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    Children in Aircrafts: DGCA ने एयरलाइनों को दिया निर्देश, कहा - उड़ानों में 12 वर्ष तक के सभी बच्चों को उनके...

    डीजीसीए ने मंगलवार को एक बयान में कहा एयरलाइंस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि 12 वर्ष तक के बच्चों को एक ही पीएनआर पर यात्रा कर रहे उनके माता-पिता/ अभिभावकों में कम से कम एक के साथ सीट आवंटित की जाए और इसका रिकॉर्ड रखा जाए। इस संबंध में नियामक ने एयरलाइनों को जारी अपने परिपत्र में संशोधन भी किया है।

    By Agency Edited By: Praveen Prasad Singh Updated: Tue, 23 Apr 2024 02:02 PM (IST)
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    भारत में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्‍या में लगातार तेजी दर्ज की जा रही है।

    पीटीआई, नई दिल्‍ली। Children in Aircrafts भारत में हवाई यात्रियों की संख्‍या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। 21 अप्रैल को ही घरेलू हवाई यात्रियों (Domestic Air Traffic) की संख्‍या एक दिन में रिकॉर्ड 471751 तक पहुंच गई। जाहिर है लोग हवाई यात्रा (Air Travel) को प्राथमिकता दे रहे हैं। लेकिन परिवार के साथ चलने वाले कुछ लोगों कभी-कभी परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। विशेष रूप से उन लोगों को जिन्‍होंने पहले से ही अपनी सीटें रिजर्व न कर रखी हों। ऐसे में कई बार होता है कि एक ही परिवार के लोगों को अलग-अलग सीट मिल जाती है। इनमें बच्‍चे भी शामिल होते हैं, लेकिन छोटे बच्‍चों के साथ होने पर स्‍थ‍िति विकट हो जाती है।

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    लेकिन अब विमानन नियामक डीजीसीए (DGCA) ने इस समस्‍या के समाधान के लिए सभी एयरलाइंस को निर्देश दिए हैं। डीजीसीए ने एयरलाइनों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि उड़ान के दौरान 12 वर्ष तक के बच्चों को उनके माता-पिता या अभिभावकों में से कम से कम एक के साथ सीट जरूर आवंटित की जाए।

    यह भी पढ़ें: Domestic Air Traffic: रविवार को देश में हवाई यात्रियों ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, एक ही दिन में करीब...

    बता दें कि पिछले दिनों ऐसी कई शिकायतें सामने आई थीं, जहां 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों को उड़ान के दौरान उनके माता-पिता या अभिभावकों के साथ सीट आवंटित नहीं की गई थी।

    डीजीसीए ने मंगलवार को एक बयान में कहा, ''एयरलाइंस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि 12 वर्ष तक के बच्चों को एक ही पीएनआर पर यात्रा कर रहे उनके माता-पिता/ अभिभावकों में कम से कम एक के साथ सीट आवंटित की जाए और इसका रिकॉर्ड रखा जाए।''

    इस संबंध में नियामक ने एयरलाइनों को जारी अपने परिपत्र में संशोधन भी किया है। नियमों के अनुसार पसंद की सीट आवंटन, भोजन/नाश्ता/पेय शुल्क और म्‍यूजिकल इंस्‍ट्रूमेंट ले जाने के लिए शुल्क लेने जैसी कुछ सेवाओं की अनुमति है। डीजीसीए ने कहा कि ऐसी सेवाएं एयरलाइनों द्वारा स्वैच्छिक आधार पर दी जाती हैं और ये अनिवार्य नहीं हैं।

    बयान में कहा गया है, "उन यात्रियों के लिए ऑटो सीट असाइनमेंट का भी प्रावधान है, जिन्होंने निर्धारित प्रस्थान से पहले वेब चेक-इन के लिए कोई सीट नहीं चुनी है।"