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    CBDT ने इन लोगों के खिलाफ लिया एक्शन, ITR भरने वालों को दे दी चेतावनी; कहा- फर्जी कटौती के दावों के खिलाफ...

    Updated: Sat, 13 Dec 2025 03:40 PM (IST)

    केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने करदाताओं को फर्जी कटौती दावों के खिलाफ चेतावनी दी है। विभाग ने कर चोरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी ह ...और पढ़ें

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    CBDT ने इन लोगों के खिलाफ लिया एक्शन, ITR भरने वालों को दे दी चेतावनी; कहा- फर्जी कटौती के दावों के खिलाफ...

    नई दिल्ली। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कई ऐसे बिचौलियों पर कार्रवाई की है जो इनकम टैक्स एक्ट के तहत डिडक्शन और छूट के फर्जी दावों के साथ इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में शामिल थे। इस कार्रवाई से पता चला कि कुछ बिचौलियों ने कमीशन के आधार पर गलत दावों के साथ रिटर्न फाइल करने के लिए पूरे भारत में अपने एजेंटों का नेटवर्क बनाया हुआ है।

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    इस तरह से डिडक्शन करने वाले लोगों के खिलाफ भी एक्शन हो सकता है। CBDT ने इसे लेकर ITR भरने वालों को चेतावनी भी दी है।

    गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियों के नाम पर किए गए थे फर्जी दावे

    यह देखा गया कि रजिस्टर्ड गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियों (RUPPs) या चैरिटेबल संस्थानों को दान के नाम पर बड़ी मात्रा में फर्जी दावे किए गए और अपने टैक्स की देनदारी कम की गई और फर्जी रिफंड का भी दावा किया गया।

    प्रवर्तन कार्रवाई से मिले सबूतों से पता चला कि RUPPs, जिनमें से कई नॉन-फाइलर, नॉन-ऑपरेशनल हैं और जिनका रजिस्टर्ड पता भी नहीं है, और जो किसी भी राजनीतिक गतिविधि में शामिल नहीं हैं, उनका इस्तेमाल गैर-कानूनी लेनदेन, सीमा पार पैसे भेजने और दान के लिए फर्जी रसीदें जारी करने के लिए किया जा रहा था।

    डिपार्टमेंट ने इनमें से कुछ RUPPs और ट्रस्टों के खिलाफ फॉलो-अप सर्च किए और व्यक्तियों द्वारा फर्जी दान और कंपनियों द्वारा फर्जी CSR के संबंध में आपत्तिजनक सबूत इकट्ठा किए।

    इस तरह चला संदिग्ध क्लेम का पता

    CBDT ने संदिग्ध क्लेम का जल्दी पता लगाने और हाई-रिस्क व्यवहार पैटर्न की पहचान करने के लिए अपने डेटा-आधारित तरीके को मजबूत किया है। ऐसा ही एक रिस्क पैटर्न उन टैक्सपेयर्स के लिए पहचाना गया है, जिनके पास इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 80GGC या 80G के तहत क्लेम हैं।

    डेटा एनालिटिक्स से पता चला है कि कई टैक्सपेयर्स पर संदिग्ध संस्थाओं को दिए गए दान के लिए डिडक्शन क्लेम करने या संस्थाओं की असलियत का पता लगाने के लिए जरूरी जानकारी न देने का शक है। बड़ी संख्या में टैक्सपेयर्स ने पहले ही मौजूदा AY यानी 2025-26 के लिए अपने इनकम टैक्स रिटर्न में बदलाव किया है और पिछले सालों के लिए अपडेटेड ITRs फाइल किए हैं।

    NUDGE कैंपेन की हुई शुरुआत

    टैक्सपेयर्स के लिए एक आसान उपाय के तौर पर एक टारगेटेड NUDGE कैंपेन शुरू किया गया है, जो उन्हें अपने ITRs को अपडेट करने और अगर कोई गलत क्लेम है तो उसे वापस लेने का मौका देता है। 12 दिसंबर 2025 से ऐसे टैक्सपेयर्स को उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और ईमेल पर SMS और ईमेल एडवाइजरी भेजी जा रही हैं।

    Source- @IncomeTaxIndia

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