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    Budget 2025: ICAI ने दिया ज्वाइंट टैक्स फाइलिंग का सुझाव, जानिए पति-पत्नी को कैसे मिल सकता है फायदा?

    Updated: Sat, 25 Jan 2025 05:49 PM (IST)

    Budget 2025 इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) ने देश में एक नई टैक्स फाइलिंग व्यवस्था को अपनाने का सुझाव दिया है। कुछ दिन बाद ही केंद्र सरकार 1 फरवरी को अपना बजट पेश करेगी। यह नई व्यवस्था अगर लागू होती है तो विवाहित जोड़ों को इसका फायदा मिल सकता है। वह अपने टैक्स के बोझ को कर कर सकेंगे।

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    आईसीएआई ने दिया ज्वाइंट इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग व्यवस्था का सुझाव।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में अभी पति-पत्नी को अलग-अलग आयकर रिटर्न भरना पड़ता है। मगर अब अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों में लागू आयकर प्रणाली को देश में अपनाने की मांग उठी है।

    इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) ने पति-पत्नी के लिए संयुक्त आयकर रिटर्न प्रणाली अपनाने का सुझाव केंद्र सरकार को दिया है। अब देखना होगा कि क्या इस बजट में सरकार इस प्रणाली को अपनाती है या नहीं?

    इन परिवारों को मिल सकता लाभ

    अलग-अलग आयकर रिटर्न भरने का लाभ उन परिवार को मिलता है, जहां पति-पत्नी दोनों कमाते हैं और किसी एक की सैलरी दूसरे से अधिक होती है। ऐसे मामले में दंपत्ती टैक्स में अलग-अलग कटौती का दावा कर सकते हैं। मगर एकल आय वाले परिवारों को इस लाभ से वंचित रहना पड़ता है।

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    टैक्स का बोझ कम होगा

    अमेरिका जैसे देशों में संयुक्त आयकर फाइलिंग आय को मिलाकर और अतिरिक्त कटौती व क्रेडिट देकर टैक्स के बोझ को कम किया जाता है। दावे के मुताबिक संयुक्त फाइलिंग के माध्यम से परिवार अतिरिक्त कटौती और अधिक अनुकूल टैक्स रेट को अपना कर अपनी कर देयता को काफी कम कर सकते हैं।

    आईसीएआई ने दिया सुझाव

    आईसीएआई के मुताबिक संयुक्त आयकर रिटर्न व्यवस्था में विवाहित जोड़े को एक टैक्स योग्य यूनिट माना जाएगा। वहीं आयकर रिटर्न दाखिल करते समय उन्हें अपनी आय को समयोजित करने का विकल्प मिलेगा। इससे वह अपने टैक्स के बोझ को कम कर सकेंगे।

    कितनी होगी छूट की सीमा

    चार्टर्ड अकाउंटेंट चिराग चौहान ने एक्स पर लिखा कि आईसीएआई ने विवाहित जोड़ों के लिए संयुक्त आयकर रिटर्न दाखिल करने की अनुमति देने का सुझाव दिया है। 7 लाख रुपये की व्यक्तिगत आय पर कोई टैक्स नहीं लगता है। अगर विवाहित हैं तो परिवार के लिए छूट की सीमा 14 लाख रुपये होगी।

    कर चोरी रोकने में मिलेगी मदद

    आईसीएआई का कहना है कि विवाहित जोड़ों को व्यक्तिगत या नई संयुक्त टैक्स रिटर्न व्यवस्था में से किसी एक को चुनने की स्वतंत्रता दी जानी चाहिए। दावा है कि एकल आय अर्जित करने वाले परिवारों को इस व्यवस्था से फायदा होगा। इससे कर चोरी करने में भी मदद मिलेगी। प्रस्ताव के मुताबिक संयुक्त रिटर्न फाइल करने की व्यवस्था में मूल छूट सीमा को मौजूदा 3 लाख रुपये से दोगुना करके 6 लाख रुपये किया जाएगा।

    संयुक्त रूप से आयकर दाखिल करने पर विवाहित जोड़ें के लिए प्रस्तावित टैक्स स्लैब

    6 लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं
    6-14 लाख रुपये 5 प्रतिशत टैक्स
    14-20 लाख रुपये 10 प्रतिशत टैक्स
    20-24 लाख रुपये 15 प्रतिशत टैक्स
    24-30 लाख रुपये 20 प्रतिशत टैक्स
    30 लाख रुपये से अधिक 30 प्रतिशत टैक्स

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