आक्रामक मार्केटिंग से 112 अरब डालर का निर्यात बढ़ाने में मिल सकती है मदद
आक्रामक मार्केटिंग और सरकारी समर्थन से भारतीय कंपनियों को तीन वर्षों में निर्यात 112 अरब डॉलर बढ़ाने में मदद मिल सकती है। FIEO के अध्ययन में पाया गया कि इस क्षमता का दोहन करने के लिए सही रणनीति की आवश्यकता है। साथ ही भारतीय दूतावास को इन देशों में घरेलू वस्तुओं के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए इन देशों में बाजार पहुंच के मुद्दों की पहचान करनी चाहिए।

जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली: सरकार के समर्थन सहित आक्रामक मार्केटिंग से भारतीय कारोबारियों को तीन सालों में 112 अरब डालर का निर्यात बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
उचित रणनीति की जरूरत
भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (एफआइईओ) द्वारा किए गए अध्ययन में कहा गया है कि इस क्षमता का दोहन करने के लिए एक उचित रणनीति की जरूरत है। इसके अलावा इन देशों में भारतीय दूतावास को बाजार पहुंच से संबंधित मुद्दों की पहचान करनी चाहिए ताकि उन गंतव्यों में घरेलू सामानों के निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके।
इन वजहों से मांग हुई प्रभावित
गैर-शुल्क बाधाएं निर्यात को प्रभावित करती हैं और इन समस्याओं से निपटने की जरूरत है। एफआइईओ ने कहा कि दूतावास उद्योग को प्रमुख आयातकों के साथ बैठकें आयोजित करने में भी मदद कर सकते हैं।
इन देशों में घरेलू मैन्यूफैक्चरिंग क्षमताओं की ताकत दिखाने के लिए प्रिंट तथा इलेक्ट्रानिक मीडिया पर अभियान भी चलाया जा सकता है। अध्ययन में कहा गया है कि वैश्विक मंदी, बढ़ती ब्याज दर और उच्च मुद्रास्फीति के चलते मांग प्रभावित हुई है। इसका असर भारत के निर्यात पर भी पड़ रहा है। ऐसे में उन क्षेत्रों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है, जहां निर्यात संबंधी संभावनाएं हैं।
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