क्या Tata की हो जाएगी Bisleri? कंपनी के चेयरमैन ने बताई बिकने की वजह
Tata-Bisleri Deal देश की सबसे बड़ी पैकेज्ड वाटर कंपनी बिसलेरी जल्द ही बिक सकती है। इन दिनों कंपनी अपने लिए खरीदार तलाश कर रही है। इसके बारे में बात करते हुए बिसलेरी के चेयरमैन रमेश चौहान ने बिक्री के कारणों को बताया।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Tata-Bisleri Deal: इन दिनों कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के बाजार में हलचल मची हुई है। पैकेज्ड वाटर कंपनी बिसलेरी इंटरनेशनल (Bisleri International) बिकने की तैयारी में है और अपने लिए एक खरीदार की तलाश कर रही है।
खबर थी कि यह डील टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड के साथ पूरी हो गई है, जिसके लिए 7,000 करोड़ रुपये का सौदा किया गया है। हालांकि, अब इस खबर में एक नया एंगल सामने आया है। बिसलेरी के चेयरमैन रमेश चौहान ने मीडिया को बताया है कि वह बिसलेरी का कारोबार बेच रहे हैं और फिलहाल संभावित खरीदारों के साथ चर्चा कर रहे हैं।
क्या टाटा खरीद रहा है बिसलेरी?
दावा किया जा रहा था है कि टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (TCPL) अनुमानित 6,000-7,000 करोड़ रुपये में बिसलेरी को खरीदने वाली है। हालांकि, बिसलेरी इंटरनेशनल के अध्यक्ष चौहान ने समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए गए बयान में कहा कि यह पूरी तरह सही नहीं है...हम अभी भी चर्चा कर रहे हैं।' वहीं, बिसलेरी इंटरनेशनल के प्रवक्ता ने कहा कि हम इस समय चर्चा में हैं और भविष्य की चीजों का खुलासा नहीं कर सकते।' अब आगे देखना होगा कि भारत की सबसे बड़ी पैकेज्ड वाटर कंपनी बिसलेरी (Bisleri) को कौन-सी कंपनी खरीदेगी।
संपर्क किए जाने पर टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड के एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा कहा कि बिसलेरी इंटरनेशनल के साथ बातचीत अभी शुरुआती चरण में है और कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।
कंपनी को बेचने की ये बताई वजह
रमेश चौहान ने कहा है कि वे 80 से भी ज्यादा साल के हो गए है और हाल के दिनों में उनका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता है। उनकी बेटी जयंती (Jayanti) को इस कारोबार को संभालने में कोई दिलचस्पी नहीं है। ऐसे में कारोबार को चलाना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि किसी को इसे संभालना होगा और इस पर ध्यान देना होगा।'
Bisleri ने पहले भी बेचे हैं अपने ब्रांड
यह पहली बार नहीं है जब बिसलेरी की तरफ से ऐसा कुछ किया जा रहा है। तीन दशक पहले 1993 में भी बिसलेरी के शीतल पेय कारोबार को अमेरिकी पेय कंपनी कोका-कोला कंपनी को बेच दिया गया था। इसमें थम्स अप (Thums up), गोल्ड स्पॉट (Gold Spot), सिट्रा, माजा और लिम्का (Limca) जैसे बड़े कारोबार थे।
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