स्वच्छता अभियान में स्कूलों की भूमिका: एक महत्वपूर्ण योगदान
Savlon Swasth India Mission ने यह निर्णय लिया कि स्वच्छता जैसे महत्वपूर्ण विचार को एक स्कूल की नींव में शामिल कर दिया जाए तो पूरे समाज का भविष्य स्वस्थ बन सकता है। Savlon Swasth India Mission इसी दृष्टि से काम कर रहा है जिसमें हाइजीन को सिर्फ एक सोच नहीं बल्कि जीवन का एक आवश्यक हिस्सा बनाया जाए और स्वच्छता की ये शुरुआत की उन्होंने हाथों की सफाई से।

ब्रांड डेस्क, नई दिल्ली। नींव चाहे घर की हो, समाज की हो, देश की हो, विचारों की हो या फिर व्यवहारों की, मजबूत होनी चाहिए, क्योंकि मजबूत नींव ही भविष्य में होने वाली घटनाओं के आधार को तैयार करती है। कहते हैं कि बच्चों को जो भी सिखाना हो शुरू के सालों में सिखा दिया जाए तो वे जिंदगी भर याद रखते हैं क्योंकि बालमन भी एक बीज की तरह होता है- जो भी संस्कार, सोच और व्यवहार हम इस अवस्था में डालते हैं, वही आगे चलकर व्यक्ति और समाज का रूप धारण कर लेता है। ज्ञान का पहला अध्याय घर से शुरू होता है, लेकिन व्यवहारिक जीवन की सबसे बड़ी पाठशाला स्कूल है।
स्कूल: स्वच्छता का केंद्र
स्कूल सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं होते, बल्कि जीवन जीने की कला भी सिखाते हैं- समय का महत्व, अनुशासन, सामाजिक व्यवहार और सबसे ज़रूरी, स्वस्थ रहने की आदत। स्वच्छता एक आदत नहीं, एक जीवन दर्शन है, जो अगर बचपन से सीख लिया जाए, तो एक स्वस्थ समाज की नींव बन सकती है। और इसी सोच को साकार रूप देने के लिए Savlon Swasth India Mission ने स्कूल को अपना एक हाइजीन अभियान का केंद्र बनाया ।
ITC के Savlon Swasth India Mission ने यह निर्णय लिया कि स्वच्छता जैसे महत्वपूर्ण विचार को एक स्कूल की नींव में शामिल कर दिया जाए, तो पूरे समाज का भविष्य स्वस्थ बन सकता है। Savlon Swasth India Mission इसी दृष्टि से काम कर रहा है, जिसमें हाइजीन को सिर्फ एक सोच नहीं, बल्कि जीवन का एक आवश्यक हिस्सा बनाया जाए और स्वच्छता की ये शुरुआत की उन्होंने हाथों की सफाई से। Savlon Swasth India Mission मानता है कि एक सुधार तभी संभव है जब सिर्फ जानकारी देने के साथ-साथ उसके लिए आवश्यक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएं। अगर स्कूलों में संपूर्ण स्वच्छता सुविधाएं हो तो स्वच्छता की आदतें विकसित करना और भी आसान हो जाता है। ITC का यह प्रयास, Savlon Swasth India Mission, 2016 में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य हाथों की स्वच्छता के प्रति व्यवहार में बदलाव लाना था। Savlon Swasth India Mission ने शुरुआत से ही 25,000 से अधिक स्कूलों में 10 मिलियन से ज्यादा बच्चों तक अपनी पहुंच बनाई और हाथों की स्वच्छता के महत्व को समझाने में सफल रहा है।
हाथों की सुरक्षा: बच्चों के द्वारा, बच्चों के लिए
2024 में, ग्लोबल हैंड हाइजीन डे के अवसर पर, Savlon Swasth India Mission ने "जब तक आप हाथ नहीं धोते, आपके हाथ आपके नहीं होते" जैसे संदेश के माध्यम से हाथ स्वच्छता के महत्व को पुनः प्रस्तुत किया। 2016 में शुरू किए इस अभियान को इतने बड़े स्तर पर ले जाना इतना आसान नहीं था, लेकिन स्कूलों के सहयोग से Savlon Swasth India Mission अपने लक्ष्य को पाने में कामयाब रहा और आज भी उसी प्रयास में लगा है कि इसे और कितना आगे ले जाया जा सके।
एक रिपोर्ट के अनुसार 87% माताओं ने बताया कि Savlon Swasth India Mission के हैंड हाइजीन के प्रयासों के कारण उनके बच्चे कम बीमार पड़े और 90% बच्चों ने हाथ धोने के स्टेप को बहुत अच्छे से याद कर लिया है। बच्चों को यह याद रहे इसके लिए Savlon Swasth India Mission ने कई अभियान शुरू किए, जिनमें ID Guard और Chalk Sticks शुरुआती स्तर पर शामिल थे। बच्चों के ID Card को पोर्टेबल हैंडवॉश में बदला गया और chalk stick को साबुन में। बच्चों को स्कूल में ट्रेनिंग दी गई कि हाथ धोने का सही तरीका क्या है और इसे एक खेल के रूप में बताया गया और यह सुनिश्चित किया गया कि स्कूल में बच्चे खाने से पहले, खाने के बाद, शौच के बाद और खेल के बाद अपने हाथ ज़रूर धोएं।
क्रिकेट किस बच्चे को नहीं पसंद? Savlon Swasth India Mission ने बच्चों के इंटरेस्ट को ध्यान में रखते हुए क्रिकेट गुरु सचिन तेंदुलकर से बात की, उन्हें अपने इस मिशन के बारे में बताया और एक बहुत ही अद्भुत तरीके से बच्चों को उनके साथ साझा किया। Savlon Swasth India Mission ने अपने Hand Ambassador अभियान के तहत सचिन जी की आवाज़ और उनके हाथ को अपना माध्यम बनाया और बच्चों तक यह संदेश पहुंचाया कि हाथों की स्वच्छता कितनी महत्वपूर्ण है। स्कूल में बच्चों को हाथ धोने के फायदे और न धोने के नुकसान बताए गए, बहुत सारी एक्टिविटीज़ और प्रोग्राम्स के ज़रिए उन्हें यह समझाया गया कि हाथों की स्वच्छता कितनी महत्वपूर्ण है। बच्चों को अगर एक ही बात अलग-अलग तरीकों से बताई जाए, समझाई जाए, दिखाई जाए तो वो उसे अपने जीवन में शामिल कर लेते हैं।
हाथों की स्वच्छता: एक सामाजिक जिम्मेदारी
हाइजीन एक व्यक्ति विशेष की नहीं, बल्कि पूरे समाज की ज़िम्मेदारी है और ITC ब्रांड का Savlon Swasth India Mission इसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। Savlon Swasth India Mission हाइजीन एजुकेशन को एक आदत और व्यवहार का रूप देने के लिए प्रतिबद्ध है। यहां हर बच्चा हाइजीन चैंपियन बन सके, जो सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक स्वस्थ भविष्य की नींव रखे। जब हाइजीन एक संस्कार बन जाए, तभी एक स्वस्थ और सुरक्षित भविष्य संभव है!
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