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    PM Kisan Yojana की 21वीं किस्त से पहले बड़ा तोहफा, दाल उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार खर्च करेगी ₹11000 करोड़

    Updated: Wed, 01 Oct 2025 06:55 PM (IST)

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दाल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 11000 करोड़ रुपये की छह वर्षीय योजना को मंजूरी दी है। कैबिनेट ने रबी सीजन के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य के रूप में 842 अरब रुपये की मंजूरी दी जिससे किसानों को सीधा फायदा होगा। इस मिशन का उद्देश्य तुअर उड़द और मसूर जैसी दालों के उत्पादन को बढ़ावा देना है।

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    दाल उत्पादन को बढ़ाने के लिए सरकार खर्च करेगी 11 हजार करोड़ रुपये

    नई दिल्ली। पीएम किसान योजना की 21वीं किस्त से पहले सरकार ने किसानों को एक बड़ा तोहफा दिया है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को दाल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 11,000 करोड़ रुपये की छह वर्षीय योजना को मंजूरी दी। सरकार के इस फैसले से किसानों को सीधा फायदा होने वाला है। इतना ही नहीं कैबिनेट बैठक में किसानों से जुड़ा एक और फैसला लिया गया। कैबिनेट ने भारत के किसानों को समर्थन देने की पहल के तहत रबी सीजन के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य के रूप में 842 अरब रुपये को भी मंजूरी दी।

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    सरकार द्वारा दाल उत्पादन को बढ़ाने के लिए अगले 6 साल के लिए मंजूरी किए गए 11 हजार करोड़ रुपये का उद्देश्य दालों का घरेलू उत्पादन बढ़ाना, आयात पर निर्भरता कम करना और देश के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

    दाल का उत्पादन बढ़ाने के लिए 6 वर्षीय प्लान

    दलहन उत्पादन पर छह वर्षीय योजना में अनुसंधान, बीज प्रणाली, क्षेत्र विस्तार, खरीद और मूल्य स्थिरता को शामिल करते हुए एक व्यापक रणनीति अपनाई जाएगी। इसमें उच्च उपज देने वाली, कीट-प्रतिरोधी और जलवायु-अनुकूल दलहन किस्मों के विकास और प्रसार पर ज़ोर दिया जाएगा। क्षेत्रीय उपयुक्तता सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख दलहन उत्पादक राज्यों में बहु-स्थानीय परीक्षण किए जाएंगे।

    किसानों को 88 लाख बीज किट मुफ्त में दिए जाएंगे

    मिशन का लक्ष्य चावल की परती भूमि और अन्य उपयुक्त क्षेत्रों को लक्षित करते हुए दलहनों के अंतर्गत अतिरिक्त 35 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का विस्तार करना है। टिकाऊ खेती के तरीकों को बढ़ावा देने के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के साथ-साथ किसानों को 88 लाख बीज किट निःशुल्क वितरित किए जाएंगे।

    बाजारों और मूल्य श्रृंखलाओं को मजबूत करने के लिए, मिशन 1,000 कटाई-पश्चात प्रसंस्करण इकाइयों के निर्माण का समर्थन करेगा, जिसमें प्रति इकाई अधिकतम 25 लाख रुपये की सब्सिडी होगी। भाग लेने वाले किसानों के लिए अगले चार वर्षों के लिए NAFED और NCCF के माध्यम से PM-AASHA की मूल्य समर्थन योजना (PSS) के तहत अरहर, उड़द और मसूर की अधिकतम खरीद सुनिश्चित की जाएगी।

    वैश्विक दलहन कीमतों की निगरानी से किसानों का विश्वास सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी। 2030-31 तक, मिशन से दलहनों के अंतर्गत क्षेत्र को 310 लाख हेक्टेयर तक विस्तारित करने, उत्पादन को 350 लाख टन तक बढ़ाने और उपज को 1,130 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तक बढ़ाने की उम्मीद है।

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