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    लंबी उड़ानें, बढ़ा खर्च...TATA की Air India ने चीन से क्यों मांग लिया 'आसमान', बौखलाया पाकिस्तान?

    Updated: Wed, 19 Nov 2025 05:31 PM (IST)

    Tata Group की एयरलाइन एअर इंडिया (Air India) ने भारत सरकार से चीन के शिनजियांग एयरस्पेस के इस्तेमाल की अनुमति दिलाने का आग्रह किया है। पाकिस्तान के एयरस्पेस बैन से कंपनी पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है, फ्यूल कॉस्ट में वृद्धि हुई है। कंपनी ने सरकार से Hotan रूट के लिए चीन से बातचीत करने का अनुरोध किया है, जिससे उड़ानों का समय कम हो सके और वित्तीय स्थिति में सुधार हो।

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    लंबी उड़ानें, बढ़ा खर्च...TATA की Air India ने चीन से क्यों मांग लिया 'आसमान', बौखलाया पाकिस्तान? पढ़ें पूरी डिटेल

    नई दिल्ली| टाटा ग्रुप की एयरलाइन एअर एंडिया (Air India) ने भारत सरकार से आग्रह किया है कि वह चीन से बातचीत करे और Xinjiang के संवेदनशील मिलिट्री एयरस्पेस को इस्तेमाल (air india china airspace request) करने की अनुमति दिलाए, ताकि उसकी उड़ानें छोटी हो सकें। कंपनी के दस्तावेजों से पता चलता है कि पाकिस्तान के एयरस्पेस बैन (Pakistan Airspace Ban) से एयर इंडिया पर भारी आर्थिक बोझ बढ़ गया है।

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    यह मांग ऐसे समय में आई हैं जब भारत-चीन (india china flights resume) के बीच 5 साल बाद सीधी उड़ानें हाल ही में फिर से शुरू हुई हैं। वहीं, जून में लंदन जा रहा बोइंग-787 (Boeing 787) क्रैश हुआ था, जिसमें 260 लोगों की मौत हुई और कुछ रूट अस्थायी रूप से बंद करने पड़े। अब पाकिस्तान एयरस्पेस बंद होने से समस्या और बढ़ गई है।

    एअर इंडिया को कितना नुकसान?

    एअर इंडिया के दस्तावेजों के मुताबिक, एयरलाइन की फ्यूल कॉस्ट 29% तक बढ़ गई है। कई लंबी उड़ानों का समय 3 घंटे तक बढ़ गया है। पाकिस्तान एयरस्पेस बंद होने से 455 मिलियन डॉलर (करीब 4028 करोड़ रुपए) का वार्षिक प्री-टैक्स नुकसान भी हुआ है। जबकि, फिस्कल 2024-25 में कंपनी का नुकसान 439 डॉलर मिलियन (करीब 3,887 करोड़ रुपए) था।

    यह भी पढ़ें- PM Kisan Yojana: 9 करोड़ किसानों के खाते में आए ₹2-2 हजार; कहां से आया था इस योजना का आइडिया, किसका था दिमाग?

    एअर इंडिया ने सरकार से क्या कहा?

    एयरलाइन ने भारत सरकार से कहा है कि, "एअर इंडिया का लॉन्ग-हॉल नेटवर्क ऑपरेशनल और फाइनेंशियल तनाव में है। होतान रूट (Hotan Route) एक रणनीतिक विकल्प हो सकता है।" ऐसे में कंपनी चाहती है कि भारत सरकार, चीन से बातचीत करे। ताकि, Hotan, Kashgar और Urumqi एयरपोर्ट के पास वैकल्पिक रूट मिल सके।

    डाइवर्जन की स्थिति में इमरजेंसी एक्सेस मिले। साथ ही, अमेरिका, कनाडा और यूरोप के रूट फिर से तेज और किफायती हो सकें। हालांकि, इस पूरे मामले पर चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उन्हें अभी इसकी जानकारी नहीं है। इस बारे में उन्होंने 'संबंधित अथॉरिटीज' से पूछने को कहा है।

    Hotan एयरस्पेस क्यों संवेदनशील है?

