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    8th Pay Commission: क्या बाहर हो गए 69 लाख पेंशनर्स? सरकार से फेडरेशन की गुहार- तुरंत सुधारो!

    Updated: Mon, 10 Nov 2025 04:33 PM (IST)

    8th Pay Commission News: केंद्र सरकार के आठवें वेतन आयोग से 69 लाख पेंशनर्स को बाहर रखने पर विवाद हो गया है। ऑल इंडिया डिफेंस एम्प्लॉइज फेडरेशन ने वित्त मंत्री को पत्र लिखकर इस फैसले में सुधार की मांग की है। फेडरेशन ने पेंशनर्स को आयोग में शामिल करने और 1 जनवरी 2026 से नई वेतन संरचना लागू करने की मांग की है। उनका कहना है कि महंगाई के गलत आंकड़े वेतन निर्धारण को प्रभावित कर सकते हैं।

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    क्या बाहर हो गए 69 लाख पेंशनर्स? सरकार से फेडरेशन की गुहार- तुरंत सुधारो!

    नई दिल्ली| केंद्र सरकार के आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की शर्तों को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। करीब 69 लाख पेंशनर्स और फैमिली पेंशनर्स को इसके दायरे से बाहर रखा गया है। इससे नाराज ऑल इंडिया डिफेंस एम्प्लॉइज फेडरेशन (AIDEF) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) को पत्र लिखकर इस फैसले में सुधार की मांग की है।

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    फेडरेशन का आरोप है कि 7वें वेतन आयोग में पेंशन संशोधन का प्रावधान साफ तौर पर शामिल था, लेकिन इस बार 8वें वेतन आयोग के टर्म ऑफ रेफ्रेंस (Terms of Reference) से यह क्लॉज पूरी तरह हटा दिया गया है। इससे पहले से रिटायर कर्मचारियों की पेंशन बढ़ोतरी पर रोक लग सकती है।

    AIDEF का कहना है कि,

    "जिन लोगों ने दशकों तक देश की सेवा में अपना पसीना और खून बहाया, उन्हें अब जीवन के आखिरी दौर में भुलाया जा रहा है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और अनुचित है।"

    यह भी पढ़ें- 8th Pay Commission: 2027 में दीवाली पर लागू होगा 8वां वेतन आयोग? सैलरी-बोनस और पेंशन में कितनी होगी बढ़ोतरी?

    फेडरेशन की मुख्य मांगें

    फेडरेशन ने सरकार के सामने मुख्त रूप से चार मांगे रखी हैं।

    1. पेंशनर्स और फैमिली पेंशनर्स को 8वें वेतन आयोग के दायरे में शामिल किया जाए।
    2. नई वेतन और पेंशन संरचना की प्रभावी तारीख 1 जनवरी 2026 तय की जाए।
    3. कम्यूटेड पेंशन, जिसका कुछ हिस्सा अग्रिम लिया जाता है, को 11 साल बाद बहाल किया जाए, जो फिलहाल 15 साल बाद होती है।
    4. हर 5 साल में 5% पेंशन बढ़ोतरी की व्यवस्था की जाए, जैसा कि संसद की स्थाई समिति ने सुझाव दिया था।

    मायने क्यों रखते हैं महंगाई के आंकड़े?

    एक्सपर्ट्स का कहना है कि महंगाई दर (Inflation) के सही आंकड़े ही वेतन आयोग की सफलता तय करेंगे। अभी हाउसिंग इंफ्लेशन की गणना सरकारी मकानों के किराए और लाइसेंस फीस से की जाती है, जो वास्तविक बाजार किराए से मेल नहीं खाती।

    उदाहरण के तौर पर, 2017 में जब 7वें वेतन आयोग ने HRA बढ़ाया, तो हाउसिंग इंफ्लेशन 4.7% से 8.45% पहुंच गया, जबकि असल किराए में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ था। इससे पता चलता है कि गलत आंकड़े वेतन तय करने की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं।

    18 महीनों में रिपोर्ट सौंपेगा 8वां वेतन आयोग

    सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाला 8वां वेतन आयोग अगले 18 महीनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। इसकी सिफारिशें केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के वेतन, भत्तों और पेंशन ढांचे को तय करेंगी। फिलहाल यूनियनों का कहना है कि जब तक सरकार इन खामियों को नहीं सुधारेगी, 8वां वेतन आयोग अपने उद्देश्य से भटक जाएगा।

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