Bank Fraud: इन तरीकों से हुए जालसाजी के शिकार तो बैंक भी नहीं होंगे जिम्मेदार; क्या हैं बचाव के तरीके
Bank Fraud आजकल जालसाजों की ओर से फ्रॉड के लिए अलग-अलग तरीके अपनाए जाते हैं। आप आसानी से कुछ तरीके अपनाकर आसानी से इस तरह की जालसाजी से बच सकते हैं जिसके बारे में हम अपने रिपोर्ट में बताने जा रहे हैं।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। मोबाइल के जरिए होने वाली धोखाधड़ी के मामले के भारत का नाम काफी ऊपर आता है। लोगों बड़ी संख्या में लॉटरी लगने और अन्य कारणों किसी अनजान लिंक पर क्लिक कर देते हैं और लाखों रुपये जालसाजों की ओर से ठग लिए जाते हैं।
भारत व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे तत्काल मोबाइल मैसेजिंग ऐप के माध्यम से फिशिंग हमलों का सामना करने वाले शीर्ष तीन देशों में शामिल है। कास्परस्की लैब्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, रूस (46%), ब्राजील (15%) और भारत (7%) के लोग सबसे अधिक फिशिंग हमलों का सामना कर रहे हैं।
ऐसे कर सकते हैं बचाव
फिशिंग हमलों पर एनपीसीआई के अधिकारियों का कहना है कि जालसाजों की ओर से फिशिंग के लिए कई तरीके अपनाए जाते हैं, जिसमें बिजली कनेक्शन का विच्छेदन, बैंक अकाउंट का फ्रीज होना और लाइफ इंश्योरेंस से जुड़े कई तरह के झांसे दिए जाते हैं। इस तरह के मैसेज के जरिए मिलने वाले लिंक पर लोगों को क्लिक नहीं करना चाहिए।
बैंक नहीं होंगे जिम्मेदार
कई बार लोगों को बैंक से मिलती जुलती आईडी से केवाईसी अपडेट करने आदि के मैसेज प्राप्त होता है। ऐसे मैसेज से लोगों को सावधान रहना चाहिए। वहीं, आरबीआई के अनुसार, अगर कोई ग्राहक अपनी सारी जानकारी फ्रॉड करने वाले को अपने आप देता है, तो ऐसी स्थिति में बैंक नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। हालांकि, बैंक पैसे पाने वाले से वापस दिलाने में आपकी मदद जरूर करेगा।
फिलहाल केंद्रीय बैंक एक जालसाजी को रोकने के लिए एक फ्रॉड रजिस्ट्री फ्रेमवर्क पर भी कार्य कर रहा है, जिससे जालसाजों के फ्रॉड करने के तरीके पर लगाम लगाई जा सके।
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