनेगा?
डीकैथलॉन ने भारत में मैन्युफैक्चरिंग को लेकर बड़ा विजन पेश किया है। कंपनी अगले 5 साल में भारत में 250 मिलियन टेक्सटाइल प्रोडक्ट्स, 30 मिलियन बैग-टेंट, 20 मिलियन रनिंग शूज, और 1.6 मिलियन साइकिलें बनाने की योजना पर काम कर रही है।
- 250 मिलियन टेक्सटाइल्स
- 30 मिलियन बैग, बॉल, टेंट
- 20 मिलियन रनिंग फुटवियर
- 3 मिलियन रैकेट्स व स्विमिंग गियर
- 1.6 मिलियन साइकिलें
क्या है भारत में मैनुफैक्चरिंग का प्लान?
- अभी क्या बन रहा- टेक्सटाइल्स, स्पोर्ट्स बॉल, न्यूट्रिशन, वाटरप्रूफ सिंथेटिक्स, बैग, बाइक, पॉलिमर इंजेक्शन।
- अगले 5 साल में- फुटवियर, क्रिकेट प्रोडक्ट्स, टेक्निकल बॉल्स, बच्चों के स्पोर्ट्स गियर, मेटल इक्विपमेंट, ऑप्टिक्स।
- अगले 10 साल में- फिटनेस इक्विपमेंट, इलेक्ट्रॉनिक्स, स्विमिंग इन्फ्लेटेबल्स, बायसिकल फ्रेम।
वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बन चुका है भारत
Decathlon के ग्लोबल प्रोडक्शन हेड फ्रेडरिक मर्लेवेड और इंडिया प्रोडक्शन हेड दीपक डीसूजा का कहना है कि भारत अब सिर्फ एक बाजार नहीं, बल्कि डीकैथलॉन के लिए एक वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बन चुका है, जहां, इनोवेशन, क्वालिटी और तेजी से डिलीवरी, सब कुछ एक साथ मिल रहा है।
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