Crowdsourcing Platform को अब दान में आए पैसों की देनी होगी जानकारी, ASCI ने जारी किया आदेश
क्राउडसोर्सिंग प्लेटफार्म जो दान आदि स्वीकार करते हैं उन्हें अब यह जानकारी देनी होगी कि दान के लिए दान मांगते समय वे क्या शुल्क लेते हैं। बता दें कि केटो जैसे क्राउडसोर्सिंग प्लेटफॉर्म लोगों के दान का पांच प्रतिशत दान में भेजते हैं। इसके अलावा ASCI ने चैरिटी विज्ञापन पर कई दिशा-निर्देश भी दिए है। पढ़िए क्या है पूरी खबर।
नई दिल्ली, जेएनएन: लोगों से चंदा आदि प्राप्त करने वाले 'क्राउडसोर्सिंग' प्लेटफार्म को अब परमार्थ कार्यों के लिए दान मांगते समय इस बात की जानकारी देनी होगी कि इसके लिए उन्होंने कितना शुल्क लिया है।
बता दें कि केटो जैसे 'क्राउडसोर्सिंग' प्लेटफार्म लोगों से धर्मार्थ कार्यों के लिए किए गए दान का पांच प्रतिशत हिस्सा लेते हैं।
क्राउडसोर्सिंग प्लेटफार्म अब राशि का देना होगा डिटेल
भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (ASCI) ने परमार्थ कार्यों से जुड़े विज्ञापनों को लेकर जारी दिशानिर्देश में यह भी साफ किया है कि समस्या से घिरे पीडितों, विशेषकर बच्चों और नाबालिगों की तस्वीरों का उपयोग विज्ञापनदाताओं को नहीं करना चाहिए।
साथ ही कहा गया है, 'यदि कोई 'क्राउडसोर्सिंग' प्लेटफार्म दानदाता से कोष जुटाने या उसके प्रबंधन के लिए कोई शुल्क लेता है, तो यह स्पष्ट करना होगा कि ऐसी राशि कितनी है।
भारतीय विज्ञापन मानक परिषद ने दिए ये भी निर्देश
दिशानिर्देश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि किसी विज्ञापन में खुले तौर पर या स्पष्ट रूप से यह नहीं कहा जाना चाहिए कि जो कोई भी इस मुहिम का समर्थन नहीं करता है वह अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल है।
विज्ञापनदाताओं को यह भी बताना होगा कि एकत्र किए गए धन का उपयोग क्या दूसरे कामों में भी किए जाने की कोई संभावना है।
परिषद के अनुसार, हाल के समय में यह देखा गया है कि धर्मार्थ संगठन कोष एकत्रित करने के लिए सक्रिय रूप से प्रचार-प्रसार करते हैं जबकि गैर लाभकारी संगठन स्वयं प्रचार-प्रसार कर या फिर प्रायोजित विज्ञापनों के माध्यम से संभावित दानदाताओं तक पहुंचते हैं।
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