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    मुद्रास्फीति में नरमी से देश की वृहद आर्थिक बुनियाद मजबूत हुई : आरबीआई लेख

    By Jagran NewsEdited By: Gaurav Kumar
    Updated: Thu, 19 Oct 2023 10:00 PM (IST)

    आरबीआई ने अपना आर्टिकल जारी करते हुए कहा कि सितंबर में खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई के उच्च स्तर से कम हो गई और व्यापक आर्थिक बुनियादी सिद्धांत मजबूत हुए। हालांकि तीसरी तिमाही के बाद से वैश्विक आर्थिक विकास की गति कम हो गई है। आरबीआई के प्रमुख आंकड़ों से पता चलता है कि भारत कई मोर्चों पर गति पकड़ रहा है। पढ़िए क्या है पूरी खबर।

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    आरबीआई के बुलेटिन के मुताबिक भारत व्यापक आधार पर गति पकड़ रहा है।

    जागरण न्यूज नेटवर्क, मुंबई: आरबीआई ने एक लेख में कहा है कि खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर में जुलाई के अपने उच्चस्तर से नीचे आ चुकी है, जिससे वृहद आर्थिक बुनियाद मजबूत हुई है। हालांकि तीसरी तिमाही से वैश्विक वृद्धि अपनी रफ्तार गंवा चुकी है।

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    क्यों कम हुई वैश्विक वृद्धि?

    इसकी वजह मैन्यूफैक्चरिंग गतिविधियों में कमजोरी तथा विकसित अर्थव्यवस्थाओं की वित्तीय स्थिति कमजोर होना है। लेख में कहा गया है कि कच्चे तेल के बढ़ते दाम वैश्विक विकास दर के लिए प्रमुख जोखिम हैं।

    आरबीआई के बुलेटिन में गुरुवार को प्रकाशित लेख 'अर्थव्यवस्था की स्थिति' में कहा गया है कि प्रमुख आंकड़ों से पता चलता है कि भारत व्यापक आधार पर गति पकड़ रहा है।

    भारी पूंजीगत उद्योगों को मिली मदद

    इसमें कहा गया है उच्च क्षमता उपयोग से भारी पूंजीगत उद्योगों को रफ्तार पकड़ने में मदद मिली है। सब्जियों और ईंधन की कीमतों में नरमी से खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर में सालाना आधार पर घटकर तीन माह के निचले स्तर 5.02 प्रतिशत पर आ गई है।

    उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति अगस्त में 6.83 प्रतिशत और सितंबर, 2022 में 7.41 प्रतिशत पर थी। जुलाई में यह 7.44 प्रतिशत के उच्चस्तर पर पहुंच गई थी।