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    Air India-Vistara Merger: Aviation Sector में होगा बड़ा बदलाव, एयर इंडिया-विस्तारा मर्जर पर NCLT ने लगाई मुहर

    Updated: Fri, 07 Jun 2024 08:57 AM (IST)

    Air India Vistara Airline Merger नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल NCLT) ने एयर इंडिया और विस्तारा के विलय को मंजूरी दे दी। इस मंजूरी के बाद दुनिया के सबसे बड़े एयरलाइन ग्रुप में से एक के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया। विस्तारा सिंगापुर एयरलाइंस और टाटा ग्रुप (Tata Group) का एक संयुक्त वेंच्योर है। वर्ष 2022 में एयरलाइंस ने मर्जर की घोषणा की थी।

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    Aviation Sector में होगा बड़ा बदलाव (जागरण फोटो)

    पीटीआई, नई दिल्ली। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने एयर इंडिया और विस्तारा के विलय (Air India-Vistara Merger) को मंजूरी दे दी। इस मंजूरी के बाद दुनिया के सबसे बड़े एयरलाइन ग्रुप में से एक के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया।

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    वर्ष 2022 में मर्जर की घोषणा की गई थी। इस घोषणा के बाद सिंगापुर एयरलाइंस (Singapore Airlines) की एयर इंडिया (Air India) में 25.1 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। विस्तारा सिंगापुर एयरलाइंस और टाटा ग्रुप (Tata Group) का एक संयुक्त वेंच्योर है।

    NCLT ने जारी की ऑर्डर कॉपी

    ऑर्डर कॉपी जो 31 पेज की है। इस ऑर्डर कॉपी के अनुसार एनसीएलटी की चंडीगढ़ पीठ ने टैलेस (Talace), एयर इंडिया और विस्तारा (Vistara) को शामिल करते हुए "Composite Scheme of Arrangement" को मंजूरी दी। आपको बता दें कि सभी टाटा ग्रुप का हिस्सा हैं। एयर इंडिया को उम्मीद है कि विलय इस साल के अंत तक पूरा हो जाएगा।

    एनसीएलटी की चंडीगढ़ पीठ ने पाया कि इस योजना को दोनों एयरलाइन कंपनियों के शेयरधारकों और क्रेडिटर्स से पहले ही आवश्यक मंजूरी मिल चुकी है। इसके अलावा, इसे निष्पक्ष व्यापार नियामक भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) सहित लागू मंजूरी भी मिल गई। इसके अलावा आयकर विभाग ने भी कोई स्थायी आपत्ति नहीं उठाई।

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    एनसीएलटी के ऑर्डर बुक के अनुसार कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 230 से 232 और अन्य लागू प्रावधानों के तहत याचिकाकर्ता कंपनियों और उनके संबंधित शेयरधारकों के बीच 'व्यवस्था की समग्र योजना' को मंजूरी दी जाती है। इसमें कहा गया है कि स्वीकृत योजना याचिकाकर्ता कंपनियों और उनके संबंधित शेयरधारकों के लिए बाध्यकारी होगी।

    आदेश में यह भी कहा गया कि कंपनियां इस आदेश की तारीख से नौ महीने की समय सीमा के भीतर सिंगापुर एयरलाइंस (विस्तारा के एक शेयरधारक) द्वारा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) अनुमोदन और डीजीसीए से प्रासंगिक सीएआर के तहत आवश्यक सुरक्षा मंजूरी सुनिश्चित करेंगी।

    इस साल मार्च में सिंगापुर के प्रतिस्पर्धा नियामक सीसीसीएस ने प्रस्तावित विलय को सशर्त मंजूरी दे दी थी। सितंबर 2023 में सौदे को कुछ शर्तों के अधीन सीसीआई से मंजूरी मिल गई। घाटे में चल रही एयर इंडिया की कमान जनवरी में टाटा ग्रुप ने अपने हाथ में ले ली

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