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    ऑफर से ज्यादा सब्सक्राइब हुआ Coal India का OFS, कल रिटेल निवेशक लगा सकते हैं बोली

    By Gaurav KumarEdited By: Gaurav Kumar
    Updated: Thu, 01 Jun 2023 05:19 PM (IST)

    कोल इंडिया की हिस्सेदारी बेचने के लिए सरकार कंपनी का 3 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है। आज एनएसई पर कोल इंडिया का शेयर प्राइस 5 फीसदी यानी 11 रुपये गिरकर 230 रुपये पर बंद हुआ। सरकार ने नवंबर 1975 में इस कंपनी की स्थापना की थी।

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    Coal India's OFS subscribed more than offered, retail investors can bid tomorrow

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: संस्थागत निवेशकों की भारी लिवाली के बाद आज दोपहर बाद के कारोबारी समय में केंद्र सरकार की महारत्न कंपनी कोल इंडिया का ओएफएस ओवर-सब्सक्राइब हो गया।

    सरकार कोल इंडिया लिमिटेड में 3 प्रतिशत तक की हिस्सेदारी ऑफर-फॉर-सेल (OFS) के तहत बेच रही है। कोल इंडिया चालू वित्त वर्ष में पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (पीएसयू) की पहली कंपनी है, जिसकी हिस्सेदारी सरकार बेच रही है।

    ऑफर से ज्यादा लगी बोली

    संस्थागत निवेशकों ने ऑफर के 8.31 करोड़ शेयरों के मुकाबले, 8.74 करोड़ शेयरों के लिए बोलियां लगाईं, जो रिजर्व ऑफर साइज के 105.04 प्रतिशत से अधिक था। आपको बता दें कि बोली बाजार बंद होने तक जारी रही।

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    रिटेल निवेशक कल लगा सकते हैं बोली

    सरकार ने कोल इंडिया में दो दिन आज और कल यानी 1 और 2 जून के लिए OFS खोला है, जिसके जरिए सरकार 225 रुपये प्रति शेयर के फ्लोर प्राइस पर 18.48 करोड़ शेयर या 3 फीसदी शेयर बेच रही है।

    इस बिक्री में ओवर सब्सक्रिप्शन के मामले में 1.5 प्रतिशत का ग्रीन-शू विकल्प शामिल है। इस OFS में रिटेल निवेशक कल यानी शुक्रवार को बोली लगा सकते हैं। आपको बता दें कि कोल इंडिया लिमिटेड में 66.13 फीसदी हिस्सेदारी है।

    5 फीसदी टूटे शेयर

    आज बाजार बंद होने के बाद कोल इंडिया लिमिटेड के शेयर प्राइस में 5 फीसदी की गिरावट आई। आज कोल इंडिया 5 फीसदी यानी 11 रुपये फिसलकर 230 रुपये पर बदं हुआ। सेंसेक्स 193 अंक टूटकर 62,428 और निफ्टी 50, 46 अंक फिसलकर 18,487 पर बंद हुआ। 

    कंपनी की प्रोफाइल

    कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) सरकार की महारत्न कंपनियों में से एक है। इसकी स्थापना नवंबर 1975 में हुई थी और इसी साल कंपनी ने 79 मिलियन टन (MTs) के मामूली उत्पादन किया था। आज CIL दुनिया की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी है। CIL भारत के आठ राज्यों में फैले 84 खनन क्षेत्रों में अपनी सहायक कंपनियों के साथ काम करती है।

    CIL की सात उत्पादक सहायक कंपनियां हैं, इनके नाम ईस्टर्न कोलफ़ील्ड्स लिमिटेड (ECL), भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (BCCL), सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL), वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (WCL), साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL), नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (NCL) और महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (MCL) हैं।