2024 के आखिर तक ऑपरेशनल हो जाएंगे 20 कोयल की खदानें, यहां जानें डिटेल
साल के अंत तक बीस कोयला खदानें चालू होने की संभावना है। इससे कोयला आयात कम होगा और बढ़ती बिजली मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी। इन 20 कोयला ब्लॉकों में कोल इंडिया के सात और सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) के तीन ब्लॉक शामिल हैं। वे तीन से चार वर्षों में और 100 मिलियन टन (एमटी) का योगदान देंगे।

पीटीआई, नई दिल्ली। नई जानकारी सामने आई है कि इस साल के अंत तक बीस कोयला खदानें चालू हो सकती है। यह एक ऐसा कदम है जिससे कोयला आयात कम होगा और बढ़ती बिजली मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी।
देश में अधिकतम बिजली की मांग 2030 तक 400 गीगावॉट को पार करने की संभावना है। एक आधिकारिक सूत्र के मुताबिक, इन 20 कोयला ब्लॉकों में कोल इंडिया के सात और सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) के तीन ब्लॉक शामिल हैं। वे तीन से चार वर्षों में और 100 मिलियन टन (एमटी) का योगदान देंगे।
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80% से अधिक उत्पादन का योगदान देती है कोल इंडिया
सरकारी स्वामित्व वाली कोल इंडिया का घरेलू कोयला उत्पादन में 80 प्रतिशत से अधिक का योगदान है। SCCL का स्वामित्व 51:49 इक्विटी आधार पर तेलंगाना सरकार और केंद्र के पास संयुक्त रूप से है।
कोयला और खान मंत्री प्रल्हाद जोशी ने पहले कहा था कि देश ने पहली बार 2023-24 में 1 बिलियन टन कोयला और लिग्नाइट उत्पादन का मील का पत्थर पार किया है, और 2025-26 तक कोयला आयात को खत्म करने के अपने अगले लक्ष्य से बहुत दूर नहीं है। .
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022-23 में देश का कुल कोयला और लिग्नाइट उत्पादन 937 मीट्रिक टन था। FY24 में, मिश्रण के लिए लगभग 22.20 मीट्रिक टन कोयला आयात किया गया था, जबकि 2022-23 में यह 30.80 मीट्रिक टन था।
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