Personal Loan लेने से पहले जान लें क्या होता है Credit Risk, गड़बड़ी हुई तो बैंक नहीं देगा कर्ज
जब बात लोन की आती है तो आप पर्सनल लोन ले सकते हैं लेकिन बैंक आपको पर्सनल लोन देने से पहले क्रेडिट रिक्स का आकलन जरूर करता है। आज हम आपको बताएंगे कि ऐसे कौन से कारण हैं जो क्रेडिट रिस्क को प्रभावित करते हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: अनिश्चितता भरे इस जीवन में आप कभी अपने आपको सुरक्षित महसूस नहीं कर सकते। जीवन में कब उतार-चढ़ाव आए, कोई नहीं कह सकता। बेहतर यही होता है कि हर घटना से निपटने के लिए आज से ही हर संभव तैयारी की जाए।
आपको कभी भी इमरजेंसी फंड की जरूरत पड़ सकती है, जो नकदी से पूरी नहीं हो सकती। यह फंड किसी भी चीजों के लिए जैसे विवाह या चिकित्सा व्यय को कवर करने, बड़ी खरीदारी करने, चल रहे सभी लोन को एक साथ जोड़ने या किसी अन्य व्यय को पूरा करने के लिए हो सकता है।
जब बात लोन की आती है तो आपको बाकी अन्य लोन की जगह पर्सनल लोन लेना चाहिए, क्योंकि आप यह लोन किसी भी काम के लिए ले सकते हैं।
क्या होता है पर्सनल लोन?
पर्सनल लोन वह राशि है, जिसे आप विभिन्न उद्देश्यों के लिए उपयोग करने के लिए उधार ले सकते हैं। आप पर्सनल लोन बैंकों, क्रेडिट यूनियनों या ऑनलाइन ऐप से ले सकते हैं। आप पर्सनल लोन को किसी भी निजी कारणों को पूरा करने के लिए ले सकते हैं।
इस लोन की स्वीकृत से पहले, बैंक लोन जोखिम यानी क्रेडिट रिक्स का आकलन करते हैं। लोन जोखिम वो जोखिम होता है, जब लोन लेने वाला व्यक्ति किसी कारण से लोन का चुकाने में विफल रहता है।
बैंक पर्सनल लोन देने से पहले इस जोखिम को हमेशा ध्यान में रखते हैं कि किसी व्यक्ति को कितना पर्सनल लोन देना चाहिए। आज हम आपको ऐसी चार चीजें बताएंगे जो आपके लोन जोखिम यानी क्रेडिट रिक्स को प्रभावित करती हैं:
लोन चुकाने की क्षमता
लेनदार की लोन चुकाने की क्षमता क्रेडिट रिक्स को प्रभावित करने का सबसे बड़ा कारण है। इसलिए बैंक सबसे पहले यह देखते हैं कि जिसे वो पर्सनल लोन दे रहे हैं, वह व्यक्ति इस लोन को चुकाने की क्षमता रखता है या नहीं।
इसके लिए बैंक उस व्यक्ति का रोजगार इतिहास, वर्तमान नौकरी की स्थिरता और आय राशि के साथ-साथ पिछली बकाया लोन का इतिहास भी देखते हैं।
कैपिटल रिस्क
यह कारक व्यक्ति के नेट वर्थ का आकलन करने के बारे में है, जिसने लोन के लिए आवेदन किया है। यह लेनदार की संपत्ति का प्रतिनिधित्व करता है और यह बचत और निवेश से लेकर गहने तक हो सकता है।
लोन की कंडीशन
जब जोखिम का पता लगाने की बात आती है, तो बैंक बाहरी कारकों जैसे कि अर्थव्यवस्था, बाजार और उद्योग की स्थिति पर भी विचार करेगा, क्योंकि यह कारक लेनदार को लोन चुकाने पर अप्रत्यक्ष प्रभाव डालेंगें जिसे बैंक को वहन करना पड़ेगा।
कोलेटरल रिस्क क्या है
कोलेटरल लेनदार की संपत्ति को संदर्भित करता है, जिसे आपकी क्रेडिट के लिए सुरक्षा के रूप में गिरवी रखा जा सकता है। इसमें अचल संपत्तियां शामिल हो सकती हैं, जैसे भूमि- जो लेनदार के नाम पर हैं या फिर बॉन्ड जैसी वित्तीय संपत्तियां।