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    S&P ने भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान घटाया, जानिए क्या है इसकी वजह?

    Updated: Mon, 25 Nov 2024 02:17 PM (IST)

    एसएंडपी का कहना है कि वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की इकोनॉमी 6.7 फीसदी की दर से बढ़ेगी। पहले उसका अनुमान 6.9 फीसदी ग्रोथ का था। वहीं वित्त वर्ष 2026-27 के बारे में एसएंडपी का अनुमान है कि भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.8 फीसदी रहेगी। पहले उसने 7 फीसदी की दर से जीडीपी बढ़ने की बात कही थी। मौजूदा वित्त वर्ष में ग्रोथ 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

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    कई केंद्रीय मंत्रियों ने आरबीआई को ब्याज दर कम करने का सुझाव दिया है।

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी रेटिंग एजेंसी- एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान में संशोधन किया है। उसने उच्च ब्याज दर और सरकारी खर्चों में कटौती से शहरी मांग के कमजोर होने की बात कही है। रेटिंग एजेंसी ने अमेरिकी चुनावी नतीजों के बाद किया हैएशिया-पैसिफिक इकोनॉमी के लिए अपने आर्थिक पूर्वानुमान को अपडेट किया है।

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    एसएंडपी का कहना है कि वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की इकोनॉमी 6.7 फीसदी की दर से बढ़ेगी। पहले उसका अनुमान 6.9 फीसदी ग्रोथ का था। वहीं, वित्त वर्ष 2026-27 के बारे में एसएंडपी का अनुमान है कि भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.8 फीसदी रहेगी। पहले उसने 7 फीसदी की दर जीडीपी बढ़ने की बात कही थी। वहीं, मौजूदा वित्त वर्ष के बारे में एसएंडपी का मानना है कि जीडीपी ग्रोथ रेट 6.8 प्रतिशत रहेगी।

    सुस्त क्यों पड़ेगी भारत की रफ्तार

    भारत की अर्थव्यवस्था खपत आधारित है। लेकिन, आरबीआई ने महंगाई को काबू में करने के लिए ब्याज दरों को लगातार उच्च स्तर पर बना रखा है। इससे लोगों को सस्ता कर्ज नहीं मिल रहा और इसलिए खपत भी ढंग ने बढ़ पा रही है। वहीं, सरकार भी राजकोषीय घाटे पर अंकुश लगाने के लिए दिल खोलकर खर्च नहीं कर रही। इसका भी खपत पर बुरा असर पड़ रहा है।

    यही वजह है कि वित्त मंत्री निर्मला सीताकरण समेत कई केंद्रीय मंत्रियों ने आरबीआई को ब्याज दर कम करने का सुझाव दिया है। हालांकि, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास कई मौकों पर साफ कर चुके हैं कि केंद्रीय बैंक का फोकस फिलहाल महंगाई को काबू में करने पर है। ऐसे में दिसंबर में होने वाली आरबीआई की एमपीसी मीटिंग में भी ब्याज दर घटने की गुंजाइश काफी कम है।

    चीन की रफ्तार भी सुस्त पड़ेगी

    एसएंडपी ने चीन के लिए 2024 में 4.8 प्रतिशत का अपना ग्रोथ अनुमान बरकरार रखा है। लेकिन, अगले साल के पूर्वानुमान को पहले के 4.3 प्रतिशत से घटाकर 4.1 प्रतिशत और 2026 में 4.5 प्रतिशत के पिछले अनुमान से घटाकर 3.8 प्रतिशत कर दिया। एशिया-पैसिफिक रीजन के लिए अपने आर्थिक अपडेट में एसएंडपी का कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप की जीत से होने वाला व्यापारिक बदलाव एशिया-पैसिफिक रीजन के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होगा।

    एसएंडपी के मुताबिक, ट्रंप के सत्ता में आने से अमेरिकी टैरिफ वृद्धि की संभावना अधिक हो गई है। इसका खासकर चीन पर काफी नकारात्मक असर होगा। साथ ही, वैश्विक अनिश्चिता और जोखिम ने एशिया-पैसिफिक रीजन के लिए आर्थिक नजरिए को धुंधला कर दिया है। एसएंडपी का मानना है कि चीन के वित्तीय प्रोत्साहन से उसकी इकोनॉमी बेहतर होगी, लेकिन अमेरिकी व्यापार शुल्क से उसके निर्यात पर बुरा असर पड़ेगा।

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