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    चालू खरीफ सीजन में 5.62 फीसद घटा धान का रकबा, तिलहन और दालों की फसल भी प्रभावित

    By Siddharth PriyadarshiEdited By:
    Updated: Fri, 02 Sep 2022 03:29 PM (IST)

    मानसून के देर से सक्रिय होने के कारण इस साल देश के कई राज्यों में धान की फसल प्रभावित हुई है। धान के अलावा इस खरीफ सीजन में दलहन और तिलहन की बुवाई में भी गिरावट आई है।

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    Paddy sowing down by 5.62pc so far this kharif season

    नई दिल्ली, एजेंसी। कृषि मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, कुछ राज्यों में कम बारिश के कारण चालू खरीफ सत्र में अब तक धान की फसल का रकबा 5.62 प्रतिशत घटकर 383.99 लाख हेक्टेयर रह गया है। आंकड़ों से पता चलता है कि एक साल पहले इसी अवधि में धान की फसल 406.89 लाख हेक्टेयर भूमि में लगाई गई थी।

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    धान, खरीफ की मुख्य फसल है और इसकी बुवाई जून से दक्षिण-पश्चिम मानसून के सक्रिय होने के साथ होती है। अक्टूबर तक फसल तैयार हो जाती है और इसकी कटाई शुरू हो जाती है।

    क्या है राज्यवार स्थिति

    झारखंड (9.80 लाख हेक्टेयर), मध्य प्रदेश (6.32 लाख हेक्टेयर), पश्चिम बंगाल (4.45 लाख हेक्टेयर), छत्तीसगढ़ (3.91 लाख हेक्टेयर), उत्तर प्रदेश (2.61 लाख हेक्टेयर) और बिहार (2.18 लाख हेक्टेयर) में धान की रकबा बुरी तरह प्रभावित हुआहै। इसके अलावा ओडिशा (0.84 लाख हेक्टेयर), आंध्र प्रदेश (0.31 लाख हेक्टेयर), असम (0.29 लाख हेक्टेयर), मेघालय (0.21 लाख हेक्टेयर), पंजाब (0.12 लाख हेक्टेयर), जम्मू और कश्मीर (0.05 लाख हेक्टेयर), मिजोरम (0.03 लाख हेक्टेयर), सिक्किम (0.02 लाख हेक्टेयर) और त्रिपुरा (0.01 लाख हेक्टेयर) जैसे राज्यों की स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं है।

    अन्य फसलों की हालत भी अच्छी नहीं

    धान के अलावा, इस खरीफ सीजन में दलहन की बुवाई में मामूली गिरावट आई है। इस खरीफ सीजन में अब तक 129.55 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में दलहन की बुवाई हो चुकी है, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 135.46 लाख हेक्टेयर थी। उड़द का रकबा भी घटकर 36.62 लाख हेक्टेयर रह गया है।

    तिलहन के आंकड़े भी कमजोर रहे हैं। इस खरीफ सीजन में 2 सितंबर तक तिलहन का रकबा 188.51 लाख हेक्टेयर था, जबकि एक साल इसी अवधि में यह 189.66 लाख हेक्टेयर था। नकदी फसलों की बात करें तो कपास का रकबा 125.69 लाख हेक्टेयर पर रहा, जबकि गन्ने का रकबा एक साल पहले के मुकाबले थोड़ा अधिक था। आंकड़ों से पता चलता है कि चालू खरीफ सीजन में अब तक जूट का रकबा 6.95 लाख हेक्टेयर पर सपाट रहा।

    भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, जून-अगस्त की अवधि के दौरान देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून की 6 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। हालांकि देश के पूर्वी और उत्तर पूर्वी हिस्सों में इसी अवधि में 19 फीसद कम बारिश दर्ज की गई है। पूरे देश में सितंबर के दौरान वर्षा सामान्य से अधिक रहने की संभावना है।