GST पर बड़ा अपडेट, अपीलीय न्यायाधिकरण की स्थापना के लिए जल्द नियम जारी करेगी सरकार
GST Appellate Tribunals अगर सब कुछ ठीक रहा तो केंद्र सरकार अपीलीय न्यायाधिकरण की स्थापना के लिए जल्द ही नए नियम जारी कर सकती है। इसके बाद जीएसटी से जुड़े विवाद हाईकोर्ट की बजाय यहीं पर सुलझाए जा सकेंगे। इससे बहुत-सी कठिनाइयों से बचा जा सकेगा। बता दें कि इस समय 45000 फर्जी जीएसटी पंजीकरण जांच के दायरे में हैं।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। GST Appellate Tribunals: जीएसटी परिषद की मंजूरी के बाद केंद्र जल्द ही जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरणों की स्थापना के लिए नियमों को अधिसूचित करेगा और सदस्यों की नियुक्ति करेगा। सीबीआईसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के सदस्य (जीएसटी) शशांक प्रिय ने कहा कि आयकर विभाग करदाता आधार का विस्तार करने के लिए काम कर रहा है और आयकर व्यवस्था में कॉर्पोरेट करदाताओं के साथ डेटा को मैच कराने की कार्रवाई की जा रही है।
बढ़ रहा जीएसटी का आधार
आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में कॉर्पोरेट आयकरदाता आधार का केवल 40 प्रतिशत हिस्सा भी जीएसटी के तहत पंजीकृत है। जीएसटी के तहत 1.39 करोड़ व्यवसाय पंजीकृत हैं, जो छह साल पहले 1 जुलाई, 2017 को जीएसटी लॉन्च होने के समय की संख्या से लगभग दोगुना है।
रिकॉर्ड जीएसटी कलेक्शन
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व में उछाल देखा जा रहा है। औसत मासिक जीएसटी राजस्व 2017-18 में 89,885 करोड़ रुपये से बढ़कर 2022-23 में 1.50 लाख करोड़ रुपये हो गया। 2023-24 में औसत राजस्व 1.69 लाख करोड़ रुपये प्रति माह है।
शशांक प्रिय ने फिक्की के जीएसटी सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि
हम परिषद की मंजूरी के बाद नियमों को अधिसूचित करने की प्रक्रिया में हैं। हमें जनशक्ति के साथ ने संस्थानों को स्थापित करना होगा। हमें उम्मीद है कि यह जल्द ही किया जाएगा। परिषद ट्रिब्यूनल के सदस्यों के कार्य अनुभव और योग्यता को भी मंजूरी देगी।
कैसे काम करेंगे जीएसटी ट्रिब्यूनल
मार्च में संसद ने जीएसटी के तहत विवादों के समाधान के लिए अपीलीय न्यायाधिकरण स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए वित्त विधेयक में बदलाव को मंजूरी दे दी थी। इस योजना के मुताबिक, हर राज्य में ट्रिब्यूनल की बेंच स्थापित की जाएंगी, जबकि दिल्ली में एक प्रिंसिपल बेंच होगी।
वर्तमान में कर अधिकारियों के फैसले से असंतुष्ट करदाताओं को संबंधित उच्च न्यायालयों में जाना पड़ता है। लेकिन इसके चलते समाधान प्रक्रिया में अधिक समय लगता है, क्योंकि उच्च न्यायालय पहले से ही लंबित मामलों के बोझ से दबे हुए हैं और उनके पास जीएसटी मामलों से निपटने के लिए कोई विशेष पीठ नहीं है। राज्य और राष्ट्रीय स्तर की पीठों की स्थापना से विवाद के त्वरित समाधान का मार्ग प्रशस्त होगा।
रजिस्ट्रेशन प्रोसेस का दुरुपयोग
शशांक प्रिय ने कहा कि कुछ व्यवसाय हैं जिन्होंने पंजीकरण प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है। उन्होंने इसको रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत पर बल दिया और कहा कि सीबीआईसी पंजीकरण प्रक्रिया को कड़ा करने और धोखेबाजों को पकड़ने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए काम कर रही है।
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