नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। बजट 2023 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की ओर से सभी सेक्टरों को लेकर कुछ न कुछ घोषणाएं की गई हैं। सरकार की कोशिश रही कि सेक्टरों को उचित समर्थन दिया जाए, जिससे देश की अर्थव्यवस्था की तेजी गति को सुनिश्चित किया जा सके।
निर्यातकों ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कुछ वस्तुओं पर कस्टम ड्यूटी कम होने, MSMEs को समर्थन करने के लिए किए गए एलान से देश की मैन्युफैक्चरिंग को सहारा मिलेगा।
पूंजीगत व्यय से मिलेगा सहारा
बजट में सरकार की ओर से पूंजीगत व्यय को 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया है। इसके साथ बुनियादी ढांचे में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए राज्यों को 50 साल का ब्याज मुक्त कर्ज, रेलवे के लिए सबसे अधिक पूंजी व्यय करने, पोर्ट, कोल और स्टील सेक्टर में निवेश बढ़ने का असर अर्थव्यवस्था में दिखेगा और बड़ी संख्या में रोजगार पैदा होंगे।
विश्व व्यापार में बढ़ेगी हिस्सेदारी
निर्यात और आयात पर सीआईआई राष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष और पैटन समूह के प्रबंध निदेशक संजय बुधिया ने कहा कि चुनिंदा क्षेत्रों के लिए कस्टम ड्यूटी में कमी की घोषणा से ग्लोबल वैल्यू चैन (GVC) में भारत की भागीदारी को बढ़ेगी। इसके मोबाइल के कुछ पार्ट्स पर कस्टम ड्यूटी घटने से मैन्युफैक्चरिंग को फायदा होगा।
निर्यातकों को मिलेगा सहारा
FIEO के पूर्वी रीजन के चेयरमैन योगेश गुप्ता ने कहा कि 9,000 करोड़ रुपये की क्रेडिट गांरटी स्कीम और MSME के लिए एक प्रतिशत की छूट से निर्यातकों को बड़ा सहारा मिलेगा। श्रिम्प फीड पर आयात शुल्क बढ़ने से पूर्वी तट पर मरीन प्रोडक्ट के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।
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