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    अब न्यूक्लियर एनर्जी के कारोबार में उतरने की तैयारी में अदाणी समूह, यूपी सरकार के साथ चल रही रिएक्टर लगाने की बात- रिपोर्ट

    Updated: Fri, 19 Dec 2025 05:15 PM (IST)

    ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, उद्योगपति गौतम अदाणी की कंपनी उत्तर प्रदेश सरकार के साथ कमर्शियल न्यूक्लियर एनर्जी प्रोजेक्ट बनाने के लिए बातचीत कर रह ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली। देश का दिग्गज कारोबारी अदाणी ग्रुप अब न्यूक्लियर एनर्जी (Nuclear Energy Sector) यानी परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में भी उतरने की तैयारी कर रहा है। न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले से जुड़े लोगों ने बताया कि गौतम अदाणी की कंपनी उत्तर भारत के एक राज्य के साथ कमर्शियल न्यूक्लियर एनर्जी प्रोजेक्ट बनाने के लिए बातचीत कर रही है। इससे अरबपति गौतम अदाणी को एक ऐसे सेक्टर में बढ़त मिलेगी जिसे भारत सरकार प्राइवेट कंपनियों के लिए खोल रही है।

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    इन लोगों ने पहचान नहीं बताने की शर्त पर बताया है कि अदाणी ग्रुप उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों के साथ आठ 200-मेगावाट के छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर, या SMRs, बनाने के लिए बातचीत कर रहा है। यह प्लान एशिया के दूसरे सबसे अमीर आदमी की अपने रिन्यूएबल पोर्टफोलियो को बढ़ाने की कोशिशों का हिस्सा है, और इससे ग्रुप को लगभग 1,600 MW की न्यूक्लियर क्षमता मिलेगी।

    क्या है Shanti बिल?

    लोकसभा ने बुधवार को 'सस्टेनेबल हार्नेसिंग एंड एडवांसमेंट ऑफ न्यूक्लियर एनर्जी फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया' बिल (Shanti Bill), 2025 पास कर दिया, जिससे भारत के सिविल न्यूक्लियर ढांचे में बड़े बदलाव का रास्ता साफ हो गया है।

    केंद्र सरकार ने भारत के न्यूक्लियर एनर्जी कानूनों में बदलाव करने और आज़ादी के बाद पहली बार न्यूक्लियर पावर प्लांट बनाने और चलाने में प्राइवेट सेक्टर की हिस्सेदारी को मुमकिन बनाने के लिए Shanti Bill, 2025 पेश किया है। इसके बाद अदाणी समेत अन्य प्राइवेट कंपनीज ने न्यूक्लियर एनर्जी सेक्टर में काम करने को लेकर रुचि दिखाई है।

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    शांति बिल, 2025 भारत के न्यूक्लियर एनर्जी फ्रेमवर्क में बड़ा बदलाव करता है, जिसमें एटॉमिक एनर्जी एक्ट, 1962 और CLND एक्ट, 2010 की जगह ली गई है। यह न्यूक्लियर पावर प्लांट बनाने और चलाने में प्राइवेट और विदेशी हिस्सेदारी की इजाज़त देता है, जबकि रणनीतिक गतिविधियों पर सरकार का कंट्रोल बना रहता है।

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