26 साल पुरानी कंपनी बेच रहे हैं गौतम अदाणी, 2500 करोड़ की ब्लॉक डील लॉन्च, इस विदेशी कंपनी के साथ की थी शुरुआत
एक रिपोर्ट में इंडस्ट्री के सोर्सेज के हवाले से यह बताया गया है कि अदाणी ग्रुप ने AWL एग्री बिजनेस (पूर्व में अदाणी विल्मर) में अपनी शेष हिस्सेदारी बेचने और बाद में पूरी तरह से बाहर निकलने का मन बना लिया है। इसके लिए लगभग 2,500 करोड़ रुपये का एक ब्लॉक डील लॉन्च की है।

नई दिल्ली। अदाणी समूह जहां तेजी से अपने बिजनेस का विस्तार कर रहा है और नई कंपनियों को खरीद रहा है। वहीं, उसने अपनी एक कंपनी से बाहर निकलने का मन बना लिया है। मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट में इंडस्ट्री के सोर्सेज के हवाले से बताया गया है कि अदाणी ग्रुप ने AWL एग्री बिजनेस (पूर्व में अदाणी विल्मर) में अपनी शेष हिस्सेदारी बेचने और बाद में पूरी तरह से बाहर निकलने के लिए लगभग 2,500 करोड़ रुपये की एक ब्लॉक डील लॉन्च की है।
एक सूत्र ने कहा, "अदाणी एंटरप्राइजेज की सहायक कंपनी अडानी कमोडिटीज एलएलपी ने एडब्ल्यूएल एग्री में अपनी शेष 7 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए क्लीन आउट ट्रेड शुरू किया है।" वहीं, दूसरे व्यक्ति ने भी इसकी पुष्टि की और कहा कि प्रस्तावित ट्रेड के लिए न्यूनतम मूल्य 275 रुपये प्रति शेयर था, जबकि एक तीसरे व्यक्ति ने बताया कि इन्वेस्टमेंट बैंक जेफरीज प्रस्तावित ब्लॉक ट्रेड पर काम कर रहा है। हालांकि, अदाणी समूह ने इस पर कोई सफाई नहीं दी है।
अदाणी समूह पहले भी बेच चुका है स्टैक
इससे पहले अदाणी ग्रुप ने, जिसके पास एडब्ल्यूएल एग्री बिजनेस में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी थी, ने अपनी 13 प्रतिशत हिस्सेदारी विल्मर इंटरनेशनल लिमिटेड की एक शाखा को 4,646 करोड़ रुपये के ऑफ-मार्केट लेनदेन के माध्यम से बेच दी थी।
विल्मर को हिस्सेदारी बिक्री के बाद एडब्ल्यूएल एग्री में बची हुई हिस्सेदारी बेचने के लिए प्रस्तावित ब्लॉक डील, अदाणी समूह की एफएमसीजी कारोबार से बाहर निकलने और बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर पोर्टफोलियो पर ध्यान केंद्रित करने की रणनीति का हिस्सा है।
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बता दें कि 1999 में स्थापित अदाणी विल्मर, अदाणी एंटरप्राइजेज और विल्मर इंटरनेशनल का ज्वाइंट वेंचर है। यह कंपनी भारत में कच्चे पाम ऑयल का अग्रणी प्रसंस्करणकर्ता है। साथ ही देश में खाद्य तेलों का सबसे बड़ा आयातक भी है।

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