एयरटेल, वोडाफोन, रिलायंस समेत 5 लेंगी स्पेक्ट्रम नीलामी में हिस्सा
अगले महीने होने वाली 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में हिस्सा लेने के लिए आठ टेलीकॉम ऑपरेटरों ने आवेदन किया है। आवेदन के अंतिम दिन बुधवार को स्पेक्ट्रम पान ...और पढ़ें

नई दिल्ली। अगले महीने होने वाली 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में हिस्सा लेने के लिए आठ टेलीकॉम ऑपरेटरों ने आवेदन किया है। आवेदन के अंतिम दिन बुधवार को स्पेक्ट्रम पाने की दौड़ में एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया, रिलायंस जियो, रिलायंस कम्युनिकेशन (आरकॉम), टाटा टेलीसर्विसेज, टेलिविंग्स (यूनिनॉर) और एयरसेल शामिल हुई हैं।
नीलामी से हटने की इच्छुक कंपनियां 27 जनवरी तक आवेदन वापस ले सकती हैं। टेलीकॉम सचिव एमएफ फारूकी ने तीन फरवरी से होने वाली नीलामी के सफल रहने की उम्मीद जताई है। इससे सरकारी खजाने में न्यूनतम 11,343 करोड़ रुपये आएंगे। रिजर्व प्राइस में कमी के बाद कंपनियों की रुचि को देखते हुए यह राशि इससे ज्यादा रह सकती है।
टेलीकॉम कंपनियों की बढ़ी टेंशन, कैग कर सकता है खातों की जांच
वैसे, सरकार ने चालू वित्त वर्ष में स्पेक्ट्रम की बिक्री, स्पेक्ट्रम के एकबारगी चार्ज और सालाना लाइसेंस फीस के रूप में 40,874.50 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। इससे पहले मार्च 2013 में हुई नीलामी रिजर्व प्राइस ज्यादा रहने की वजह से असफल रही थी। इसके बाद सरकार ने इसमें भारी भरकम कटौती की थी। मौजूदा नीलामी में सरकार ने 1800 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के लिए रिजर्व प्राइस प्रति मेगाहर्ट्ज 1,765 करोड़ रुपये तय किया है। यह पिछली नीलामी से 26 फीसद कम है। वहीं, 900 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के लिए कीमतों में 53 फीसद तक की कटौती की गई है।
4जी का रास्ता साफ! डॉट ने बदले स्पेक्ट्रम नीलामी के नियम
दिल्ली सर्किल के लिए जहां इसकी कीमत प्रति मेगाहर्ट्ज 360 करोड़ रुपये तय किए गए हैं, वहीं मुंबई के लिए 328 करोड़ रुपये और कोलकाता सर्किल के लिए कंपनियों को न्यूनतम 125 करोड़ रुपये देने होंगे। 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड के 2जी स्पेक्ट्रम के लिए 403 मेगाहर्ट्ज और 900 मेगाहर्ट्ज बैंड के लिए 45 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम नीलामी में रखे गए हैं। 1800 मेगाहर्ट्ज के स्पेक्ट्रम सुप्रीम कोर्ट के फरवरी 2012 में 122 लाइसेंस रद करने के फैसले से खाली हुए हैं। वहीं, दिल्ली, मुंबई और कोलकाता सर्किल में 900 मेगाहर्ट्ज के स्पेक्ट्रम की लाइसेंस अवधि नवंबर में खत्म हो रही है।
.आखिर इनके पास कैसे पहुंचता है आपका मोबाइल नंबर?
इन सर्किलों में एयरटेल, वोडाफोन और लूप के पास ये स्पेक्ट्रम हैं। लूप, वीडियोकॉन और सरकारी टेलीकॉम कंपनियों बीएसएनएल व एमटीएनएल ने अगली बोली के लिए आवेदन नहीं किया है। दिल्ली और मुंबई सर्किल में 900 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के लिए 16 ब्लॉक और कोलकाता में 14 ब्लॉक रखे गए हैं। 1800 मेगाहर्ट्ज के लिए नई कंपनियों को न्यूनतम पांच मेगाहर्ट्ज के लिए बोली लगानी होगी, जबकि मौजूदा ऑपरेटर न्यूनतम तीन मेगाहर्ट्ज की बोली लगा सकेंगी। लूप मोबाइल के एमडी और सीईओ संदीप बसु ने बताया कि कंपनी ने टेलीकॉम टिब्यूनल टीडीसैट के पास लाइसेंस विस्तार के लिए आवेदन किया है। उम्मीद है कि इसके सकारात्मक नतीजे आएंगे। अगर उसे इसकी मंजूरी मिल जाती है तो कंपनी बाजार मूल्य के हिसाब से इसका भुगतान करेगी।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।