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    अदाणी ग्रुप की एक और बड़ी छलांग, यह कंपनी बनाएगी 5वीं पीढ़ी का खूंखार लड़ाकू विमान, बहुत खास है प्लान

    Updated: Mon, 01 Sep 2025 05:46 PM (IST)

    अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने रक्षा मंत्रालय के एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) प्रोग्राम के तहत भारत की 5वीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर प्रोजेक्ट में अपनी भागीदारी की पुष्टि की है। कंपनी के सीईओ आशीष राजवंशी ने कहा कि हम निश्चित रूप से AMCA कार्यक्रम के लिए अपना प्रजेंटेशन प्रस्तुत करेंगे।

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    अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस, अदाणी ग्रुप की रक्षा क्षेत्र में सक्रिय कंपनी है।

    नई दिल्ली। अदाणी ग्रुप तेजी से अपने डिफेंस बिजनेस का विस्तार कर रहा है और इसी कड़ी में अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस (Adani Defence & Aerospace) ने रक्षा मंत्रालय के एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) प्रोग्राम के तहत भारत की 5वीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर प्रोजेक्ट (Stealth Fighter Jet Programme) में अपनी भागीदारी की पुष्टि की है। कंपनी के सीईओ आशीष राजवंशी ने कहा कि यह कार्यक्रम फिलहाल एक्प्रेशन ऑफ इंटरेस्ट के स्टेज में है और इस प्रोजेक्ट में शामिल होने के लिए सरकार ने इस पर 30 सितबंर तक जवाब मांगे हैं।

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    राजवंशी ने कहा, "हम निश्चित रूप से AMCA कार्यक्रम के लिए अपना प्रजेंटेशन प्रस्तुत करेंगे।" उन्होंने आगे बताया कि एएमसीए को 10 साल के डेवलपमेंट प्रोग्राम के रूप में परिकल्पित किया गया है, जिसके तहत पहला लड़ाकू विमान 2034-35 तक भारतीय वायु सेना के बेड़े में शामिल होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, "इसमें सफलता मिलने पर हम बाद में सीरियल प्रोडक्शन शुरू करेंगे।"

    भारत का सबसे अहम फाइटर डेट डेवलपमेंट प्रोग्राम

    डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) के अंतर्गत एअरोनोटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) द्वारा संचालित एएमसीए परियोजना, भारत का अब तक का सबसे महत्वाकांक्षी फाइटर जेट डेवलपमेंट प्रोग्राम है, इसे दो इंजन वाला, पाँचवीं पीढ़ी का स्टील्थ बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान के रूप में डिज़ाइन किया गया है, जो हवाई श्रेष्ठता, ज़मीनी हमले और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध अभियानों में सक्षम है।

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    बता दें कि हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एएमसीए कार्यान्वयन मॉडल को मंज़ूरी दी है, जिससे पहली बार इस कार्यक्रम को सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों की भागीदारी के लिए खोल दिया गया है। सरकार ने विकास चरण के लिए लगभग 15,000 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान लगाया है, जिसमें एडीए ने प्रोटोटाइप डेवलपमेंट, टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए उद्योग संघों को आमंत्रित किया है।