अब बदलाव के साथ आएंगे महंगाई और GDP के आंकड़े, सरकार ने बदला कैलकुलेशन का तरीका, समझें बेस ईयर का मतलब
केंद्र सरकार अगले साल फरवरी में रिटेल महंगाई, जीडीपी और इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन के लिए बदले हुए बेस ईयर के साथ मैक्रोइकोनॉमिक डेटा की एक नई सीरीज़ जारी ...और पढ़ें

नई दिल्ली। केंद्र सरकार अगले साल फरवरी में रिटेल महंगाई (Retail Inflation) और नेशनल अकाउंट्स के लिए, और मई में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन के लिए बदले हुए बेस ईयर के साथ मैक्रोइकोनॉमिक डेटा की एक नई सीरीज़ जारी करेगी। केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि मंत्रालय ने मंगलवार को सकल घरेलू उत्पाद (GDP), उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI), और औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) के बेस रिवीजन पर एक प्री-रिलीज़ कंसल्टेटिव वर्कशॉप बुलाई है।
CPI (कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स-आधारित महंगाई) की एक नई सीरीज़, जिसका बेस ईयर (2024=100) है, 12 फरवरी, 2026 को जारी होने वाली है। फाइनेंशियल ईयर 2022-23 को बेस ईयर मानकर नेशनल अकाउंट्स का डेटा 27 फरवरी, 2026 को जारी किया जाएगा, जबकि बेस ईयर 2022-23 वाली IIP डेटा की नई सीरीज़ 28 मई को जारी की जाएगी।
क्या होता है बेस ईयर?
अर्थशास्त्र की भाषा में 'बेस ईयर' एक फिक्स्ड रेफरेंस पॉइंट होता है यानी एक बेंचमार्क साल, जिसका इस्तेमाल समय के साथ इकोनॉमिक डेटा (जैसे GDP, महंगाई, या इंडस्ट्रियल आउटपुट) की तुलना करने के लिए किया जाता है। बेस ईयर, इकोनॉमिस्ट्स को कीमतों को स्थिर रखकर असली इकोनॉमिक परफॉर्मेंस देखने में मदद करता है, जिससे ग्रोथ के आंकड़े मीनिंगफुल बनते हैं इसलिए समय-समय पर सटीक आंकड़े हासिल करने के लिए इसे रिवाइज किया जाता है।
प्री-रिलीज़ कंसल्टेटिव वर्कशॉप
इस संबंध में आयोजित होने वाली प्री-रिलीज़ कंसल्टेटिव वर्कशॉप का मुख्य उद्देश्य GDP, CPI, और IIP के चल रहे बेस रिवीजन में प्रस्तावित मेथोडोलॉजिकल और स्ट्रक्चरल बदलावों को शेयर करना है, ताकि प्रतिभागियों से फीडबैक और कमेंट्स लिए जा सकें।
इस वर्कशॉप में अलग-अलग तरह के पार्टिसिपेंट्स शामिल होते हैं, जिनमें जाने-माने अर्थशास्त्री, फाइनेंशियल संस्थानों और बैंकिंग सेक्टर के एक्सपर्ट, सब्जेक्ट मैटर स्पेशलिस्ट, कोर स्टैटिस्टिक्स के यूज़र्स, और केंद्र और राज्य सरकारों के सीनियर अधिकारी शामिल हैं।
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इस वर्कशॉप में मुख्य अतिथि के तौर पर नीति आयोग के वाइस चेयरमैन सुमन के बेरी, चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर वी अनंत नागेश्वरन, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MOSPI) के सचिव सौरभ गर्ग और MoSPI के डायरेक्टर जनरल (सेंट्रल स्टैटिस्टिक्स) एन के संतोषी शामिल होंगे।

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