    Hotan एयरस्पेस दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत शृंखलाओं से घिरा है और उसकी ऊंचाई 20,000 फीट से अधिक है। यहां सुरक्षा का जोखिम है। यहां डिकंप्रेशन की स्थिति में इमरजेंसी लैंडिंग मुश्किल मानी जाती है। यह हिस्सा पीएलए वेस्टर्न थिएटर कमांड (PLA Western Theater Command) के कंट्रोल में है, जहां मिसाइल, ड्रोन और एयर-डिफेंस मौजूद हैं। इस इलाके का काम भारत के साथ संभावित संघर्ष को संभालना भी है। सैन्य विश्लेषकों के अनुसार, Hotan एयरबेस में हाल ही में और विस्तार किया गया है।

    AirNav Radar डेटा दिखाता है कि पिछले 12 महीनों यानी एक साल में एक भी विदेशी एयरलाइन Hotan एयरपोर्ट नहीं गई। एविएशन एनालिस्ट शुकोर यूसुफ बताते हैं कि, "एअर इंडिया कोशिश कर सकती है, लेकिन चीन के मान जाने की संभावना कम है।"

    किन रूट्स पर असर पड़ा?

    एयरस्पेस न मिलने से अमेरिका के कई रूट प्रभावित हैं। दिल्ली-वॉशिंगटन उड़ान (Delhi–Washington Flight) अगस्त से बंद है। मुंबई-सैनफ्रांसिस्को (Mumbai–San Francisco Flight) और बेंगलुरू-सैनफ्रांसिस्को (Bengaluru–San Francisco) रूट अनवायबल (टिकट खरीदने योग्य नहीं) है। कोलकाता (Kolkata) में तकनीकी स्टॉप से 3 घंटे अतिरिक्त समय लग रहा है। एअर इंडिया ने अपने दस्तावेजों में बताया है कि यात्री अब विदेशी एयरलाइंस चुन रहे हैं, क्योंकि उन्हें पाकिस्तान ओवरफ्लाइट की सुविधा है।

    Hotan रूट मिल जाए तो क्या फायदा?

    एअर इंडिया का अनुमान है कि अगर Hotan रूट मिल जाता है तो अतिरिक्त फ्यूल की जरूरत बड़े स्तर पर घटेगी। उड़ान का समय कम होगा। पैसेंजर और कार्गो क्षमता बढ़ेगी यानी 15% तक हुई कटौती वापस बढ़ सकेगी। 1.13 मिलियन डॉलर (करीब 10 करोड़ रुपए) प्रति सप्ताह नुकसान कम हो सकता है।

    एयरलाइन के फाइनेंशियल हालात और बिगड़े

    एअर इंडिया ने कहा कि जब तक पाकिस्तान का एयरस्पेस नहीं खुलता, अस्थायी सब्सिडी दी जाए। क्योंकि, 70 बिलियन डॉलर के नए एयरक्राफ्ट ऑर्डर के बावजूद पुरानी टैक्स देनदारियां सिरदर्द बन गई हैं। सरकार ने 2022 में Tata को बेचते समय पुराने केसों से सुरक्षा दी थी, लेकिन अब 725 मिलियन डॉलर के पुराने टैक्स मामलों पर नोटिस आए हैं।

    मार्च की एक गोपनीय रिपोर्ट में चेतावनी दी गई थी कि 58 मिलियन डॉलर की रिकवरी के लिए कोअर्सिव स्टेप्स यानी संपत्ति फ्रीज तक की जा सकती है। इसे लेकर एअर इंडिया का कहना है कि डिसइन्वेस्टमेंट के समय दिए गए आश्वासन के बावजूद इन टैक्स डिमांड्स ने कैश फ्लो पर अतिरिक्त बोझ डाला है।

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