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    चतुराई से करें अपने कर्ज का प्रबंधन

    By Edited By:
    Updated: Mon, 26 May 2014 06:44 PM (IST)

    यह समझना जरूरी है कि किस समय कौन सा कर्ज लिया जाए, ताकि कर्ज जाल में न फंसें। अपने लोन का प्रभावी प्रबंधन करने से आप जल्दी कर्जमुक्त होते हैं और पैसे बचाते हैं। इससे बिना नागा समय पर कर्ज का भुगतान होता है। हम कुछ उपाय बता रहे हैं, जिनसे आप कर्ज के बावजूद तन

    यह समझना जरूरी है कि किस समय कौन सा कर्ज लिया जाए, ताकि कर्ज जाल में न फंसें। अपने लोन का प्रभावी प्रबंधन करने से आप जल्दी कर्जमुक्त होते हैं और पैसे बचाते हैं। इससे बिना नागा समय पर कर्ज का भुगतान होता है। हम कुछ उपाय बता रहे हैं, जिनसे आप कर्ज के बावजूद तनावमुक्त रह सकते हैं।

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    क्या आपको कभी कर्ज की जरूरत महसूस हुई है? यदि उत्तर हां में है तो बधाई! आप विश्व के उन 10 फीसद प्रतिष्ठित लोगों में शामिल हैं, जिन्हें यह रसूख हासिल है। इस रुतबे का मजा लें, लेकिन यह आपके क्रेडिट स्कोर के लिए अच्छा नहीं है। बाकी 90 फीसद लोगों को लग सकता है कि कर्जमुक्त जीवन तनावमुक्त होता है। परंतु इसके बावजूद हमारी जिंदगी कर्ज मुक्त नहीं हो सकती, क्योंकि बढ़ती महंगाई के दौर में महज वेतन व बचत के बूते जीवन स्तर के साथ-साथ संपत्ति का सृजन करना लगभग असंभव हो गया है। कर्ज लेना हम सबकी जिंदगी का हिस्सा बन गया है। कर्ज लेने या कर्ज वाला जीवन जीने का निर्णय लेना कठिन नहीं है। समस्या तब शुरू होती है, जब कोई व्यक्ति अपने अन्य खर्चो की चिंता किए बगैर ऊंची ब्याज दर पर गलत कर्ज ले लेता है। लिहाजा यह समझना हमारे लिए जरूरी है कि किस समय कौन सा कर्ज लिया जाए, ताकि कर्ज के जाल में न फंसें। अपने लोन पोर्टफोलियो का प्रभावी प्रबंधन करने से आप जल्दी कर्जमुक्त होते हैं, और पैसे बचाते हैं। इससे बिना नागा समय पर कर्ज का भुगतान सुनिश्चित होता है। हम यहां कुछ उपाय बता रहे हैं जिनके जरिये आप कर्ज लेने के बावजूद तनावमुक्त रह सकते हैं।

    केवल दो क्रेडिट कार्ड लें:

    भारतीय बैंकों को क्रेडिट कार्डधारकों से काफी नुकसान हुआ है। एक रिपोर्ट के अनुसार-दिसंबर, 2012 से फरवरी, 2013 के दौरान क्रेडिट कार्डो पर कुल बकाया राशि 700 करोड़ रुपये बढ़कर 25,500 करोड़ रुपये हो चुकी थी। इससे क्रेडिट कार्ड का बकाया न अदा करने वालों का क्रेडिट स्कोर भी खराब हो गया। इसलिए हमारी सलाह है कि आप दो से ज्यादा क्रेडिट कार्ड न रखें। इनका इस्तेमाल भी तभी होना चाहिए, जब आप कुल बकाया राशि का समय पर भुगतान करने में समर्थ हों, ताकि जुर्माना न लगे। यदि किसी कारणवश आप पांच फीसद की न्यूनतम राशि अदा करते हैं, तो फिर बकाया राशि पर 40 फीसद की भारी दर से ब्याज देना पड़ेगा। क्रेडिट कार्ड पर लोन तो कभी लेना ही नहीं चाहिए।

    याद रखें, क्रेडिट कार्ड ग्राहक की सुविधा के लिए हैं, न कि मनचाहे खर्च के लिए। क्रेडिट कार्ड ग्राहकों की यह जिम्मेदारी है कि वे इनका सतर्कतापूर्वक व उतना ही उपयोग करें जिससेदेय तिथि पर पूरे बकाये का भुगतान किया जा सके। इससे रिवार्ड प्वाइंट व कैशबैक के लाभ भी ज्यादा मिलेंगे।

