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    8th Pay Commission: क्या है ओल्ड पेंशन स्कीम, जिसकी बहाली की मांग कर रहे 26 लाख कर्मचारी? समझें पूरी डिटेल

    Updated: Mon, 24 Nov 2025 10:00 PM (IST)

    8th Pay Commission: देश में आठवें वेतन आयोग की चर्चा के बीच, 26 लाख कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली की मांग कर रहे हैं। OPS में रिटायरमेंट के बाद अंतिम वेतन का 50% पेंशन मिलती है, जबकि NPS बाजार पर निर्भर है। कर्मचारी चाहते हैं कि आठवें वेतन आयोग के साथ OPS भी लागू हो, ताकि उन्हें रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा मिल सके। सरकार NPS में सुधार कर रही है, लेकिन OPS पर कोई स्पष्ट संकेत नहीं है।

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    8th Pay Commission: क्या है ओल्ड पेंशन स्कीम, जिसकी बहाली की मांग कर रहे 26 लाख कर्मचारी? समझें पूरी डिटेल

    नई दिल्ली| देश में आठवें वेतन आयोग की चर्चा तेज है। केंद्र सरकार इसका टर्म ऑफ रेफ्रेंस (ToR) भी जारी कर चुकी है। इसी के साथ, केंद्र सरकार के 26 लाख कर्मचारियों ने एक बार फिर ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) की बहाली की मांग तेज कर दी है। कर्मचारियों का साफ कहना है कि जब आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की सिफारिशें तैयार होंगी, उसी दौरान पुरानी पेंशन को भी लागू किया जाना चाहिए, क्योंकि रिटायरमेंट के बाद सुरक्षित आय सबसे बड़ी जरूरत है।

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    नेशनल काउंसिल-जेसीएम (NC-JCM) ने सरकार को भेजे पत्र में कहा है कि जनवरी 2004 के बाद भर्ती हुए और NPS में शामिल 26 लाख कर्मचारियों के लिए OPS बहाली जरूरी है। संगठन का कहना है कि यह 'लंबे समय से लंबित और न्यायसंगत मांग है, जो रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों की सुरक्षा और सम्मान से जुड़ी है।'

    अब सवाल यह है कि आखिर ओल्ड पेंशन स्कीम है क्या,जिसकी बहाली को लेकर मांग तेज हो गई है।

    क्या है ओल्ड पेंशन स्कीम (What is Old Pension Scheme)?

    OPS यानी पुरानी पेंशन स्कीम में सरकारी कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद हर महीने पूरी पेंशन मिलती है। यह पेंशन कर्मचारी की आखिरी सैलरी का 50% तक होती है। इसमें महंगाई भत्ता भी जुड़ता रहता है, जो हर 6 महीने में बढ़ता है। यह स्कीम पूरी तरह सरकारी खर्चे पर चलती है, यानी कर्मचारी को अपनी सैलरी से अंशदान नहीं देना पड़ता। पूरा पैसा सरकार देती है। पेंशन जीवन भर मिलती है और कर्मचारी की मृत्यु के बाद पत्नी/पति को भी फैमिली पेंशन मिलती रहती है। यह पूरी तरह गारंटीड और सुरक्षित होती है।

    ओल्ड पेंशन स्कीम ब्रिटिश काल से चली आ रही थी। आजादी के बाद भी यही जारी रही और 1 जनवरी 2004 तक सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू थी। 1 जनवरी 2004 से नई पेंशन स्कीम (NPS) शुरू हुई, इसलिए OPS को बंद कर दिया गया।

    यह भी पढ़ें- 8th Pay Commission: सरकार से ये 7 बातें मनवाने में लगे यूनियन, लग गई मुहर तो पेंशनर्स-कर्मचारियों की हो जाएगी मौज!

    क्यों बढ़ी OPS बहाली की मांग?

    कर्मचारियों का कहना है कि नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में पेंशन मार्केट पर निर्भर होती है, इसलिए रिटायरमेंट के बाद आय अनिश्चित रहती है। कई कर्मचारी रिटायरमेंट पर उम्मीद से बहुत कम पेंशन पाते हैं। इसीलिए OPS की मांग तेजी से बढ़ी है।

    NC-JCM का तर्क है कि सरकारी कर्मचारी 30-35 साल नौकरी करते हैं, ऐसे में उन्हें स्थायी और सम्मानजनक पेंशन मिलना उनका हक है। संगठन ने यह भी कहा कि कई राज्य जैसे राजस्थान, हिमाचल, पंजाब और छत्तीसगढ़ पहले ही OPS बहाल कर चुके हैं, इसलिए केंद्र भी पहल करे।

    नेशनल पेंशन स्कीम क्या है? (What is National Pension Scheme)?

    नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) 2004 में शुरू हुई नई पेंशन व्यवस्था है। इसमें कर्मचारी की सैलरी से हर महीने 10% पैसा कटता है और सरकार भी 10-14% डालती है। यह पैसा शेयर बाजार, बॉन्ड और सरकारी सिक्योरिटी में निवेश होता है। रिटायरमेंट पर 60% राशि एकमुश्त मिलती है, बाकी 40% से एन्युटी खरीदकर हर महीने पेंशन बनती है। पेंशन की राशि बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करती है, इसलिए यह पूरी तरह गारंटीड नहीं होती। जोखिम कर्मचारी का रहता है।

    आठवें वेतन आयोग से OPS का क्या संबंध?

    कर्मचारी संगठनों का कहना है कि जब सरकार 8वें वेतन आयोग पर विचार कर रही है, उसी दौरान पेंशन सुधार भी होना चाहिए। उनका मानना है कि अगर OPS बहाल होती है, तो लाखों कर्मचारियों को भविष्य की आर्थिक सुरक्षा मिल जाएगी।

    क्या कदम उठा सकती है केंद्र सरकार ?

    सरकारी सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार अभी NPS में सुधार पर काम कर रही है। हालांकि OPS बहाली पर कोई स्पष्ट संकेत नहीं दिया गया है। लेकिन कर्मचारियों का दबाव बढ़ता जा रहा है और आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की चर्चाओं के बीच यह मुद्दा फिर से सबसे बड़े एजेंडा में शामिल हो गया है।

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