8th Pay Commission: रेलवे के 12 लाख से ज्यादा कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, सैलरी बढ़ाने पर अभी से होने लगा काम?
8th Pay Commission: रेलवे कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। 8वें वेतन आयोग के लागू होने से पहले ही रेलवे सैलरी बढ़ोतरी की तैयारी में है। रेलवे अपने फाइने ...और पढ़ें
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8th Pay Commission: रेलवे के 12 लाख से ज्यादा कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, सैलरी बढ़ाने पर अभी से होने लगा काम?
नई दिल्ली| रेलवे कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर सामने आई है। 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के लागू होने से पहले ही भारतीय रेलवे सैलरी बढ़ोतरी की तैयारी में जुट गया है। आने वाले समय में वेतन और पेंशन पर बढ़ने वाले भारी खर्च को देखते हुए रेलवे ने अपने फाइनेंस मजबूत करने के लिए खर्च-कटौती, सेविंग और कमाई बढ़ाने से जुड़े कदम उठाने अभी से शुरू कर दिए हैं। साफ है कि 8वां वेतन आयोग लागू होते ही कर्मचारियों की सैलरी में बड़ा इजाफा तय माना जा रहा है।
कब आएगी 8वें वेतन आयोग की रिपोर्ट?
8वां वेतन आयोग जनवरी 2025 में गठित हुआ था और 28 अक्टूबर 2025 को टर्म ऑफ रेफरेंस (Term of Reference -ToR) जारी हुआ था। आयोग को अपनी सिफारिशें देने के लिए 18 महीने का समय मिला है। यानी रिपोर्ट जनवरी 2026 से पहले आने की उम्मीद है। ऐसे में रेलवे के पास सीमित वक्त है, इसलिए वह अभी से अपनी वित्तीय सेहत सुधारने में जुट गया है।
7वें वेतन आयोग से रेलवे ने क्या सीखा?
रेलवे को 7वें वेतन आयोग का अनुभव याद है। साल 2016 में 7वां वेतन आयोग लागू हुआ था, तब कर्मचारियों की सैलरी में 14% से 26% तक की बढ़ोतरी हुई थी। इसका सीधा असर रेलवे के बजट पर पड़ा और वेतन-पेंशन का सालाना बोझ करीब 22000 करोड़ रुपए बढ़ गया था। अब आंतरिक आकलन के मुताबिक, 8वें वेतन आयोग के बाद यह अतिरिक्त बोझ 30000 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है।
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बढ़ते खर्च से निपटने की क्या तैयारी है?
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इस चुनौती से निपटने की पूरी प्लानिंग पहले से की जा रही है।
- ऑपरेशनल एफिशिएंसी बढ़ाई जा रही है
- फ्रेट (माल ढुलाई) से होने वाली कमाई पर खास फोकस है
- आंतरिक संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल किया जा रहा है
रेलवे की मौजूदा वित्तीय स्थिति क्या है?
वित्त वर्ष 2024-25 में रेलवे का ऑपरेटिंग रेश्यो 98.90% रहा, जबकि इस दौरान 1341.31 करोड़ रुपए की शुद्ध आय दर्ज की गई। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए ऑपरेटिंग रेश्यो को 98.43% तक सुधारने का लक्ष्य रखा गया है और नेट रेवेन्यू 3,041.31 करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है।
बिजली और कर्ज से होगी बड़ी सेविंग?
पूरे रेल नेटवर्क के इलेक्ट्रिफिकेशन से हर साल करीब 5,000 करोड़ रुपए की बचत होने की उम्मीद है। इसके अलावा, 2027-28 से रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन (IRFC) को किए जाने वाले भुगतान में भी कमी आएगी, क्योंकि हाल के वर्षों में पूंजीगत खर्च का बड़ा हिस्सा बजटीय सहायता से पूरा किया गया है।
फिटमेंट फैक्टर बना चुनौती
कर्मचारी संगठनों की मांगें भी रेलवे के लिए अहम हैं। 7वें वेतन आयोग (7th pay commission) में 2.57 फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) लागू हुआ था, जबकि अब यूनियनें 2.86 फिटमेंट फैक्टर की मांग कर रही हैं। अगर यह मांग मानी जाती है, तो वेतन खर्च में 22% से ज्यादा की बढ़ोतरी हो सकती है।
रेलवे का भरोसा और बजट बढ़ोतरी
इन सबके बावजूद रेलवे आश्वस्त है। वित्त वर्ष 2025-26 में कर्मचारियों के वेतन के लिए बजट बढ़ाकर 1.28 लाख करोड़ रुपए कर दिया गया है, जो पिछले साल 1.17 लाख करोड़ रुपए था। पेंशन के लिए भी ज्यादा फंड आवंटित किया गया है। रेलवे का मानना है कि सही योजना और बढ़ती आय के दम पर 8वें वेतन आयोग के असर को संतुलित किया जा सकेगा और इसका सीधा फायदा रेलवे के 12 लाख 50 हजार से ज्यादा कर्मचारियों को मिलेगा।

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