Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    ऑटोवाले या दुकानदार ने नहीं लिया 5 या 10 रुपये का सिक्का तो क्या करेंगे आप? ये हैं RBI के नियम

    By Sonali SinghEdited By: Sonali Singh
    Updated: Tue, 04 Apr 2023 05:51 PM (IST)

    RBI Rules for 10 Rupee Coin Fake कई बार ऐसा होता है कि दुकानदार 5 या 10 रुपये का सिक्का लेने से मना कर देते हैं। ऐसे में आप क्या करेंगे? चलिए इससे जुड़े नियमों के बारे में जानते हैं। (फाइल फोटो)

    Hero Image
    RBI Rules 10 Rupee Coin, What To Do Whne Shopkeeper Refused To Take 10 Rs Coin

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। ऐसा आपके साथ भी कभी न कभी हुआ होगा, जब ऑटोवाले, सब्जीवाले या किसी दुकानदार ने 10 रुपये के सिक्के को लेने से मना कर दिया हो और कारण पूछे जाने पर यह जवाब आया हो कि सरकार ने इसका चलन बंद कर दिया है, या फिर आपने जो सिक्का दिया है, वह कभी जारी ही नहीं किया गया है। यानी वह नकली है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह स्थिति बहुत बार आपको परेशानी में डाल सकती है। ऐसे में मन में सवाल आता है कि क्या सच में ऐसा कुछ हुआ है, और नहीं तो इस स्थिति में आपको क्या करना चाहिए? साथ ही क्या इसको लेकर भारत में कोई नियम बनाए गए हैं? चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

    कौन जारी करता है सिक्के?

    भारत में 10 रुपये के सिक्के के अलावा, 1 रुपये, 2 रुपये, 5 रुपये और 20 रुपये के सिक्के चलन में हैं। ये सभी सिक्के RBI द्वारा जारी किए जाते हैं और एक से ज्यादा डिजाइन के साथ बाजार में आ सकते हैं। ऐसे में सभी तरह के सिक्के मान्य हैं और कोई इसे नकली कहकर लेने से मना नहीं कर सकता है। 

    सिर्फ इस सिक्के को किया गया है बैन

    RBI के मुताबिक, अब तक सिर्फ 25 पैसे या उससे कम कीमत के सिक्कों को बैन किया गया है और इनका प्रचलन बंद कर दिया गया है। वहीं, 50 पैसे के सिक्के जारी नहीं किए जाते, लेकिन ये सिस्टम में अभी भी मौजूद हैं और इन्हें लेने से कोई व्यक्ति मना नहीं कर सकता है।

    सिक्का लेने से मना करने पर क्या करें?

    अगर कोई व्यक्ति या दुकानदार 10 रुपये के सिक्के को लेने से मना कर दें तो ऐसी स्थिति में उसके खिलाफ शिकायत दर्ज की जा सकती है और दुकानदार को सख्त कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। NCIB (नेशनल क्राइम इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो) के मुताबिक, भारतीय मुद्रा अधिनियम और आइपीसी की धारा 489(A) से 489(E) के तहत इसके खिलाफ FIR दर्ज कराई जा सकती है। साथ ही, तत्काल सहायता के लिए पुलिस को भी कॉल किया जा सकता है।