आखिर क्यों स्वच्छता एक सामूहिक जिम्मेदारी है?
Savlon Swasth India Mission ने स्वच्छता की गंभीरता को समझा और सोचा कि क्यों न इस जिम्मेदारी की शुरुआत हम बच्चों से करें। क्योंकि अगर बच्चों पर स्वच्छता का प्रभाव दिखेगा तो सभी लोग मिलकर इस अभियान में सहयोग देंगे। Savlon Swasth India Mission ने अपने अभियान को बच्चो के जरिए समाज में साझा करने की कोशिश की ताकि स्वच्छता प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का आधार बने।

ब्रांड डेस्क, नई दिल्ली। जरा सोचकर देखिए कि किसी स्कूल का एक बच्चा हर रोज हाथ धोकर खाना खाता है, लेकिन उसके आसपास के दूसरे बच्चे अगर ऐसा न करें, तो क्या बीमारियां रुकेंगी? एक डॉक्टर अस्पताल में सबसे पहले अपने हाथ धोता है, पर अगर मरीज और स्टाफ स्वच्छता के नियमों को न अपनाएं, तो स्वास्थ्य सुरक्षा कैसे हो? एक परिवार अपने घर में साफ-सफाई का ध्यान रखता है, पर अगर गली- मोहल्ले में गंदगी बनी रहे, तो क्या बीमारियां आने से रुकेंगी? इन सभी सवालों का जवाब एक ही है- नहीं!
स्वच्छता किसी एक व्यक्ति का कार्य नहीं, बल्कि एक सामूहिक सक्रियता है। जब तक हर व्यक्ति इसमें योगदान नहीं देगा, तब तक इसका पूरा लाभ किसी को नहीं मिलेगा। हमारे आसपास हर दिन हज़ारों लोग एक-दूसरे के संपर्क में आते हैं- स्कूल में बच्चे, कार्यालयों में सहकर्मी, बाजारों में ग्राहक और दुकानदार। इन सभी के बीच स्वच्छता की कमी कई तरह की समस्याओं को जन्म देती है, जिन्हें सिर्फ एक इंसान के प्रयास से नहीं, बल्कि सामूहिक भागीदारी से ही दूर किया जा सकता है। Savlon Swasth India Mission इसी सोच को आगे बढ़ाने का एक कदम है- जहां स्वच्छता सिर्फ एक व्यक्ति तक सीमित न रहे, बल्कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का आधार बने।
Savlon Swasth India Mission ने इस बात की गंभीरता को समझा और सोचा कि क्यों न इस जिम्मेदारी की शुरुआत हम बच्चों से करें। क्योंकि अगर बच्चों पर स्वच्छता का प्रभाव दिखेगा, तो सभी लोग मिलकर इस अभियान में सहयोग देंगे। Savlon Swasth India Mission ने अपने अभियान के लिए पात्र तो चुने बच्चे और मंच के लिए उन्होंने स्कूलों को चुना, क्योंकि स्कूल में बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावकों से भी जिम्मेदारी साझा करने का अवसर प्राप्त होता है।
Savlon Swasth India Mission ने स्कूलों में बच्चों से कई तरह की गतिविधियां करवाईं, जिनके जरिए वे बच्चों को हाथों की स्वच्छता के बारे में जागरूक कर सकें। उन्हें बताया कि हाथों की स्वच्छता उनके दैनिक जीवन में क्या बदलाव ला सकती है। उन्हें हाथ धोने के सही तरीकों से अवगत कराया गया। बच्चे जो स्कूल में सीखते हैं, वे घर पर जाकर अपने परिवार और दोस्तों के साथ अवश्य साझा करते हैं। Savlon Swasth India Mission ने सोचा कि यही तरीका है जिससे हम अपने इस अभियान से सभी को हाथों की स्वच्छता के फायदों के बारे में बता सकते हैं।
स्वच्छ हाथ, सुरक्षित हाथ:
बच्चों को हाथ धोने की प्रक्रिया बोरिंग न लगे, इसके लिए उन्होंने इसे एक मजेदार गतिविधि में बदल दिया। पहले जहां बच्चों को अभिभावक चॉक से दूर रखते थे ताकि उनके हाथ गंदे न हों, अब उन्हीं बच्चों के हाथों में चॉक दी जा रही थी और वे डर नहीं रहे थे, क्योंकि अब चॉक से हाथ गंदे नहीं होते, बल्कि साफ होते हैं। Savlon Swasth India Mission के “Chalk Sticks” अभियान ने बच्चों को चॉक के उपयोग के बाद हाथ धोने की प्रक्रिया को रोचक बना दिया। पहले जहां बच्चे हाथ धोने में आलस दिखाते थे या फिर बिना साबुन के ही हाथ धो लेते थे, Savlon Swasth India Mission ने चॉक में ही साबुन मिलाकर चॉक को एक नया रूप दे दिया। अब बच्चों को साबुन के लिए इधर-उधर जाने की ज़रूरत ही नहीं पड़ती। इस अभियान से न केवल बच्चों को, बल्कि शिक्षकों और अभिभावकों को भी राहत मिली है। अब बच्चों ने ठीक से हाथ धोए या नहीं, इस बात की चिंता कुछ हद तक कम हो गई है।
Savlon Swasth India Mission ने बच्चों के हाथों की स्वच्छता के कार्यक्रम को और मजबूत बनाने के लिए “ID Guard” अभियान की शुरुआत की। इस अभियान में बच्चों के ID Card को एक हैंडवॉश के रूप में बदलने की कोशिश की गई, जिसका उद्देश्य यही था कि बच्चे अपने हाथों की सुरक्षा के प्रति हमेशा सजग रहें। यह बच्चों के लिए एक नई गतिविधि थी, जिसे करने में उन्हें बहुत मजा आ रहा था और उनकी जिज्ञासा भी बढ़ रही थी।बच्चों ने आपस में इस बारे में बातचीत की और हाथों की सुरक्षा का क्या महत्व है, इस पर चर्चा करना शुरू किया। बच्चों ने इसे खेल-खेल में एक गतिविधि के रूप में अपनाना शुरू किया, जिससे उनके हाथों की स्वच्छता के प्रति रुचि और जागरूकता दोनों बढ़ी।और Savlon Swasth India Mission के लिए यह एक बड़ी सफलता साबित हुई।
स्वच्छ हाथ केवल एक आदत नहीं, जीवनशैली है
स्वच्छता सिर्फ एक व्यक्ति की आदत नहीं, बल्कि एक सामाजिक दायित्व है। जब हम स्वच्छता को एक सामूहिक जिम्मेदारी के रूप में देखते हैं, तभी इसका असर दिखता है। भारत जैसे विशाल देश में, जहां हर दिन करोड़ों लोग एक-दूसरे के संपर्क में आते हैं, स्वच्छता का महत्व और भी बढ़ जाता है। इसी सोच को मजबूत करने के लिए Savlon Swasth India Mission ने कुछ अभियानों की शुरुआत की, जिनका उद्देश्य न केवल हाथों की स्वच्छता की जानकारी देना था, बल्कि लोगों को यह बताना भी था कि हाथों की स्वच्छता किसी व्यक्ति विशेष की नहीं, बल्कि एक समूह, एक समाज और यहां तक कि पूरे देश की जिम्मेदारी है… और इसे मिलकर निभाना है।
“सबके साथ, सबके हाथ” की अवधारणा को लेकर यह अभियान आगे बढ़ रहा है और Savlon Swasth
India Mission का प्रभाव और उनका उद्देश्य भी स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।
Note:- यह आर्टिकल ब्रांड डेस्क द्वारा लिखा गया है।
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