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    हिंडनबर्ग की रिपोर्ट बेअसर! संकट के बाद अदाणी ने किए ₹80000 करोड़ के सौदे; किन सेक्टर्स फोकस, क्या रही रणनीति?

    Updated: Thu, 25 Dec 2025 03:46 PM (IST)

    Adani Mergers 2023-2025: हिंडनबर्ग के आरोपों के बावजूद, अदाणी ग्रुप ने पिछले तीन वर्षों में ₹80,000 करोड़ से अधिक के 33 बड़े सौदे किए हैं। ग्रुप ने पो ...और पढ़ें

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    जिस अदाणी को डुबाने निकला था हिंडनबर्ग, उसी ने 3 साल में कर डालीं ₹80000 करोड़ की डील; किन सेक्टर्स पर फोकस?

    Adani Group acquisitions: हिंडनबर्ग के आरोपों से बाजार हिलाने की कोशिश के बावजूद अदाणी ग्रुप ने पिछले करीब तीन साल में ₹80,000 करोड़ से ज्यादा के 33 बड़े सौदे (Rs 80000 crore deals Adani) पूरे कर दिए हैं। जनवरी 2023 में अमेरिकी शॉर्ट सेलर की रिपोर्ट आने के बाद जिस समूह पर सवाल उठे थे, वही समूह अब लगातार अधिग्रहण कर यह दिखा रहा है कि उसकी फंडिंग और बिजनेस एग्जीक्यूशन पटरी पर है।

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    मार्केट डेटा और कंपनी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, जनवरी 2023 के बाद से अदाणी ग्रुप (Adani Group) ने अपने कोर सेक्टर्स पोर्ट्स, सीमेंट और पावर पर फोकस रखते (Adani ports cement power) हुए यह डील्स कीं।

    सबसे ज्यादा अधिग्रहण पोर्ट्स सेक्टर में हुए, जिनकी कुल वैल्यू करीब ₹28,145 करोड़ रही। इसके बाद सीमेंट सेक्टर में ₹24,710 करोड़ और पावर सेक्टर में ₹12,251 करोड़ के सौदे हुए। नए और उभरते बिजनेस में ₹3,927 करोड़, जबकि ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन में ₹2,544 करोड़ के सौदे शामिल हैं।

    JP Associates की डील शामिल नहीं

    यह लिस्ट ₹13,500 करोड़ के उस प्रस्तावित सौदे को शामिल नहीं करती, जिसमें दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रहे जयप्रकाश ग्रुप (JP Associates) का अधिग्रहण किया जाना है। यह डील अभी पूरी नहीं हुई है। इसके अलावा कुछ अन्य ट्रांजैक्शन भी पाइपलाइन में बताए जा रहे हैं।

    यह भी पढ़ें- देश का पहला F1 ट्रैक बनाने के पीछा था बड़ा मास्टर प्लान, JP Associates ने क्यों खर्च किए थे ₹18500 करोड़?

    हिंडनबर्ग रिचर्स ने क्या लगाए थे आरोप?

    दरअसल, यह सारी हलचल उस वक्त शुरू हुई जब 2023 की शुरुआत में अब बंद हो चुकी अमेरिकी शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने अदाणी ग्रुप (Gautam Adani) पर अकाउंटिंग गड़बड़ी और शेयरों में हेरफेर के आरोप लगाए थे। अदाणी ग्रुप ने इन आरोपों को शुरू से ही खारिज किया और बैलेंस शीट सुधारने पर जोर दिया।

    क्या रही गौतम अदाणी की रणनीति ?

    कंपनी की रणनीति साफ रही- कर्ज घटाना, इक्विटी इन्फ्यूजन करना और पूंजी का सोच-समझकर इस्तेमाल। इसी के साथ पोर्ट्स, सीमेंट और पावर जैसे मजबूत सेक्टर्स में चुनिंदा अधिग्रहण जारी रखे गए, ताकि कैश फ्लो और स्केल दोनों बने रहें। विश्लेषकों का कहना है कि बेहतर पारदर्शिता और बैंकों के साथ लगातार संवाद से फंडिंग तक पहुंच स्थिर हुई है।

    बीते क्वार्टरों में अदाणी ग्रुप ने यह भी बताया कि उसका नेट डेट-टू-एबिडटा (EBITDA) करीब 3 गुना है, जो कंपनी की तय गाइडेंस रेंज से भी कम है। इससे निवेशकों का भरोसा धीरे-धीरे लौटा है।

    33 सौदों में सबसे बड़ी डील कौन सी रही?

    इन 33 सौदों में सबसे बड़ा सौदा अप्रैल में ऑस्ट्रेलिया के नॉर्थ क्वींसलैंड एक्सपोर्ट टर्मिनल का ₹21,700 करोड़ में अधिग्रहण रहा। आगे देखते हुए, अदाणी ग्रुप (Gautam Adani deals) ने अगले पांच साल में करीब ₹10 लाख करोड़ के कैपेक्स का प्लान बताया है। यानी साफ है कि हिंडनबर्ग के हमले के बाद भी अदाणी ने सौदों के दम पर अपना जवाब बाजार को दे दिया है।

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