Savlon Swasth India Mission ने स्वच्छ हाथों के जरिए सिखाया मौसमी बीमारियों से बचने का तरीका
Savlon Swasth India Mission हाथों की स्वच्छता के बारे में जागरूक करने के लक्ष्य के साथ स्कूलों में कई कार्यक्रम चला रहा है जिनके माध्यम से बच्चों को यह समझाया जाता है कि हाथों की सफाई उनके जीवन में कितनी महत्वपूर्ण है। इन्हें सही तरीके से हाथ धोने के महत्व को रोचक और सरल भाषा में समझाने के लिए कई गतिविधियां करवाई जाती हैं।

ब्रांड डेस्क, नई दिल्ली। भारत को विविधताओं का देश कहा जाता है। यहां न केवल संस्कृति और परंपराओं में विविधता है, बल्कि ऋतुओं में भी भिन्नता देखने को मिलती है। भारत में केवल गर्मी और सर्दी नहीं होती, बल्कि छह ऋतुएं होती हैं और हर ऋतु अपने साथ नए रंग, नया खानपान, नया पहनावा और नए स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां लेकर आती है। सर्दियों में फ्लू, बरसात में वायरल संक्रमण और गर्मियों में फूड पॉइजनिंग जैसी बीमारियां आम हो जाती हैं। इन मौसमी बीमारियों के फैलने का सबसे बड़ा कारण होता है – कीटाणुओं का तेजी से प्रसार। और यही वह समय होता है जब एक छोटी-सी आदत, जिसे हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं, बहुत बड़ा अंतर ला सकती है- हाथों की सफाई!
क्या आपने कभी सोचा है कि हमारे हाथ दिनभर में कितने बैक्टीरिया और वायरस के संपर्क में आते हैं? हम रोजाना अनगिनत चीजों को छूते हैं- दरवाजों के हैंडल, मोबाइल फोन, पैसे और कई ऐसी स्थान जिनके संपर्क में पहले ही कई लोग आ चुके होते हैं। ये स्थान संक्रमण फैलाने का सबसे बडा माध्यम बनती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, केवल सही तरीके से हाथ धोने से 30-50% तक संक्रमण कम किए जा सकते हैं।
ऋतु अनेक : समाधान एक
हर ऋतु की अपनी विशिष्ट बीमारियां होती हैं, जो हाथों के माध्यम से आसानी से फैल सकती हैं।
● गर्मियों में फूड पॉइजनिंग और टाइफाइड का खतरा बढ जाता है, क्योंकि गर्मी में बैक्टीरिया तेजी से पनपते हैं।
● बरसात में पेट से जुड़ी बीमारियां अधिक फैलती हैं, क्योंकि गंदा पानी और नमी कीटाणुओं को जीवित रखते हैं।
● सर्दियों में फ्लू, सर्दी-खांसी और वायरल संक्रमण तेजी से बढते हैं, क्योंकि इस दौरान लोग ज्यादातर घरों में रहते हैं और वायरस बंद स्थानों पर जल्दी फैलते हैं।
लेकिन इन सभी बीमारियों से एक हद तक बचने का या फिर यूं कहें तो इन बीमारियों को काफी हद तक रोकने का एक प्रभावी तरीका है- हाथों की स्वच्छता इन सभी संक्रमणों के सबसे आसान शिकार होते हैं- बच्चे। चाहे सर्दी हो, गर्मी हो या बरसात, बच्चों को स्कूल जाना ही पड़ता है, और उनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) उतनी मजबूत नहीं होती। ऐसे में, बच्चों को हाथों की स्वच्छता के प्रति जागरूक बनाना बहुत जरूरी हो जाता है। न केवल खाने से पहले और बाद में, बल्कि खेलने, किताबें छूने या दोस्तों के संपर्क में आने के बाद भी हाथ धोना जरूरी होता है।
एक लक्ष्य - स्वच्छ हाथ
Savlon Swasth India Mission इसी लक्ष्य के साथ स्कूलों में कई कार्यक्रम चला रहा है, जिनके माध्यम से बच्चों को यह समझाया जाता है कि हाथों की सफाई उनके जीवन में कितनी महत्वपूर्ण है। इन्हें सही तरीके से हाथ धोने के महत्व को रोचक और सरल भाषा में समझाने के लिए कई गतिविधियां करवाई जाती हैं।
2016 में शुरू हुआ ITC का Savlon Swasth India Mission, भारत में हाथ स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए सबसे बड़ा स्कूल-आधारित स्वास्थ्य और स्वच्छता कार्यक्रम बन चुका है। इस मिशन के तहत अब तक 1 करोड़ से अधिक बच्चों को हाथ धोने की सही तकनीक सिखाई गई है।
इसके अतिरिक्त, इस मिशन ने कई पहल की हैं, जैसे-
● Savlon Healthy Hands Chalk Stick, जो बच्चों को हाथ धोने की आदत सिखाने का अनूठा प्रयास है।
● ID Guard, Hand Ambassador, No Hands Unwashed जैसे अभियानों के जरिए भी हाथों की स्वच्छता का संदेश लोगों तक पहुंचाया गया।
एक कदम स्वच्छ भारत की ओर
मौसमी बीमारियों से बचने के लिए सिर्फ इलाज नहीं, बल्कि रोकथाम भी आवश्यक है। हाथ धोना एक आसान और प्रभावी उपाय है जो हमें अनगिनत खतरनाक बीमारियों से बचा सकता है। इसलिए जरूरी है कि हम इस आदत को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं और स्वच्छता के मामले में कोई समझौता न करें। Savlon Swasth India Mission जैसे प्रयास इस जागरूकता को बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। आइए, हाथों की सफाई को अपनी प्राथमिकता बनाएं और स्वस्थ भारत की ओर एक कदम आगे बढ़ाएं।
Note:- यह आर्टिकल ब्रांड डेस्क द्वारा लिखा गया है।
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