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    खत्म होने वाले हैं ये छोटे सरकारी बैंक, सरकार ने कर ली बड़ी तैयारी, आपके पैसे इन बैंकों में हो जाएंगे ट्रांसफर!

    Updated: Wed, 15 Oct 2025 01:07 PM (IST)

    सरकार छोटे पीएसयू बैंकों के मर्जर को लेकर तेजी से काम कर रही है। एक रिपोर्ट में सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी। बताया जा रहा है कि इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र को पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया जैसे बड़े बैंकों के साथ विलय करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।

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    छोटे सरकारी बैंकों के मर्जर पर तेजी से काम कर रही है सरकार

    नई दिल्ली। भारत के बैंकिंग सेक्टर में एक और बड़ा बदलाव होने जा रहा है। दरअसल, सरकार छोटे सरकारी बैंकों के मर्जर की दिशा में आगे बढ़ रही है ऐसे में छोटे बैंकों का विलय बड़े बैंकों के साथ हो सकता है। मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट में सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी। एक सूत्र ने बताया कि इस मर्जर का उद्देश्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को और सुव्यवस्थित करना है, ताकि बैंकों की संख्या कम हो और एक इकाई के तौर पर बैंक मजबूत हों।

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    छोटे बैंकों का किन बड़े बैंकों के साथ मर्जर?

    सरकारी सूत्रों ने बताया कि इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB), सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (CBI), बैंक ऑफ इंडिया (BOI) और बैंक ऑफ महाराष्ट्र (BOM) का पंजाब नेशनल बैंक (PNB), बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) और भारतीय स्टेट बैंक (SBI) जैसे बड़े बैंकों के साथ विलय किया जा सकता है।

    उपरोक्त सूत्रों में से एक ने बताया कि, "इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र को पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया जैसे बड़े बैंकों के साथ विलय करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।"

    पहले कैबिनेट फिर PMO के पास जाएगा प्रपोजन

    इस योजना पर चर्चा का रिकार्ड सबसे पहले कैबिनेट स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा लिया जाएगा और फिर पीएमओ द्वारा इसकी जांच की जाएगी। वित्त वर्ष 2027 में चर्चा जारी रहने की उम्मीद है और इसी वर्ष के अंदर रोडमैप को अंतिम रूप दिया जा सकता है। हालांकि, परामर्श के लिए संबंधित बैंकों के विचार लिए जाएंगे और उन्हें समय दिया जाएगा। सूत्र ने कहा, "सरकार कोई भी औपचारिक घोषणा करने से पहले आंतरिक रूप से आम सहमति बनाना चाहती है।"

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    यह पूरा घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब केंद्र सरकार सरकारी बैंकों के एकीकरण को पुनर्जीवित करने पर विचार कर रही है। इससे पहले 2017 और 2020 के बीच, सरकार ने 10 सार्वजनिक बैंकों का चार बड़ी संस्थाओं में विलय कर दिया, जिससे सरकारी बैंकों की संख्या 2017 में 27 से घटकर 12 हो गई।

    ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का पीएनबी में विलय हुआ, जबकि सिंडिकेट बैंक का केनरा बैंक में विलय हो गया।