Savlon Swasth India Mission ने दिया स्वच्छता का नया मूल मंत्र: छोड़ें पुरानी आदतें, अपनाएं स्वच्छता के नए तरीके
Savlon Swasth India Mission का लक्ष्य सिर्फ स्वच्छता के बारे में जागरूकता फैलाना नहीं है बल्कि लोगों को उन पुरानी हानिकारक आदतों को छोड़ने के लिए प्रेरित करना है जो सफाई की राह में बाधा बनती हैं। Savlon Swasth India Mission के ,HandwashFirst के जरिए यह दिखाया गया कि हाथ धोना कितना जरूरी है और हमें कब-कब अपने हाथ धोने चाहिए।

ब्रांड डेस्क, नई दिल्ली। महात्मा गांधी ने कहा था, "स्वच्छता स्वतंत्रता से अधिक महत्वपूर्ण है।" उन्होंने हमेशा व्यक्तिगत और सार्वजनिक स्वच्छता पर जोर दिया। लेकिन, क्या हम वास्तव में स्वच्छता को अपनी आदत बना पाए हैं? क्या हमने गंदी आदतों को पूरी तरह छोड़ दिया है? हमें हमेशा सिखाया जाता है कि नई अच्छी आदतें अपनानी चाहिए, लेकिन यह शायद ही कभी बताया जाता है कि पुरानी गलत आदतों को छोड़ना क्यों जरूरी है। खासकर जब बात स्वच्छता शिक्षा की हो, तो कई बार हमें अनलर्न (सीखे हुए गलत अभ्यासों को छोड़ना) करना पड़ता है यानि उन धारणाओं और व्यवहारों को छोड़ना जो हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।
स्वच्छता एक आदत नहीं, बल्कि एक मानसिकता है। लेकिन क्या हम सही मायनों में स्वच्छता को अपने जीवन में आत्मसात कर पाए हैं? अक्सर हम बचपन से सीखी गई कई गलत धारणाओं को अनजाने में अपनाए रखते हैं। यह वही आदतें हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकती हैं। स्वच्छता का मतलब सिर्फ साफ-सुथरा दिखना नहीं है, बल्कि उन सभी आदतों को अपनाना है, जो हमें बीमारियों से बचाएं।
Savlon Swasth India Mission का लक्ष्य सिर्फ स्वच्छता के बारे में जागरूकता फैलाना नहीं है, बल्कि लोगों को उन पुरानी, हानिकारक आदतों को छोड़ने के लिए प्रेरित करना है, जो सफाई की राह में बाधा बनती हैं। भारत में, स्वच्छता को लेकर कई मिथक और गलत धारणाएं वर्षों से बनी हुई हैं। जैसे-गंदगी से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। कई लोग मानते हैं कि बच्चे अगर मिट्टी में खेलेंगे या गंदगी में रहेंगे, तो उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी। लेकिन वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि खराब स्वच्छता के कारण डायरिया, निमोनिया और अन्य संक्रामक बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी खान-पान और स्वच्छता के संतुलन से विकसित होती है, न कि गंदगी में रहने से।
हाथों पर कीटाणु आंखों से नहीं दिखते, लेकिन वे हर सतह से चिपक जाते हैं-दरवाजे के हैंडल, मोबाइल फोन, मुद्रा नोट, और यहां तक कि हमारे चेहरे को बार-बार छूने से। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, ठीक से हाथ न धोने से संक्रमण का खतरा 40% तक बढ़ जाता है। इसलिए, नियमित रूप से सही तरीके से, एक उचित हैंडवॉश से हाथ धोना बेहद जरूरी है, चाहे हाथ गंदे दिखें या नहीं। हम अक्सर सिर्फ खाने से पहले हाथ धोते हैं, लेकिन क्या आपने सोचा है कि हाथ धोने के सही समय और भी कई हैं? Savlon Swasth India Mission के #HandwashFirst के जरिए यह दिखाया गया कि कैसे हमारे हाथ अलग-अलग सतहों को छूते हैं और अनजाने में हम उन्हें अपने मुंह तक ले जाते हैं। इस कार्यक्रम के दौरान Savlon Swasth India Mission ने बताया कि हाथों की स्वच्छता कितनी जरूरी है और हमें कब-कब अपने हाथ धोने चाहिए। Savlon Swasth India Mission ने सचेत किया कि बाहर से आने के बाद, शौचालय के इस्तेमाल के बाद, किसी बीमार व्यक्ति से मिलने के बाद, और मोबाइल या कंप्यूटर का इस्तेमाल करने के बाद भी हाथ धोना जरूरी है। यह न केवल हमें बल्कि हमारे आसपास के लोगों को भी सुरक्षित रखता है।
हममें से कई लोग घर की सफाई को प्राथमिकता देते हैं, लेकिन सार्वजनिक स्थानों पर स्वच्छता बनाए रखने को नजरअंदाज कर देते हैं। सड़क पर कचरा फेंकना, सार्वजनिक शौचालयों का सही इस्तेमाल न करना, और खुले में थूकना- ये सभी गंदी आदतें हैं, जिन्हें बदलना जरूरी है। समाज की सफाई हमारी व्यक्तिगत जिम्मेदारी भी है। स्वच्छता की आदतें घर से ही विकसित होती हैं। माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों को सही स्वच्छता सिखाएं- उन्हें हाथ धोने का सही तरीका बताएं, उन्हें सार्वजनिक स्वच्छता के प्रति संवेदनशील बनाएं और उन्हें यह समझाएं कि सफाई सिर्फ एक आदत नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है। लेकिन यह जितना आसान दिखता है, उतना है नहीं।
Savlon Swasth India Mission ने अपने हैंड एंबेसडर अभियान से बच्चों को बहुत आकर्षित किया, क्योंकि इस अभियान को एक बहुत ही अलग तरीके से प्रस्तुत किया गया था। जहां क्रिकेट सम्राट सचिन तेंदुलकर की आवाज से बच्चे इस अभियान की ओर आकर्षित हो रहे थे, वहीं उनके हाथों के मजेदार तरीके से बात करने के अंदाज ने बच्चों को अपने हाथ स्वच्छ रखने के लिए प्रेरित किया।
Savlon Swasth India Mission ने अपने अभियान के जरिए न केवल स्कूली बच्चों बल्कि पूरे समाज तक यह संदेश पहुंचाने की कोशिश की है कि हाथों की स्वच्छता कितनी आवश्यक है। इस मिशन ने हाथों को स्वच्छ रखने की सही प्रक्रिया को लोगों तक पहुंचाया है। हमें यह समझने की बहुत जरूरत है कि आज प्रदूषण के कारण हर चीज दूषित हो चुकी है और यदि हमें खुद को स्वस्थ और सुरक्षित रखना है, तो हाथों की स्वच्छता हमारा पहला उद्देश्य होना चाहिए- जो कि Savlon Swasth India Mission का भी उद्देश्य है।
Note:- यह आर्टिकल ब्रांड डेस्क द्वारा लिखा गया है।
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