रॉल्स-रॉयस से खरीद सौदों पर ब्रेक
ब्रिटिश कंपनी रॉल्स रॉयस से विमान इंजन खरीद सौदों में दलाली और रिश्वतखोरी पर सीबीआइ जांच का आदेश देने के साथ ही रक्षा मंत्रालय ने कंपनी से खरीद प्रक्रिया पर ब्रेक लगा दिया है। रक्षा मंत्रालय ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड [एचएएल] से रॉल्स रॉयस द्वारा बिचौलिए को दी गई धनराशि भी वसूलने को कहा है। वायुसेना औ
नई दिल्ली, [प्रणय उपाध्याय]। ब्रिटिश कंपनी रॉल्स रॉयस से विमान इंजन खरीद सौदों में दलाली और रिश्वतखोरी पर सीबीआइ जांच का आदेश देने के साथ ही रक्षा मंत्रालय ने कंपनी से खरीद प्रक्रिया पर ब्रेक लगा दिया है। रक्षा मंत्रालय ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड [एचएएल] से रॉल्स रॉयस द्वारा बिचौलिए को दी गई धनराशि भी वसूलने को कहा है। वायुसेना और नौसेना के आधा दर्जन से अधिक विमानों से जुड़ी इंजन निर्माता कंपनी पर आगे की कार्रवाई के लिए रक्षा मंत्रालय ने कानून मंत्रालय से राय मांगी है।
सूत्रों के मुताबिक, सरकार रॉल्स-रॉयस के खिलाफ ब्रिटेन के गंभीर अपराध कार्यालय की जांच की जानकारियां साझा करने का आग्रह भी करेगी। महत्वपूर्ण है कि रॉल्स-रॉयस ने एचएएल को लिखे पत्र में भारत के साथ हुए सौदे के लिए एशमोर प्राइवेट लिमिटेड को नियुक्त करने की बात मानी थी। भारत के साथ हुए खरीद सौदों की शर्तो का उल्लंघन करते हुए और जानकारी छुपाते हुए विदेशी कंपनी ने बिचौलिए को नियुक्त किया। कंपनी ने 2007-2011 के दौरान एशमोर की सेवाएं ली थी, जिसे सौदे के मूल्य में करीब 13 फीसद तक दलाली दी गई। बीते पांच साल में एचएएल ने रॉल्स-रॉयस को करीब 5000 करोड़ के खरीद ऑर्डर दिए हैं। इस दौरान 2008 में अडोर और 2011 में जीनोम इंजन खरीद के लिए ऑर्डर दिए गए। इसके अलावा औद्योगिक व समुद्री गैस टर्बाइन खरीद के लिए 2007 में दिए ऑर्डर समेत करीब 55 खरीद मामलों में अशोक पाटनी और उनकी कंपनी एशमोर की भूमिका मानी गई है।
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मामले में सीबीआइ जांच आदेश के नतीजे आने तक रॉल्स-रॉयस के साथ खरीद प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई है। इसमें जगुआर लड़ाकू विमानों के लिए करीब 800 करोड़ की लागत से हुई साजो-सामान की खरीद भी शामिल है। रक्षा मंत्रालय ने एचएएल से बेहद जरूरी और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी किसी अपरिहार्य स्थिति के इतर खरीद नहीं करने को कहा है। इसके अलावा एचएएल को रॉल्स-रॉयस के साथ बैठक कर बिचौलिए की भूमिका और दायरा स्पष्ट करने को कहा गया है।
बढ़ेगा वायुसेना और नौसेना विमान बेड़े का संकट
-विमान इंजन निर्माता कंपनी रॉल्स-रॉयस के कलपुर्जे एजेटी हॉक, एवरो, हॉक, जगुआर, किरण मार्क-2, सी हैरियर विमान और सीकिंग हेलीकॉप्टरों में इस्तेमाल हो रहे हैं।
-कलपुर्जो की किल्लत वायुसेना के अहम लड़ाकू विमान जगुआर के लिए मुश्किल बढ़ा देगी, जिसे अपग्रेड किया जा रहा है।
-ब्रिटेन से हासिल हॉक एडवांस्ड जेट ट्रेनर के रखरखाव की परेशानी वायुसेना प्रशिक्षण कार्यक्रम की लय बिगाड़ सकती है।
कोर्ट की निगरानी में हो जांच : भाजपा
विमान इंजन खरीद में रिश्वतखोरी की सीबीआइ जांच से असंतुष्ट भाजपा ने कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की है। पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि संप्रग सरकार में कोर्ट के बगैर कोई जांच निष्पक्ष रूप से नहीं हो सकती है। चुनावी माहौल में भाजपा इंजन निर्माता रॉल्स-रॉयस से सौदे में रिश्वतखोरी मामले को तूल देने में जुट गई है। जावड़ेकर ने कहा कि संप्रग सरकार भ्रष्टाचार का हर मामला दबाने में लगी रही है। यही कारण है कि घोटालों का खुलासा विदेश से हो रहा है। इससे पहले वीवीआइपी हेलीकॉप्टर खरीद में भी इटली से घोटालों का पर्दाफाश हुआ था। उन्होंने कहा कि रॉल्स-रॉयस मामले की सीबीआइ जांच भी कोर्ट की निगरानी में होनी चाहिए।