    लेना चाहिए एजूकेशन लोन:

    सबसे पहले अगर कोई लोन चाहिए तो वह है एजूकेशन लोन या शिक्षा ऋण। एजूकेशन लोन प्रतिष्ठित कॉलेज या शैक्षणिक संस्थान के लिए लें तो बेहतर रहेगा। गैर प्रतिष्ठित संस्थान के लिए शिक्षा ऋण लेने से बचना चाहिए। यानी यदि आप किसी टॉप इंस्टीट्यूट से एमबीए करने जा रहे हैं, तो एजूकेशन लोन लेने में संकोच न करें।

    होम लोन का मामला:

    होम लोन लेने से न केवल टैक्स की बचत होती है, बल्कि संपत्ति का सृजन भी होता है। होम लोन या गृह ऋण लेते समय इसका ख्याल रखें कि ईएमआइ आपकी कुल मासिक आमदनी के एक तिहाई से कम हो। ऐसा मकान खरीदने के लिए होम लोन लेना ठीक नहीं, जिसकी ईएमआइ के लिए आपको अपना आधा मासिक वेतन देना पड़े। इसलिए अपने बजट के भीतर रहकर ही प्रॉपर्टी खरीदें।

    कार लोन की जरूरत:

    आज के दौर में कार एक जरूरत बन गई है। बाजार में हर माह हर बजट के ग्राहक के लिए कारों के नए-नए मॉडल आ रहे हैं। ऐसे में स्वाभाविक है कि आप भी कार लेना चाहेंगे। परंतु कार खरीदने के लिए लोन लेते समय इस बात को सुनिश्चित कर लें कि इसकी ईएमआइ आपके वेतन के 10 फीसद से अधिक नहीं है। हर माह सारी कटौतियों के बाद 30 हजार रुपये वेतन पाने वाला व्यक्ति कार लोन पर 3,000 रुपये तक की ईएमआइ दे सकता है। इसलिए ऐसी कार खरीदें, जो आपके बजट से थोड़ा कम की हो। कार खरीदने के बाद उसे चलाने व मेंटेन करने में भी काफी खर्च होता है। कार के ईधन, बीमा, सर्विसिंग जैसे खर्चे आपका बजट बिगाड़ सकते हैं। कार एक दायित्व है, संपत्ति नहीं। इसलिए कार लोन लेते समय उपरोक्त बातों का ध्यान रखें।

    बचें पर्सनल लोन से:

    पर्सनल लोन या व्यक्तिगत ऋण से हर संभव बचना चाहिए। इसका विकल्प तभी चुनें, जब और कोई रास्ता न बचा हो। पर्सनल लोन पर ब्याज दर काफी अधिक होती है। छुंिट्टयों में घूमने जाने या मोबाइल फोन व कंप्यूटर खरीदने के लिए कभी पर्सनल लोन न लें। निवेश के मकसद से पर्सनल लोन लेना भी 95 फीसद लोगों को माफिक नहीं पड़ता। इसलिए आपको भी ऐसा करने से बचना चाहिए।

    इन कर्जो के अलावा अन्य कर्ज लेने से बचा जाना चाहिए। हेल्थ बीमा या अन्य प्रकार के बीमा में निवेश ठीक है। इससे न केवल आपको व आपके परिवार को संकट के वक्त सुरक्षा प्राप्त होगी, बल्कि आप कर्ज से भी दूर रहेंगे। कर्ज लेने के लिए योजना बनाने व खर्च करने में समझदारी बरतने से आप नुकसान के बजाय फायदे में रहेंगे।

    कर्ज लेने में सावधानियां:

    -25 साल की उम्र से पहले क्रेडिट कार्ड लेने से बचें।

    -क्रेडिट कार्ड पर खर्च की रकम का सौ फीसद भुगतान करें।

    -30 साल का हो जाने के बाद ही होम लोन लें।

    -होम लोन पर ईएमआइ को वेतन के एक तिहाई से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

    -कार लोन की ईएमआइ को वेतन के 10 फीसद से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

    पढ़ें: होम लोन पर काम की बातें

    ऋषि मेहरा

    सह संस्थापक

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