चीन ने शुरू किया 'चिप वॉर'? ड्रैगन का चिपमेकर्स को आदेश- फैक्ट्रियों में 50% मशीनें देसी ही हों; क्यों उठाया ये कदम?
China 50% local equipment rule: चीन ने चिप निर्माण कंपनियों के लिए सख्त नियम लागू किया है, जिसके तहत नई क्षमता जोड़ते समय कम से कम 50% मशीनें और उपकरण ...और पढ़ें
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चीन ने शुरू किया 'चिप वॉर'? ड्रैगन का चिपमेकर्स को आदेश- फैक्ट्रियों में 50% मशीनें देसी ही हों; क्यों उठाया ये कदम?
नई दिल्ली| चीन ने चिप बनाने वाली कंपनियों के लिए एक बड़ा और सख्त नियम (China semiconductor policy) लागू कर दिया है, जिसके तहत नई क्षमता जोड़ते समय कम से कम 50% मशीनें और उपकरण घरेलू (domestic equipment mandate) होने जरूरी होंगे। इस फैसले का सीधा असर चिपमेकर्स और ग्लोबल इक्विपमेंट सप्लायर्स पर पड़ने वाला है। सूत्रों के मुताबिक, जो कंपनियां इस शर्त को पूरा नहीं करेंगी, उनके प्लांट विस्तार या नई फैक्ट्रियों के प्रस्ताव खारिज किए जा सकते हैं।
सूत्रों ने बताया कि यह नियम सार्वजनिक तौर पर अधिसूचित नहीं है, लेकिन जो चिप कंपनियां सरकार से मंजूरी मांग रही हैं, उनसे टेंडर के जरिए यह साबित करने को कहा जा रहा है कि कम से कम आधा उपकरण चीन में बना है। अधिकारियों की पसंद 50% से भी ज्यादा (50% local equipment rule) हिस्सेदारी की है और लंबी अवधि में लक्ष्य 100% घरेलू उपकरण का है।
यह कदम चीन की सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन को पूरी तरह आत्मनिर्भर बनाने की रणनीति का हिस्सा है, जिसे 2023 में अमेरिका द्वारा एडवांस्ड AI चिप्स और सेमीकंडक्टर मशीनों के निर्यात पर पाबंदी के बाद तेज किया गया। इस नियम के चलते चिपमेकर्स (Chinese chip manufacturing) अब कई मामलों में अमेरिकी, जापानी, कोरियाई और यूरोपीय उपकरणों की जगह देसी सप्लायर्स चुनने को मजबूर हैं।
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ड्रैगन ने बनाया पूरे देश का अभियान
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) लगातार “whole nation approach” यानी पूरे देश के अभियान की बात कर रहे हैं, जिसमें हजारों इंजीनियर और वैज्ञानिक घरेलू चिप इकोसिस्टम बनाने में जुटे हैं। इसी कड़ी में सरकारी फंडिंग भी बढ़ी है। चीन ने अपने सेमीकंडक्टर सेक्टर में ‘Big Fund’ के जरिए सैकड़ों अरब युआन झोंके हैं, जिसका तीसरा चरण 2024 में 344 अरब युआन के साथ शुरू हुआ।
देसी चिप इक्विपमेंट कंपनियों को फायदा
इस नीति का सबसे बड़ा फायदा घरेलू मशीन बनाने वाली कंपनियों को मिल रहा है। चीन की बड़ी चिप इक्विपमेंट कंपनी नौरा टेक्नोलॉजी (Naura Technology) अपने एचिंग टूल्स को SMIC की एडवांस्ड 7nm लाइन पर टेस्ट कर रही है। इससे पहले Naura ने 14nm पर सफलता हासिल की थी। एचिंग जैसे अहम सेगमेंट में पहले लैम रिसर्च (Lam Research) और टोक्यो इलेक्ट्रॉन (Tokyo Electron) का दबदबा था, लेकिन अब उनकी जगह Naura और AMEC जैसी कंपनियां ले रही हैं।
नौरा टेक्नोलॉजी ने 779 पेटेंट फाइल किए
आंकड़े भी यही कहानी बताते हैं। नौरा ने 2025 में 779 पेटेंट फाइल किए, जबकि AMEC ने 259 पेटेंट दर्ज कराए। 2025 की पहली छमाही में नौरा की कमाई 30% बढ़कर 16 अरब युआन और AMEC की आय 44% उछलकर 5 अरब युआन पहुंच गई।
विशेषज्ञों का कहना है कि चीन अब फोटोरेजिस्ट रिमूवल और क्लीनिंग इक्विपमेंट में करीब 50% आत्मनिर्भर हो चुका है। इस नीति से जहां चीनी चिपमेकर्स और उपकरण कंपनियों को बड़ा सहारा मिला है, वहीं भारत समेत विदेशी सप्लायर्स के लिए चीन का बाजार धीरे-धीरे सिकुड़ता दिख रहा है।

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