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    2023-24 में सरकार को कितना मिलेगा टैक्स, GST से लेकर Direct Tax में कितना आएगा उछाल, आसान भाषा में समझें

    By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav Shalya
    Updated: Sun, 05 Feb 2023 11:19 AM (IST)

    Budget 2023 बजट 2023 में सरकार ने विस्तार से टैक्स कलेक्शन के आंकड़े पेश किए हैं। सरकार की ओर से GST Direct और Indirect Tax के साथ अन्य टैक्स अनुमानों को लेकर भी पूरी जानकारी दी गई है। (जागरण ग्राफिक्स)

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    Budget 2023 Gross Tax Revenue GST Direct and Indirect Tax estimate

    नई दिल्ली,  बिजनेस डेस्क।  बजट 2023 में सरकार की ओर से सबसे महत्वपूर्ण एक अनुमान लगया गया कि चालू वित्त वर्ष के मुकाबले आने वाले साल में टैक्स में अधिक उछाल देखा जाएगा। आज अपनी इस रिपोर्ट में जानेंगे कि सरकार ने किस आधार पर ये अनुमान लगाया है।

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    ग्रॉस टैक्स रेवेन्यू (Gross Tax Revenue)

    वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी के एडवांस और संशोधित अनुमान में ग्रॉस टैक्स रेवेन्यू (GTR) 0.8 पर आता है। इसका मतलब यह है कि जीडीपी वृद्धि की तुलना में टैक्स में धीमी गति से वृद्धि हुई है। अगर वित्त वर्ष 2023-24 में टैक्स में पिछले वर्ष की तरह ही समान उछाल आता है। जीटीआर वित्त वर्ष 2022-23 के संशोधित अनुमान 30.4 लाख करोड़ से बढ़कर 2023-24 में 33 लाख करोड़ रुपये पहुंच जाएगा। यह बजट 2023 के अनुमान से 1.8 प्रतिशत कम है।

    बजट में क्यों टैक्स में बढ़ोतरी आने का अनुमान लगाया गया?

    इसका जवाब आपको प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर (Direct or Indirect Tax) से मिलेगा। बजट 2023 में प्रत्यक्ष करों के तहत आने वाले कॉर्पोरेट और व्यक्तिगत आयकर दोनों के लिए उछाल को एक माना गया है, जो कि 2022-23 के संशोधित अनुमान (कॉर्पोरेट- 1.12 और व्यक्तिगत आयकर-1.11) से कम है।

    बजट 2023 में अप्रत्यक्ष करों के तहत आने वालो सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क के लिए उछाल 1.05 और 0.57 का अनुमान लगाया गया है। यह 2022-23 के संशोधित अनुमान 0.33 और -1.23 से ज्यादा है। जीएसटी में उछाल 2023-24 के लिए 1.14 पर माना गया है, जो कि 2022-23 के लिए संशोधित अनुमान 1.45 पर है।

    क्या हासिल होगा लक्ष्य?

    अगर देश के ग्रॉस टैक्स रेवेन्यू उछाल के इतिहास को देखा जाए तो 2003-04 के बाद से यह 0.16 से लेकर 1.68 के बीच रहा है। केवल 2019-20 में कॉर्पोरेट टैक्स में कमी के कारण ये नीचे गया था। बजट 2023 में सरकार का अनुमान 0.99 ऐतिहासिक सीमा के भीतर है।

    पेट्रोलियम उत्पादों का GTR में योगदान

    2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से ही केंद्र सरकार को मिलने वाली एक्साइज ड्यूटी (पेट्रोलियम को छोड़कर) में कमी आई है। इसके कारण से ही जीटीआर में पेट्रोलियम से मिलने वाले टैक्स का हिस्सा अधिक रहा है। 2022-23 के संशोधित और 2023-24 के बजट अनुमान में पेट्रोलियम से मिलने वाली एक्साइज ड्यूटी संग्रह में नॉमिनल टर्म में बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन जीटीआर में पेट्रोलियम से मिलने वाले टैक्स के हिस्से में कमी आ सकती है।

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