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    सरकारी ई-मार्केटप्लेस पर उत्पाद रजिस्टर करने के लिए 'कंट्री ऑफ ओरिजिन' बताना जरूरी

    By Ankit KumarEdited By:
    Updated: Tue, 23 Jun 2020 08:11 PM (IST)

    GeM पर Make in India का फिल्टर काम करने लगा है। खरीदारों के पास अब कम-से-कम 50 फीसद स्थानीय सामग्री लगे उत्पादों को खरीदने का विकल्प होगा। ...और पढ़ें

    सरकारी ई-मार्केटप्लेस पर उत्पाद रजिस्टर करने के लिए 'कंट्री ऑफ ओरिजिन' बताना जरूरी

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सरकार के ऑनलाइन मार्केटप्लेस (GeM) पर नए उत्पाद को रजिस्टर करते समय विक्रेताओं को आवश्यक तौर पर प्रोडक्ट का 'कंट्री ऑफ ओरिजिन' बताना होगा। इसका आशय है कि सेलर्स को यह जानकारी देनी होगी कि सामान का निर्माण कहां पर हुआ है या उसका आयात कहां से हुआ है। इसके अलावा इस फीचर को GeM पर लागू किए जाने से पहले जिन विक्रेताओं ने अपने प्रोडक्ट्स को रजिस्टर कर दिया है, उन्हें बार-बार यह अपडेट करने के लिए कहा जा रहा है कि उक्त समान का विनिर्माण या उत्पादन कहां पर हुआ है। उन्हें साथ ही आगाह किया गया है कि ऐसा नहीं करने पर उनके प्रोडक्ट्स को GeM से हटा दिया जाएगा।

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    वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाले Government e-Marketplace (GeM) ने 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' को बढ़ावा देने के लिए यह उल्लेखनीय कदम उठाया है।  

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    GeM ने साथ ही यह संकेत देने का प्रावधान भी किया है कि प्रोडक्ट में स्थानीय सामग्री कितनी है। नए फीचर के बाद ई-मार्केट प्लेस पर रजिस्टर्ड हर सामान के आगे 'कंट्री ऑफ ओरिजिन' के साथ-साथ स्थानीय सामग्री के प्रतिशत की जानकारी स्पष्ट तौर पर अंकित मिलेगी।

    इन सबसे अहम बात यह है कि अब पोर्टल पर 'Make in India' का फिल्टर काम करने लगा है। खरीदारों के पास अब कम-से-कम 50 फीसद स्थानीय सामग्री लगे उत्पादों को खरीदने का विकल्प होगा।  

    वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि GeM अपनी शुरुआत के समय से ही 'मेक इन इंडिया' पहल को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहा है। इस मार्केट प्लेस से छोटे स्थानीय विक्रेताओं को सार्वजनिक खरीद में हिस्सा लेने का मंच मिल गया है। इस विज्ञप्ति में कहा गया है कि कोविड-19 के इस काल में जब सरकारी संगठनों को तात्कालिक तौर पर उत्पादों की जरूरत पड़ रही है, ऐसे वक्त में GeM सामान की सार्वजनिक खरीद के लिए बहुत प्रभावी, पारदर्शी और किफायती मंच साबित हो रहा है। 

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